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Yogi Model: सुरक्षा, सांस्कृतिक गौरव व विकास से यूपी बना नए भारत का इंजन
विजन 2047 में यूपी को विकसित प्रदेश बनाने की रणनीति, निवेश-पर्यटन में ऐतिहासिक उछाल
Yogi Model ( image from Social Media)
Yogi Model: उत्तर प्रदेश में हाल में विधान सभा का 24 घंटे का सत्र आयोजित किया गया। जिसमें वर्ष 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश के विज़न का खाका प्रस्तुत किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी सटीक रणनीति के साथ यूपी को वर्ष 2047 तक कैसे एक विकसित प्रदेश बनाया जाएगा उसका विज़न सदन के माध्यम से प्रदेश और देश के सामने रखा। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को अक्सर “बिमारू राज्यों” में शामिल किया जाता था—जहाँ अपराध, निहित स्वार्थ और अव्यवस्था राज्य की प्रमुख पहचान थी। उस समय की चुनौतियाँ स्पष्ट थीं: उच्च अपराध दर, निवेश की कमी, कृषि पर निर्भर अर्थव्यवस्था, औद्योगिक बुनियादी ढाँचे की कमजोरी और सांस्कृतिक-पर्यटनिक धरोहरों की उपेक्षा।
इस पृष्ठभूमि में जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला, तो सूत्रपात हुआ एक रणनीतिक परिवर्तन का, जिसकी रूपरेखा प्रगति, सुरक्षा, निवेश और सांस्कृतिक नवजागरण की धाराओं में बही। उत्तर प्रदेश को “नए भारत के ग्रोथ इंजन” के रूप में उभारने की दिशा में।
बात करें अगर कानून-व्यवस्था और सुशासन की तो NCRB के अनुसार, वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश की अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या 171।6 रही, जबकि राष्ट्रीय औसत 258 था। इससे स्पष्ट है कि राज्य की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर रही—रैंक में 18वाँ स्थान मिला। 2020 में, हत्या और बलात्कार जैसे गम्भीर अपराधों में पिछले सात वर्षों में सबसे कम आंकड़े दर्ज किए गए थे; ये संकेत देते हैं कि सुधार की दिशा में कार्य हुआ है।
लेकिन इनका मतलब यह नहीं कि चुनौतियाँ समाप्त हो गईं, लेकिन यह निश्चित है कि “जीरो टॉलरेंस नीति”, आधुनिक तकनीकी संसाधनों, मिशन शक्ति, एंटी-रोमियो स्क्वाड और पुलिस सुधारों ने स्पष्ट प्रभाव छोड़ा है।
किसी भी राज्य में अपराधों में कमी का सीधा असर निवेश पर पड़ता है।
औद्योगिक विकास, निवेश और आधारभूत ढांचे की बात की जाए तो राज्य की पूंजीगत व्यय 2017 में ₹69,789 करोड़ से बढ़कर 2025 में ₹1,47,719 करोड़ हो गई है। एक्सप्रेसवे की संख्या दो से बढ़कर 22 हो चुकी है; वर्तमान में सात सक्रिय, पाँच निर्माणाधीन, और दस प्रस्तावित हैं। उत्तर प्रदेश अब भारत के एक्सप्रेसवे नेटवर्क का 42% हिस्सा रखता है (लगभग 1,200 किमी), और गंगा एक्सप्रेसवे सहित परियोजनाओं के पूरा होने पर यह बढ़कर 62% होने की संभावना है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (91 किमी) को 20 जून 2025 को उद्घाटित किया गया—इसकी कुल लागत लगभग ₹5,876 करोड़ रही।
इनके अतिरिक्त उद्योग परियोजनाएँ: 45 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएँ पूर्ण रूप से कार्यान्वित हुईं—यह युवाओं के लिए 60 लाख से अधिक रोजगार सृजित करने में सहायक होंगी। MSME क्षेत्र में 96 लाख इकाइयां स्थापित हुईं, और 1।75 करोड़ रोजगार सुनिश्चित हुए। अगर बात की जाए विदेशी निवेश की तो 2000–2017 के ₹3,303 करोड़ से बढ़कर 2017–2025 में ₹16,316 करोड़ हो गया है। योगी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए यूपी डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना की है। यूपी डिफेंस कॉरिडोर में ₹28,475 करोड़ के निवेश आकर्षित हुए, और ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं हुईं हैं।
निर्माणकारी क्षेत्र में UP अब देश का मैन्युफैक्चरिंग पॉवरहाउस बन चुका है। यहाँ मोबाइल उद्योग में 55% और मोबाइल कंपोनेंट्स में 50% योगदान है; टेक्सटाइल्स में 13% उत्पादन, 2024 में ₹2,492 करोड़ के निवेश हुआ है जिससे लाखों नौकरियों का सृजन हुआ है। जैसे की पीएम मित्र पार्क ने एक लाख रोजगार दिये; EV, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा मिला है। हम सभी को ये मालूम ही है कि योगी सरकार में
