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Politician Sanjana Jatav Wikipedia: संजना जाटव मेवात की माटी से उठीं राजस्थान की सबसे युवा सांसद, कांग्रेस की नई उम्मीद
Politician Sanjana Jatav Wikipedia: संजना जाटव भरतपुर से लोकसभा की प्रतिनिधि हैं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक प्रतिबद्ध कार्यकर्ता हैं। आइये उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं से आपको रूबरू करवाते हैं।
Politician Sanjana Jatav (Image Credit-Social Media)
Politician Sanjana Jatav Wikipedia: राजस्थान की सियासत में जब भी युवा नेतृत्व की बात होती है, तो संजना जाटव का नाम प्रमुखता से उभर कर सामने आता है। संजना जाटव आज न केवल भरतपुर से लोकसभा की प्रतिनिधि हैं, बल्कि राजस्थान की सबसे युवा सांसदों में से एक हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक प्रतिबद्ध कार्यकर्ता के रूप में तेजी से उभरी हैं और अब देश की संसद में अपने क्षेत्र की आवाज़ को बुलंद कर रही हैं।
राजस्थान के भरतपुर से निकलकर दिल्ली की संसद तक का इनका सफर किसी फिल्मी कहानी जैसा लगता है। मगर यह कहानी असल है। संजना जाटव एक ठेकेदार की बेटी, गांव की बहू, दो बच्चों की मां और अब संसद की सदस्य हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा उन तमाम लड़कियों के लिए प्रेरणा बन चुकी है जो सीमित संसाधनों के बावजूद समाज में बदलाव लाने का सपना देखती हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
संजना का जन्म 1 मई, 1998 को राजस्थान के भरतपुर जिले के भुसावर क्षेत्र में हरभजन जाटव और रामवती देवी के घर हुआ। उनका परिवार एक साधारण ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखता है। उनके पिता एक ठेकेदार हैं और उप-सरपंच के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। इस साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से उठकर संजना ने जिस तरह से राजनीति में अपना स्थान बनाया है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
संजना ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालयों में पूरी की। इसके बाद उन्होंने महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के गांधी ज्योति कॉलेज से बीए की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई लॉर्ड्स यूनिवर्सिटी, अलवर से पूरी की। शिक्षा के प्रति उनका झुकाव और ग्रामीण समस्याओं की समझ ने ही उन्हें राजनीति में कदम रखने के लिए प्रेरित किया।
वर्तमान में वे अलवर जिले की कठूमर तहसील के समुंची गांव की निवासी हैं। उनका विवाह राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल कप्तान सिंह से हुआ है। उनके दो बच्चे हैं और वे पारिवारिक जीवन और सार्वजनिक सेवा में बेहतरीन संतुलन कायम रखती हैं।
राजनीति में पहला कदम और जिला परिषद की जीत
संजना का राजनीति में प्रवेश साल 2021 में हुआ जब उन्होंने अलवर जिला परिषद के वार्ड 29 से चुनाव लड़ा। उन्होंने अपने पहले ही चुनाव में 4,991 मतों से जीत हासिल की और 17 नवंबर, 2021 को जिला परिषद सदस्य बनीं। यह जीत महज एक राजनीतिक पद पर कब्जा करने की नहीं थी, बल्कि यह एक युवा महिला की ग्रामीण राजनीति में भागीदारी की पुष्टि थी। उनका कार्यकाल (नवंबर 2021 - जून 2024) अलवर जिले में ग्रामीण विकास, महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहा। उन्होंने महिलाओं की स्वावलंबन योजनाओं को लागू करने और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई अभियान चलाए।
राजनीति में संघर्ष और विधानसभा चुनाव की हार
2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें कठूमर (एससी) विधानसभा सीट से मैदान में उतारा। यह सीट पारंपरिक रूप से अनुभवी नेताओं के लिए जानी जाती थी। लेकिन कांग्रेस ने युवा नेतृत्व को मौका देते हुए एक नई राह चुनी। हालांकि संजना यह चुनाव केवल 409 मतों के मामूली अंतर से हार गईं। लेकिन यह हार उन्हें हतोत्साहित नहीं कर सकी। बल्कि इससे उनकी राजनीतिक पहचान और मजबूत हुई।
