शत्रुघ्न सिन्हा - फिल्मों के स्टार अभिनेता से राजनीति के दमदार नेता तक शानदार सफर

Shatrughan Sinha Biography: शत्रुघ्न सिन्हा ने खलनायक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी इसके बाद नायक और उसके बाद राजनीति में भी कदम रखा।

Jyotsna Singh
Published on: 15 July 2025 8:31 PM IST
Shatrughan Sinha Biography
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 Shatrughan Sinha Biography (Image Credit-Social Media)

Shatrughan Sinha Biography: शत्रुघ्न प्रसाद सिन्हा ने जिस फिल्मी दुनिया से अपनी पहचान बनाई, उसी अंदाज में राजनीति में भी अपनी अलग जगह बनाई। सिनेमा में उनकी शुरुआत खलनायक की भूमिकाओं से हुई, लेकिन जल्द ही वे नायक के रूप में दर्शकों के दिलों में छा गए। अभिनय में उनका संवाद अदायगी का खास अंदाज ही नहीं, बल्कि उनके बिल्कुल बेबाक व्यक्तित्व की झलक भी दिखती थी। राजनीति में भी उन्होंने उसी ईमानदार और स्पष्टवादी छवि को कायम रखा, चाहे वह संसद हो या चुनावी मंच। शत्रुघ्न प्रसाद सिन्हा वर्तमान में आसनसोल लोकसभा क्षेत्र (पश्चिम बंगाल) से संयुक्त लोकसभा सांसद हैं और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य के रूप में सांसद पद ग्रहण किए हुए हैं। उन्होंने इस सीट पर मई-जून 2024 में चुनाव जीता, जिसमें उन्होंने भाजपा के सुरेंद्रजीत सिंह अहलूवालिया को पराजित किया। 15 जुलाई को शत्रुघ्न सिन्हा के जन्मदिवस के अवसर पर आइए जानते हैं इनकी फिल्मी दुनिया और राजनैतिक सफर से जुड़ी उपलब्धियों के बारे में-

पटना में जन्मा एक सपना, जिसने मुंबई और दिल्ली में भरी उड़ान


15 जुलाई, 1946 को पटना में जन्मे शत्रुघ्न सिन्हा, अपने चार भाइयों में सबसे छोटे थे। पिता भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा और माता श्यामा देवी सिन्हा ने उन्हें शिक्षा और संस्कार दोनों दिए। उन्होंने पटना साइंस कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली, लेकिन अभिनय में रुचि उन्हें पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट तक ले आई। यहीं से उन्होंने अभिनय में डिप्लोमा किया और मुंबई का रुख किया। यहां से शुरू हुआ एक ऐसा सफर, जिसने उन्हें सिनेमा का सितारा और जनता का चहेता नेता बना दिया।

फिल्मों में खलनायक से सुपरस्टार बनने तक का सफर

शत्रुघ्न सिन्हा ने बॉलीवुड में कदम रखते ही अपनी दमदार आवाज और विशिष्ट अभिनय शैली से खुद को भीड़ से अलग साबित किया। अपने संवाद अदायगी और स्वाभाविक अभिनय के चलते वे जल्दी ही दर्शकों के पसंदीदा बन गए। उन्हें हिंदी सिनेमा के सबसे अपरंपरागत अभिनेताओं में गिना जाता है, जिनके साथ अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, अजय देवगन और इरफान खान जैसे नाम भी शुमार हैं।सिन्हा की फिल्मों में शुरुआत विरोधी भूमिकाओं से हुई, लेकिन उनका प्रभाव ऐसा रहा कि जल्द ही वे मुख्यधारा के हीरो बन गए। उनकी संवाद अदायगी 'खामोश!' आज भी दर्शकों को याद है। उन्हें हिंदी सिनेमा के सबसे अपरंपरागत अभिनेताओं में गिना जाता है, जिनकी पहचान लीक से हटकर अभिनय करने वाले कलाकारों में होती है। 'रक्त चरित्र' जैसी गंभीर फिल्मों से लेकर 'दस का दम' और 'कौन बनेगा करोड़पति' के टीवी मंचों तक उन्होंने अपने करिश्मे से सभी का दिल जीता।

राजनीति में कदम, चुकानी पड़ी दोस्ती की कीमत


शत्रुघ्न सिन्हा की राजनीति में शुरुआत 1990 के दशक में हुई, लेकिन उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत एक बड़े भावनात्मक मोड़ के साथ हुई। उन्होंने अपने करीबी दोस्त राजेश खन्ना के खिलाफ उपचुनाव में खड़े होकर उन्हें चुनौती दी। यह चुनाव शत्रुघ्न के लिए राजनीतिक सफर का आरंभ था, लेकिन निजी जीवन में यह कदम उनके लिए अफसोस का कारण बन गया। अपने मित्र राजेश खन्ना के खिलाफ चुनाव लड़ना उनके जीवन का सबसे बड़ा पछतावा बना। खन्ना से हार के बाद दोनों की दोस्ती भी टूट गई, जो कभी फिर पूरी तरह बहाल नहीं हो सकी। लेकिन इस हार ने राजनीति में उनका सफर नहीं रोका। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और पटना साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ा, जहां राजनीति में अपनी मजबूत शुरुआत की।