धार्मिक-सांस्कृतिक पुनर्जागरण हुआ है और पर्यटन के क्षेत्र अभूतपूर्व तरक्की हुई है। साल 2023 में प्रदेश में 48 करोड़ पर्यटन आगमन दर्ज हुआ, जो 2016-17 के ₹11,000 करोड़ पर्यटन राजस्व से बढ़कर, 2028 तक ₹70,000 करोड़ की दिशा में बढ़ रहा है।
2024 में पर्यटन संख्या 65 करोड़ पहुंच गई—जिसमें विदेशी पर्यटकों की संख्या में 25% से अधिक की वृद्धि हुई है। अयोध्या अब UP का सबसे अधिक पर्यटन स्थल बन चुका है—2024 में यहाँ 13।55 करोड़ घरेलू तथा विदेशी यात्रियों ने दर्शन किए, जिससे आगरा (125।1 मिलियन) से आगे निकल गया । 2024 के पहले छमाही में लगभग 33 करोड़ यात्री यूपी आए; उनमें से अयोध्या में अकेले 11 करोड़ लोग पहुँचे। तीर्थ पर्यटन की योजनाओं में ₹85,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिसमें से लगभग 47% (₹40,000 करोड़) अयोध्या, वाराणसी एवं मथुरा-वृंदावन को दिए गए; इससे लगभग 2।5 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे। अयोध्या पर्यटन से वार्षिक ₹55,000 करोड़ की राजस्व संभावना बताई गई है।
त्योहारों के दौरान तीर्थ स्थलों के पास भारी यातायात होता है। उदाहरण के लिए, मार्च में गंगा का आरती, राम मंदिर आदि के लिए रोजाना लाखों श्रद्धालुओं का आगमन हुआ। सांस्कृतिक पुनरुत्थान स्पष्ट है। वहीं बनारसी उद्योग, हस्तशिल्प, छोटे उद्यम, गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण, अयोध्या एयरपोर्ट , डिजिटल गाइडेंस, पर्यटन सेवा डिजिटलीकरण जैसी सुविधाओ से मज़बूती आई है।
अगर बात सामाजिक कल्याण योजनाओं की करें तो सरकारी योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि, कर्ज माफी, और ODOP कार्यक्रम, जिन्होंने हस्तशिल्प और क्षेत्रीय उत्पादों को बढ़ावा दिया, उल्लेखनीय हैं। इनसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ, रोजगार बढ़ा और सामाजिक-आर्थिंक कल्याण को गति मिली है। शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल गवर्नेंस के ज़रिए ऑपरेशन कायाकल्प जैसे प्रयासों से सरकारी विद्यालयों का आधारभूत ढाँचा सुधारा गया। 20 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज खोले गए, जिलों को AIIMS से जोड़ा गया; COVID-19 के दौरान ट्रेसिंग-ट्रैकिंग-ट्रीटमेंट मॉडल की दूर-दूर तक सराहना हुई। ई-गवर्नेंस एवं ऑनलाइन सेवाओं की शुरूआत से प्रशासन पारदर्शी और पहुँच में सहज हुआ; युवा स्वरोजगार और स्टार्टअप नीति, डिजिटलाइजेशन से लाभान्वित हुए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में पेश “Vision Document 2047” में जो लक्ष्य पेश किए उनमें , शून्य गरीबी, उन्नत आधारभूत ढाँचा, उच्च प्रति-व्यक्ति आय, अंतरिक्ष और AI आधारित टेक्स्ट नीति, महिलाओं की अधिक भागीदारी—ये सब 2047 तक UP को दुनिया का विकसित प्रदेश बनाने की दिशा दर्शाते हैं।
उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी ₹12।71 लाख करोड़ (2017) से बढ़कर अब ₹29 लाख करोड़ से ऊपर पहुँच गई। प्रति व्यक्ति आय में 50% की वृद्धि दर्ज की गई है। ₹40 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। ये सब दीर्घकालिक रणनीति की दृढ़ता दर्शाते हैं।
योगी आदित्यनाथ के 2017–2025 का आठ-वर्ष का शासनकाल उत्तर प्रदेश के लिए ट्रांसफ़ॉर्मेशन का कालखंड रहा है।
इसमें कानून-व्यवस्था में व्यापक सुधार,अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर व औद्योगिक निवेश में वृद्धि। धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन में वृद्धि। आर्थिक और सामाजिक कल्याण योजनाओं का विस्तार,शिक्षा-स्वास्थ्य में सुधार और डिजिटल शासन और सबसे महत्वपूर्ण—2047 तक विकसित प्रदेश बनने की दीर्घकालिक दृष्टि
इन सबका समन्वित प्रभाव उत्तर प्रदेश को “नए भारत का विकास इंजन” और आध्यात्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अग्रदूत राज्य के रूप में स्थापित कर रहा है।
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