लोकसभा चुनाव 2024 ऐतिहासिक जीत
2024 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भरतपुर लोकसभा सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भंवर जितेंद्र सिंह और विश्वेंद्र सिंह का उन्हें सक्रिय समर्थन मिला। इसके साथ ही वे कांग्रेस की महिला सशक्तिकरण योजना “लड़की हूं, लड़ सकती हूं” अभियान की प्रमुख चेहरा बनीं।
उन्होंने मतदाताओं से सीधा संवाद किया, जनसभाएं कीं और मेवात के ग्रामीण क्षेत्रों में पैदल यात्राएं करके जनता की समस्याएं सुनीं। इस मेहनत का परिणाम उन्हें लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के रूप में मिला और वे 18वीं लोकसभा की सदस्य बनीं। उन्होंने राजस्थान की सबसे युवा सांसद होने का गौरव भी प्राप्त किया।
संसदीय जिम्मेदारियां
4 जून, 2024 को उन्होंने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। इसके बाद उन्हें 26 सितंबर, 2024 को जल संसाधन समिति की सदस्य नियुक्त किया गया। यह समिति देश के जल संसाधनों के नियोजन, उपयोग, वितरण और प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों में भूमिका निभाती है।
राजस्थान, विशेषकर भरतपुर और अलवर जैसे जिलों में जल संकट एक गंभीर समस्या है। ऐसे में संजना की इस समिति में नियुक्ति उनके क्षेत्र की जनता के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
समाजिक सरोकार और जमीनी जुड़ाव
संजना जाटव को उनके क्षेत्र में एक जमीनी नेता के रूप में पहचाना जाता है। वे मेवात क्षेत्र की जटिल समस्याओं से भलीभांति परिचित हैं। चाहे वह कृषि संकट हो, बेरोजगारी, पानी की किल्लत, महंगाई या महिला सुरक्षा — वे इन सभी मुद्दों पर लगातार सक्रिय रही हैं। उन्होंने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किए और ग्रामीण महिलाओं के लिए सिलाई प्रशिक्षण केंद्र शुरू करवाए।
उन्होंने अपने कार्यकाल में यह सुनिश्चित किया कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ ग्रामीण जनता तक पहुंचे। इसके अलावा, वे अल्पसंख्यक समुदायों के बीच भी लोकप्रिय हैं और सामाजिक समरसता के पक्ष में कई बार आवाज उठा चुकी हैं।
राजनैतिक छवि: एक उभरता सितारा
संजना जाटव को कांग्रेस पार्टी में एक युवा, समर्पित और निडर चेहरा माना जाता है। उनकी कार्यशैली में स्पष्टता, संवाद और निर्णय लेने की क्षमता झलकती है। उन्हें प्रियंका गांधी वाड्रा का करीबी माना जाता है और वे कांग्रेस के महिला अभियान में एक अहम कड़ी हैं। उनकी छवि एक ऐसी नेत्री की बन चुकी है जो न केवल अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत है, बल्कि उन्हें दूर करने के लिए नीतिगत स्तर पर ठोस प्रयास भी करती हैं। वे सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहती हैं और अपने संसदीय कार्यों की नियमित जानकारी साझा करती हैं।
भविष्य की दिशा
राजस्थान की राजनीति में जब भी नई पीढ़ी की बात होती है, संजना जाटव का नाम निश्चित रूप से शामिल होता है। भरतपुर जैसी महत्वपूर्ण लोकसभा सीट से जीतकर उन्होंने कांग्रेस के भविष्य का संकेत दिया है। उनका राजनीतिक कैरियर अभी प्रारंभिक चरण में है। लेकिन जिस तरह से उन्होंने लोगों का विश्वास अर्जित किया है, उससे यह स्पष्ट होता है कि वे लंबे समय तक राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं। संजना जाटव उस युवा नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो जनसंवाद, सेवा और प्रतिबद्धता को अपनी राजनीति की नींव मानता है। उन्होंने साबित किया है कि एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाली महिला भी अगर संकल्प ले तो संसद तक का सफर तय कर सकती है। वे आज लाखों युवाओं, विशेषकर महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। आने वाले वर्षों में उनके नेतृत्व और प्रयासों से न केवल भरतपुर बल्कि पूरे राजस्थान की राजनीति में नया आयाम जुड़ने की उम्मीद है।
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