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‘एक राष्ट्र, एक चुनाव' के कर्णधार जानिए कौन हैं पी.पी. चौधरी
Politician PP Choudhary Biography: पी.पी. चौधरी की पहचान एक ईमानदार, दक्ष और दूरदर्शी सांसद के रूप में होती है। 12 जुलाई को पी.पी. चौधरी के जन्मदिवस के मौके पर आइए जानते हैं इनके राजनैतिक और व्यक्तिगत जीवन के बारे में।
Politician PP Choudhary (Image Credit-Social Media)
Politician PP Choudhary: भारतीय राजनीति में कुछ नाम ऐसे होते हैं जो न केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोकप्रिय होते हैं, बल्कि संसद में भी अपनी उपस्थिति और सक्रियता के लिए जाने जाते हैं। पी.पी. चौधरी ऐसे ही एक अनुभवी नेता हैं जो राजस्थान के पाली से 2014, 2019 और 2024 में भारी बहुमत से लोकसभा पहुंचे और केंद्र सरकार में राज्य मंत्री जैसे जिम्मेदार पदों का निर्वहन किया। एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले चौधरी आज संसद की कई अहम समितियों के सदस्य और अध्यक्ष हैं। उनकी पहचान एक ईमानदार, दक्ष और दूरदर्शी सांसद के रूप में होती है। 12 जुलाई को पी.पी. चौधरी के जन्मदिवस के मौके पर आइए जानते हैं इनके राजनैतिक और व्यक्तिगत जीवन से जुड़े पहलुओं के बारे में विस्तार से-
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
पी.पी. चौधरी का जन्म 12 जुलाई 1953 को राजस्थान के जोधपुर जिले के भावी गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रभु राम चौधरी और माता का नाम धाकू देवी था। बचपन से ही अनुशासन और राष्ट्र सेवा की भावना उनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के जुड़ाव से विकसित हुई। उन्होंने जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से बी.एससी. और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की।
शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने 1978 में जोधपुर उच्च न्यायालय से वकालत की शुरुआत की। जल्द ही वे एक सफल और प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में पहचाने जाने लगे। उनका कानून का गहरा ज्ञान और संविधान की समझ बाद में उनके राजनीतिक जीवन की मजबूती बनी। उनका विवाह वीणा पाणि चौधरी से हुआ और उनके दो संतानें हैं।
राजनीतिक यात्रा तीन बार पाली से जीत और शानदार संसद-प्रदर्शन
पी.पी. चौधरी ने 2014 के आम चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर पाली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से चार लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। 2019 में उन्होंने अपनी जीत को और मजबूत करते हुए पांच लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की और 2024 में तीसरी बार 2.5 लाख वोटों के अंतर से सांसद चुने गए। लोकसभा में उनकी सक्रियता और नीतिगत समझ को देखते हुए उन्हें दो बार 2015 और 2016 में ‘संसद रत्न पुरस्कार’ से नवाजा गया, जो लोकसभा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सांसदों को दिया जाता है।
मंत्री पद की जिम्मेदारियां
और कानून, डिजिटल इंडिया और कॉर्पोरेट क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम-
1- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (5 जुलाई 2016 - 30 मई 2019)
राज्य मंत्री के रूप में पी.पी. चौधरी ने डिजिटल इंडिया अभियान को ग्रामीण भारत तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने करीब 1 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा और गांवों तक वाई-फाई हॉटस्पॉट पहुंचाने की पहल की। उनका उद्देश्य था कि शहरी और ग्रामीण डिजिटल खाई को पाटा जा सके।
2- कानून एवं न्याय मंत्रालय (2016-2019)-
राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और गति लाने के लिए कई पहलों का नेतृत्व किया। उन्होंने अप्रैल 2018 में मोरक्को के माराकेच में हुए अंतरराष्ट्रीय कानून मंत्रियों के सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया और ताशकंद में एससीओ देशों के न्याय मंत्रियों की बैठक में भी भारत का नेतृत्व किया।
3- कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय (3 सितंबर 2017 से)-
चौधरी ने इस मंत्रालय में दो लाख पचास हजार से अधिक शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें हटाने का साहसिक निर्णय लिया। इससे भारत के कॉर्पोरेट वातावरण को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना गया।
वर्तमान में क्या पद है?
वर्तमान में पी.पी. चौधरी 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' संबंधी संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा वे कई महत्वपूर्ण संसदीय समितियों के सदस्य भी हैं। जिनमें प्राक्कलन समिति,
कार्य मंत्रणा समिति, वित्त समिति, विधि एवं न्याय समिति, आयकर विधेयक 2025 संबंधी प्रवर समिति,
गृह मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति आदि शामिल हैं।
साथ ही, वे पहले विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष, जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2022 संबंधी समिति, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019 और लाभ के पदों पर नियुक्तियों की संयुक्त समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं।
सामाजिक सरोकार और व्यक्तित्व
पी.पी. चौधरी का जीवन न केवल संसद और कानून के गलियारों तक सीमित रहा, बल्कि वे समाज से गहरे रूप से जुड़े रहे हैं। ग्रामीण विकास, शिक्षा, डिजिटल साक्षरता और कानूनी जागरूकता के क्षेत्र में उन्होंने लगातार कार्य किया है। पाली जैसे अर्ध-शहरी क्षेत्र के सांसद होते हुए भी उन्होंने डिजिटल कनेक्टिविटी से लेकर कॉर्पोरेट पारदर्शिता और न्यायिक सुधार तक, कई अहम मुद्दों पर संसद में स्पष्ट और प्रभावशाली भूमिका निभाई।
उनका स्वभाव संयमित, व्यावहारिक और दूरदर्शी माना जाता है। वे अपनी सादगी और विनम्र व्यवहार के लिए पाली के मतदाताओं में अत्यंत लोकप्रिय हैं। उन्होंने संसद में सदस्यों की उपस्थिति और प्रश्न पूछने जैसे मापदंडों में भी कई बार शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
उपलब्धियां और सम्मान
संसद रत्न पुरस्कार (2015 और 2016) लगातार दो वर्षों तक उत्कृष्ट संसद कार्य के लिए सम्मानित, तीन बार भारी बहुमत से लोकसभा में विजय – 2014, 2019 और 2024, केंद्रीय मंत्रालयों में जिम्मेदारीऔर कई महत्त्वपूर्ण विधेयकों व कार्यक्रमों का नेतृत्व,2.5 लाख शेल कंपनियों पर कार्रवाई कर भारतीय कॉर्पोरेट शासन में पारदर्शिता लाने का श्रेय,देश-विदेश में भारत का प्रभावशाली प्रतिनिधित्व,
डिजिटल इंडिया को गांवों तक पहुंचाने में निर्णायक भूमिका जैसी कई उपलब्धियां हासिल हैं। पी.पी. चौधरी का राजनीतिक और सामाजिक जीवन भारत में एक सांसद किस प्रकार प्रभावी ढंग से नीति निर्धारण, कानून निर्माण और समाज सेवा में संतुलन बना सकता है, इसका आदर्श उदाहरण है। एक किसान परिवार से निकलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले चौधरी आज भी अपने क्षेत्र, संसद और पार्टी में अत्यंत सक्रिय और सम्मानित नेता हैं। वे न केवल भाजपा के लिए बल्कि भारतीय संसदीय प्रणाली के लिए एक अमूल्य संसाधन हैं। जो कानून, तकनीक और लोकतंत्र के समागम में संतुलन और दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।
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