UP भाजपा अध्यक्ष पद पर ताजपोशी किसकी? इस ओबीसी नेता की दावेदारी मजबूत, इन नामों की भी चर्चा

UP BJP President: आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष का चुनाव अभी भी टेड़ी खीर बना हुआ है। महीनों से प्रदेश अध्यक्ष के संभावित नामों पर मंथन चल रहा है। लेकिन किसी एक नाम पर निर्णय नहीं हो पा रहा है।

Shishumanjali kharwar
Published on: 12 July 2025 12:07 PM IST
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UP BJP President: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड सहित 22 राज्यों में सांगठनिक चुनाव संपन्न करा लिये हैं। लेकिन आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष का चुनाव अभी भी टेड़ी खीर बना हुआ है। महीनों से प्रदेश अध्यक्ष के संभावित नामों पर मंथन चल रहा है। लेकिन किसी एक नाम पर निर्णय नहीं हो पा रहा है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो भाजपा इस बार भी पिछड़ वर्ग के नेता को अध्यक्ष पद की कमान सौंपेगी। हालांकि सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि किसी ब्राह्मण नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा रहा है। लेकिन इसमें संशय ही है।

ओबीसी वर्ग को साधने का प्रयास

भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल खत्म हो चुका है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में काफी जोखिम उठाना पड़ा। यूपी में ओबीसी और दलित वर्ग के वोट भाजपा को नहीं मिल सके। ऐसे में पार्टी इन दोनों वर्गो को साधने में जुटी हुई है। इसके लिए शीर्ष नेतृत्व यह रणनीति तैयार कर रहा है कि प्रदेश मुखिया की कमान इसी वर्ग के नेता को सौंपी जाए। साल 2027 में यूपी विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा यह भली प्रकार जानती है कि सवर्ण मतदाता उनके परंपरागत वोटर हैं। वह भाजपा से हटकर नहीं जायेंगे। लेकिन अगर ओबीसी और दलित वर्ग छिटका रहा तो इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ जाएगा।

ऐसे में भाजपा ओबीसी वर्ग के जरिए चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश कर रही है। भाजपा को साल 2024 के लोकसभा चुनाव में उम्मीद से कम 33 सीटें मिली। जबकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने दम पर यूपी में 62 सीटों पर फतह हासिल की थी। इस सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए भाजपा ऐसी रणनीति तैयार कर रही है। जिससे 2027 के चुनाव में एक बार फिर यूपी में भगवा लहरा सके। इसके लिए भाजपा किसी ओबीसी नेता पर ही दांव खेल सकती है।

पीडीए की काट ढूंढ रही भाजपा

भाजपा शीर्ष नेतृत्व यूपी प्रदेश अध्यक्ष के चयन में इसलिए भी जल्दबाजी नहीं कर रहा है। क्योंकि वह राज्य के जातीय और क्षेत्रीय समीकरण दोनों को साधना चाह रहा है। इसके साथ ही भाजपा ऐसे मजबूत चेहरे की तलाश में है जो अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) में सेंधमारी कर लें। भाजपा नये प्रदेश अध्यक्ष के जरिए जनता को सकारात्मक संदेश भी देना चाह रही है।

ओबीसी वर्ग के इस नेता का नाम सबसे आगे

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नाम सबसे आगे चल रहा है। केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में साल 2017 में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत हासिल की थी। केशव प्रसाद मौर्य को संगठन का काफी अनुभव है। हाल ही में केशव प्रसाद मौर्य ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। जिसके बाद इस चर्चा को बल भी मिल गया है। वहीं स्वतंत्रदेव सिंह के नाम की चर्चा भी चल रही है। स्वतंत्रदेव सिंह पहले भी प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभाल चुके हैं। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं।

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Shishumanjali kharwar

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मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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