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Politician Sandipan Bhumare Wikipedia: खेत से उठकर संसद तक का सफर- जनता के भरोसे का नाम - संदीपन भुमरे

Politician Sandipan Bhumare Wikipedia: संदीपनराव आसाराम भुमरे का नाम महाराष्ट्र की राजनीति में एक ऐसी शख्सियत के रूप में लिया जाता है...

Jyotsna Singh
Published on: 13 July 2025 3:22 PM IST
Politician Sandipan Bhumare Wikipedia: खेत से उठकर संसद तक का सफर- जनता के भरोसे का नाम - संदीपन भुमरे
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Politician Sandipan Bhumare Wikipedia: संदीपनराव आसाराम भुमरे का नाम महाराष्ट्र की राजनीति में एक ऐसी शख्सियत के रूप में लिया जाता है, जिन्होंने ज़मीनी स्तर से शुरुआत करते हुए जनता के दिलों में अपनी खास जगह बनाई। शिवसेना से जुड़े इस नेता ने पहले विधायक के तौर पर और अब लोकसभा सांसद के रूप में लगातार छह बार चुनाव जीतकर यह साबित किया है कि जनता से जुड़ाव, सेवा और ईमानदारी के बल पर राजनीति में स्थायी जगह बनाई जा सकती है। आज वे अपने न केवल औरंगाबाद जिले की एक सशक्त आवाज़ हैं बल्कि ग्रामीण विकास की नीतियों में भी उनकी सक्रिय भूमिका है।

संदीपन भुमरे जन्म - 13 जुलाई 1962 महाराष्ट्र

राजनैतिक दल - शिवसेना (Eknath Shinde गुट)

संदीपनराव आसाराम भुमरे शिवसेना (Eknath Shinde गुट) से जुड़े नेता हैं। वे महाराष्ट्र के औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना के उम्मीदवार के तौर पर 2024 में चुने गए थे ।

13 जुलाई को संदीपन भुमरे के जन्म दिवस के मौके पर आइए जानते हैं इनकी राजनैतिक यात्रा से जुड़ी उपलब्धियों के बारे में-

किसान परिवार में जन्मे संदीपन भुमरे ने सादगी को ही बनाया अपनी पहचान

संदीपन भुमरे का जन्म 13 जुलाई 1962 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एक साधारण किसान परिवार में हुआ। उनके पिता आसाराम सरजेराव भुमरे और मां वेणुबाई ने उन्हें परिश्रम, ईमानदारी और सेवा की सीख दी। जवाहर स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने खेती और सामाजिक कार्यों में रुचि ली। यही जुड़ाव उन्हें राजनीति की ओर खींच लाया। सादगीपूर्ण जीवनशैली, गांव के लोगों से सहज संवाद और जमीन से जुड़े रहने की उनकी आदत आज भी उनकी लोकप्रियता की सबसे बड़ी वजह है।

राजनीति में पहला कदम बन गया जनता के विश्वास की नींव

संदीपन भुमरे ने शिवसेना के कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1995 में उन्होंने पहली बार पैठण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जनता के साथ उनका जुड़ाव, सरल व्यवहार और गांव-गांव जाकर समस्याओं को समझने की उनकी शैली ने उन्हें पहली ही बार में एक प्रभावी विधायक बना दिया। इसके बाद 1999 और 2004 में भी वे लगातार दो बार इस सीट से विजयी रहे। 2009 में भले ही उन्हें हार मिली, लेकिन उन्होंने इसे चुनौती की तरह स्वीकार किया और 2014 में जबरदस्त वापसी करते हुए फिर विधायक बने।

विधानसभा में छह बार की जीत ने साबित किया जनसंपर्क और सेवा का असर

2014 और फिर 2019 में जीत दर्ज कर संदीपन भुमरे ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनका राजनीतिक कद अब क्षेत्रीय से ऊपर उठकर एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित हो चुका है। 2024 तक वे छह बार महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। इन सभी कार्यकालों में उन्होंने सड़क निर्माण, स्कूलों का विकास, सिंचाई योजनाएं और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अहम पहल की। उनका कार्यक्षेत्र केवल भाषणों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि धरातल पर योजनाओं को अमल में लाना उनकी प्राथमिकता रही।

