Relationship Mai Delusion Kya Hai: प्यार है या एकतरफा? कैसे पहचानें कि आप कहीं 'Delulu' रिश्ते में तो नहीं

Relationship Mai Delusion Kya Hai: कभी-कभी यह होता है कि कुछ लोग यह सोचते हैं कि वे किसी रिश्ते में हैं, लेकिन असल में यह सिर्फ एक भ्रांति होती है। ऐसे लोग जब असलियत का सामना करते हैं, तो उन्हें इमोशनली दर्द होता है।

Ragini Sinha
Published on: 22 May 2025 7:50 PM IST
Love vs delusion
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Love vs delusion (social media)

Relationship Mai Delusion Kya Hai: कई बार हम ऐसे इंसान को पसंद करने लगते हैं, जिसके साथ हमारा कोई स्पष्ट रिश्ता नहीं होता, लेकिन हम दिल ही दिल में उसे अपना मान लेते हैं। उसकी हर मुस्कान, हर मैसेज या छोटी-छोटी बातों को हम प्यार का नाम दे देते हैं, जबकि सामने वाला सिर्फ दोस्ती समझता है।

धीरे-धीरे हम एक भ्रम में जीने लगते हैं, जिसे 'दिलुजन' कहते हैं। जब हकीकत सामने आती है, तो दिल टूटता है, आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचती है और खुद से ही नाराजगी होने लगती है। इसलिए जरूरी है कि रिश्ते की सच्चाई को समझें और दिल को बेवजह उम्मीदों के झूले पर न झुलाएं।


क्या होता है Delusion

Delusion एक ऐसा भ्रम है जो व्यक्ति को वास्तविकता से दूर ले जाता है। यह विश्वास इतना मजबूत होता है कि व्यक्ति तर्क, साक्ष्य और दूसरों की राय को भी नजरअंदाज कर देता है। वह अपने ही बनाए गए झूठ को सच मानता है, भले ही वास्तविकता कुछ और हो। रिश्तों में डिलुजन तब देखने को मिलता है जब कोई किसी की नॉर्मल दोस्ती, केयर या बातचीत को प्यार समझने लगता है। इस तरह का भ्रम जब टूटता है, तो व्यक्ति को गहरा दर्द होता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम हर रिश्ते को वास्तविकता की कसौटी पर परखें, और मन में झूठी उम्मीदें पालने से बचें।

बात करें और सच जानें

जब भी आपको किसी इंसान के साथ अपने रिश्ते को लेकर उलझन हो, तो सबसे पहला और जरूरी कदम है साफ-साफ बात करना। कई बार हम बिना सामने वाले से कुछ पूछे ही ये मान लेते हैं कि हम रिलेशनशिप में हैं। हम उनकी छोटी-छोटी बातों को प्यार का इशारा समझने लगते हैं। जैसे मैसेज का जल्दी जवाब देना, हालचाल पूछना या थोड़ा ज्यादा ध्यान देना, लेकिन जरूरी नहीं कि सामने वाला भी ऐसा ही कुछ सोच रहा हो। हो सकता है कि वो आपको सिर्फ एक अच्छा दोस्त मानता हो और उसके लिए ये सब सामान्य व्यवहार हो। इस भ्रम से बचने का सबसे अच्छा तरीका है ईमानदारी और खुलापन। आप उनसे सीधे और सादगी से पूछ सकते हैं कि क्या आप दोनों के बीच कोई रोमांटिक रिश्ता है या नहीं? अगर जवाब ना हो, तो खुद को संभालें और रिश्ते को उसी रूप में स्वीकार करें जैसे वो असल में है।


सिर्फ फिजिकल रिलेशन को रिलेशनशिप न समझें

आजकल हुकअप कल्चर बहुत आम हो गया है। लोग सिर्फ फिजिकल कनेक्शन के लिए मिलते हैं, लेकिन इससे कई लोग इमोशनली कनेक्ट होने लगते हैं। खासकर अगर ये हुकअप बार-बार हो, तो हम इसे एक रिलेशनशिप समझने लगते हैं, लेकिन हकीकत ये है कि अगर दोनों लोगों ने इस रिश्ते को कोई नाम नहीं दिया है, तो इसे प्यार मान लेना खुद को धोखा देना है। अगर कोई इंसान सिर्फ फिजिकल इंटिमेसी चाहता है और इमोशनल बॉन्डिंग से बच रहा है, तो ये रिश्ता नहीं है। ऐसी स्थिति में दूरी बना लेना ही समझदारी होता है।