इस चुनाव में उन्होंने चर्चित अभिनेता शेखर सुमन को हराया। 2014 में उन्होंने एक बार फिर पटना साहिब से जीत हासिल कर अपनी लोकप्रियता को साबित किया। राजनीति में उनके बेबाक तेवरों और जनता से जुड़े मुद्दों पर बोलने की आदत ने उन्हें जनता के बीच एक अलग मुकाम दिलाया।

चुनावों में जीत और जनता का विश्वास

2009 और 2014 के आम चुनावों में पटना साहिब से उनकी जीत ने साबित कर दिया कि वे सिर्फ फिल्मी सितारे नहीं, बल्कि जनता के दिलों में बसे जननेता भी हैं। 2009 में उन्होंने करीब 3.16 लाख वोटों के साथ जीत हासिल की तो 2014 में यह आंकड़ा 4.85 लाख के पार पहुंच गया। 2022 के आसनसोल उपचुनाव में उन्होंने भाजपा की अग्निमित्रा पॉल को तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराकर अपनी राजनीतिक पकड़ को और भी मजबूत कर लिया। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत का सिलसिला जारी रखा और भाजपा के सुरेंद्रजीत सिंह अहलूवालिया को 9,564 मतों से पराजित कर जनता का विश्वास जीता।

केंद्रीय मंत्री से संसदीय नेता तक की जिम्मेदारी


सिन्हा ने वाजपेयी सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के रूप में काम किया। इसके बाद शिपिंग मंत्री का कार्यभार भी संभाला। संसद में उनकी सक्रियता और मुद्दों पर उनकी स्पष्ट राय ने उन्हें एक सशक्त नेता के रूप में स्थापित किया। भाजपा के संस्कृति और कला विभाग के प्रमुख रहते हुए उन्होंने सामाजिक सरोकारों से जुड़ी गतिविधियों में भी भागीदारी निभाई।

पार्टी बदलने की राजनीति में भी कायम रहा असर

2019 में जब भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। हालांकि यह यात्रा ज्यादा लंबी नहीं चली। मार्च 2022 में उन्होंने टीएमसी का दामन थामा और ममता बनर्जी के नेतृत्व में आसनसोल सीट से उपचुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की। यह बदलाव भी उनकी राजनीतिक जमीन को कमजोर नहीं कर सका, बल्कि बंगाल की राजनीति में भी उन्हें एक महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया।

सामाजिक जिम्मेदारियों में भी अग्रणी


शत्रुघ्न सिन्हा ने समाज सेवा और सामाजिक सरोकारों में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है। वे स्वास्थ्य, शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल रहते हैं। गरीबों की सहायता, समाज में समरसता फैलाने और युवा सशक्तिकरण जैसे विषयों पर उनकी स्पष्ट राय और योगदान ने उन्हें सिर्फ एक अभिनेता या राजनेता नहीं, बल्कि समाजसेवी के रूप में भी स्थापित किया है।

वर्तमान में बतौर संसद सक्रिय भूमिका

आज वे आसनसोल लोकसभा क्षेत्र से टीएमसी के सांसद हैं और संसद में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। जनता के मुद्दे, क्षेत्रीय विकास और सामाजिक सरोकारों को लेकर उनकी प्रतिबद्धता जस की तस है। वे टीएमसी के लिए बंगाल में एक मजबूत नेता के रूप में उभरे हैं और राष्ट्रीय राजनीति में भी उनकी आवाज सुनी जाती है।

खामोश’ नहीं, जनता की आवाज बने शत्रुघ्न सिन्हा

शत्रुघ्न सिन्हा का सफर केवल एक अभिनेता या नेता की कहानी नहीं है, यह संघर्ष, समर्पण और सफलता की मिसाल है। उन्होंने दिखा दिया कि चाहे मंच सिनेमा का हो या संसद का, ईमानदारी, मेहनत और जनता से जुड़ाव से हर मंच पर जगह बनाई जा सकती है। आज वे जिस मुकाम पर हैं, वह उन्हें हिंदी सिनेमा और भारतीय राजनीति दोनों का प्रतिष्ठित चेहरा बनाता है। आने वाले समय में उनसे और भी बड़ी भूमिकाओं की उम्मीद की जा सकती है। चाहे वह जनता की आवाज बनकर संसद में हो या समाज सेवा के किसी नए मोर्चे पर।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

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मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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