मंत्री पद की ज़िम्मेदारियों को निभाते हुए दिखाई प्रशासनिक दक्षता

2019 में उन्हें महाराष्ट्र सरकार में रोजगार गारंटी और बागवानी मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) को सक्रिय रूप से लागू करवाया। किसानों के लिए बागवानी क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम, सब्सिडी योजनाएं और नई तकनीक का प्रचार उनकी प्रमुख उपलब्धियों में शामिल रहे। इसके अलावा मई 2020 से जुलाई 2022 तक वे यवतमाल जिले के संरक्षक मंत्री भी रहे, जहां उन्होंने सूखा राहत, स्कूल पुनर्निर्माण और महिला सशक्तिकरण योजनाओं को बढ़ावा दिया।

औरंगाबाद के सांसद बनते ही राष्ट्रीय राजनीति में दर्ज करवाई प्रभावशाली मौजूदगी

2024 के लोकसभा चुनावों में संदीपन भुमरे ने शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से औरंगाबाद सीट पर चुनाव लड़ा और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1,75,462 वोटों के अंतर से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। यह न केवल उनकी व्यक्तिगत लोकप्रियता का प्रमाण था, बल्कि जनता में उनके प्रति विश्वास और सेवा की भावना का परिणाम भी था। सांसद बनने के बाद उन्होंने दिल्ली में संसद सत्रों के दौरान मराठवाड़ा क्षेत्र के मुद्दों को मुखरता से उठाया और किसानों, बेरोजगार युवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्रित योजनाओं की मांग रखी।

सामाजिक सरोकारों से जुड़ाव ने बढ़ाया जनता का भरोसा

राजनीति में सफलता के बावजूद संदीपन भुमरे ने सामाजिक सरोकारों को कभी नहीं छोड़ा। रेणुका देवी-शरद सहकारी चीनी मिल के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने गन्ना किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित कराया और मिल की तकनीकी उन्नति के लिए कार्य किया। उन्होंने क्षेत्र के युवाओं के लिए स्किल ट्रेनिंग कार्यक्रम, महिला स्वसहायता समूहों के लिए विशेष योजना और ग्रामीण पुस्तकालयों की स्थापना जैसे कार्यों में भी सहभागिता निभाई। जल संरक्षण अभियान और गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगवाना भी उनके सामाजिक प्रयासों का हिस्सा रहा।

व्यक्तिगत जीवन में सादगी, राजनीति में परिपक्वता का मेल है संदीपन भुमरे की पहचान

जहां राजनीतिक गलियारों में चमक-दमक आम होती है, वहीं संदीपन भुमरे का जीवन सादगी और पारदर्शिता का उदाहरण है। वे अब भी अपने मूल गांव के किसानों से मिलते हैं, खेतों में समय बिताते हैं और अपनी पत्नी पुष्पा भुमरे के साथ सामाजिक आयोजनों में भाग लेते हैं। उनकी पत्नी स्थानीय महिला संगठनों से जुड़ी हैं और महिला शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में सक्रिय हैं। यह साझेदारी उन्हें एक सशक्त और सामाजिक रूप से जिम्मेदार दंपत्ति बनाती है।

वर्तमान में लोकसभा सांसद के साथ-साथ ग्रामीण विकास समिति के सक्रिय सदस्य

2024 में लोकसभा में प्रवेश करने के बाद संदीपन भुमरे को कृषि और ग्रामीण विकास संबंधी संसदीय समिति का सदस्य बनाया गया है। इस समिति के माध्यम से वे ग्रामीण भारत से जुड़े मुद्दों जैसे सिंचाई, किसान बीमा, गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी और युवाओं की स्वरोजगार योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। महाराष्ट्र के मामलों पर केंद्र सरकार से समन्वय के लिए भी उन्हें विशेष प्रतिनिधित्व मिला है। जिससे वे अपने क्षेत्र के लिए अधिक प्रभावशाली ढंग से संसाधनों को जुटा पा रहे हैं।

इनकी प्राथमिकता है- विकास, संवाद और समाधान

संदीपन भुमरे का जीवन उस राजनेता का उदाहरण है, जिसकी राजनीति का केंद्रबिंदु जनता है। वे न तो केवल भाषणों तक सीमित रहे, न ही पदों की चमक में खोए। उनकी पहचान एक ऐसे प्रतिनिधि की है जो गांवों की मिट्टी से जुड़ा है, जो संसद में नीतियों पर आवाज़ उठाता है और जो मंत्री रहते हुए भी किसानों और मज़दूरों की समस्याओं को प्राथमिकता देता है। महाराष्ट्र की राजनीति में उनकी मौजूदगी एक स्थिर, अनुभवी और भरोसेमंद चेहरे के रूप में है। संदीपन भुमरे से जनता को इस बात की पूरी उम्मीद है कि वे आने वाले वर्षों में भी इसी प्रकार जनसेवा और विकास का मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे।

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