एकतरफा प्यार की भूल

कई बार हमारी जिंदगी में कोई ऐसा दोस्त होता है जो बेहद केयरिंग होता है। हमारी हर बात ध्यान से सुनता है, मुश्किल वक्त में साथ देता है, हमें समझता है और हमारी मदद करता है। ऐसे में दिल अक्सर धोखा खा जाता है। हम सोचने लगते हैं कि ये सब सिर्फ प्यार में ही होता है और धीरे-धीरे हम उस दोस्त के लिए फीलिंग्स डेवलप कर लेते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वो भी वैसा ही महसूस करता हो। हो सकता है कि वो बस एक सच्चा और अच्छा दोस्त हो, जिसका मकसद केवल साथ देना हो बिना किसी रोमांटिक भावनाओं के। यह भ्रम तब और बढ़ जाता है जब हम अकेलापन महसूस कर रहे होते हैं या किसी के साथ गहरा जुड़ाव चाहते हैं। ऐसे समय में हमारा मन रिश्ते की कल्पना करने लगता है, लेकिन जब तक सामने वाला साफ तौर पर न कहे कि वह भी वैसा ही महसूस करता है, तब तक दिल को संभालने में ही बेहतरी है।


फिल्मों का असर झूठा रोमांस

बॉलीवुड ने हम सभी के दिमाग में यह बात बिठा दी है कि अगर आप किसी को दिल से चाहो, तो वो एक दिन जरूर आपका हो जाएगी, लेकिन असल जिंदगी में ये सपना बहुत बार टूट जाता है। किसी को पसंद करना, उसके ख्यालों में खो जाना, उसकी हर बात में साइन ढूंढना ये सब प्यार नहीं, बल्कि delulu है। अगर सामने वाला आपको वैसा ही फील नहीं करता, तो ये एकतरफा लगाव है और इससे निकलना ही बेहतर होता है।

जो चला गया, वो लौटकर नहीं आता

अगर आप कभी किसी के साथ रिलेशनशिप में थे, लेकिन अब वो इंसान ना आपसे बात करता है, ना मैसेज का जवाब देता है, ना ही आपकी कॉल्स उठाता है, तो ये एक साफ संकेत है कि वो रिश्ता अब खत्म हो चुका है। दुख होता है, लेकिन ये सच्चाई है जिसे स्वीकार करना जरूरी है। कई बार हम खुद को ये समझाते रहते हैं कि शायद एक दिन वो वापस आ जाएगा, लेकिन इस उम्मीद में जीते रहना अपने आप को तकलीफ देने जैसा है। अगर कोई इंसान आपको छोड़ कर चला गया है और उसने लौटकर देखने की कोशिश तक नहीं की, तो यकीन मानिए वो आपके प्यार और समय के लायक नहीं था। ऐसे में अपने लिए बेहतर सोचिए, खुद को संभालिए और आगे बढ़िए।


रिश्ते सोच में नहीं, सच्चाई में होते हैं। अगर आप भी खुद को ऐसे किसी भ्रम में पाते हैं, तो खुद से ईमानदार रहिए। खुद को प्यार कीजिए, अपने आत्मसम्मान को समझिए। ऐसे रिश्तों में अपना वक्त और अपने इमोशन को जाया मत कीजिए, जो सिर्फ आपके दिलो-दिमाग में हैं। रिश्ता तब तक रिश्ता नहीं जब तक दोनों लोग उसे वैसे ही न समझें और निभाएं। अगर सिर्फ आप ही व्यक्ति रिश्ता निभा रहा है, तो अब वक्त है खुद के लिए एक नया रास्ता चुनने का।

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