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Relationship News: एंग्जायटी और एवॉइडेंट अटैचमेंट वाले लोग एक-दूसरे की ओर क्यों होते हैं अट्रैक्ट? यहां जानें
Relationship News: अगर आप भी किसी ऐसे रिश्ते में हैं, जहां एक पार्टनर ज्यादा जुड़ाव चाहता है और दूसरा थोड़ा दूर रहना पसंद करता है, तो यह समझना बहुत जरूरी है कि ये अटैचमेंट स्टाइल्स कैसे काम करते हैं।
why Anxious and Avoidant Attachment Styles Attract Each Other (social media)
Relationship News: रिश्तों में सुरक्षित अटैचमेंट जरूरी है, जिसमें भरोसा, समझदारी और सम्मान की मजबूत नींव हो। ऐसा रिश्ता पार्टनर को भावनात्मक सुरक्षा देता है, गलतफहमियों को कम करता है और आपसी जुड़ाव को गहरा करता है। सुरक्षित अटैचमेंट से रिश्ते में स्थिरता आती है और साथ बना रहता है खुशियों से भरा।
अक्सर देखा गया है कि जिन लोगों का स्वभाव बहुत अलग होता है, वे एक-दूसरे की तरफ आकर्षित हो जाते हैं, खासकर रिश्तों में। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसे लोग एक-दूसरे की तरफ क्यों आकर्षित होते हैं? नहीं... तो आइए बताते हैं कि हमेशा ऐसा देखा जाता है कि जिन लोगों की ‘एंग्जायटी अटैचमेंट’ होती है, वह अक्सर उन लोगों के साथ जुड़ते हैं जिनकी ‘एवॉइडेंट अटैचमेंट’ होती है।
अब सवाल ये उठता है कि जो व्यक्ति किसी के करीब जाने और उससे भरोसा की चाह रखता है, वह ऐसे पार्टनर को क्यों चुनता है, जो अपनी स्वतंत्रता और इमोशनल डिस्टेंस को प्राथमिकता देता है? अगर आप भी ऐसे किसी रिश्ते में हैं, तो आपको अटैचमेंट स्टाइल्स के बारे में जरुर जानना चाहिए क्योंकि इससे आपको काफी मदद मिलेगी। आगर आपको इनके बारे में पता चल जाता है तो आप अपने रिश्तों को बेहतर बना सकते हैं और इमोशनल जुड़ाव को और ज्यादा मजबूत कर सकते हैं।
अटैचमेंट थ्योरी क्या है?
साइकोलॉजिस्ट जॉन बॉल्बी ने इस अटैचमेंट थ्योरी की नींव रखी थी, जिसे बाद में मैरी ऐन्सवर्थ ने और भी ज्यादा विकसित किया। यह हमे यह समझाने की कोशिश करता है कि कैसे बचपन में हमारे पैरेंट्स या देखभाल करने वालों के साथ हमारा रिश्ता हमारे इमोशनल और सोशल रिलेशन को पूरी जिंदगी इफेक्ट करता है। यह थ्योरी कहती है कि बच्चे की जरूरतों का किस तरह से जवाब दिया जाता है। जैसे प्यार, सुरक्षा और अपनापन उससे बच्चे के मन में एक 'बेसिक भरोसा' बनता है, जो आगे चलकर उसके रिश्तों के अटैचमेंट स्टाइल को तय करता है।
चार अटैचमेंट स्टाइल्स कौन-कौन से हैं
- सिक्योर: ऐसे लोग संतुलित होते हैं, उन्हें प्यार देना और लेना आता है।
- एवॉइडेंट: ये लोग भावनात्मक रूप से थोड़ा अलग रहते हैं और उन्हें अकेलापन पसंद होता है।
- एंग्जायटी : ये लोग असुरक्षा महसूस करते हैं और हमेशा अपने पार्टनर से पुष्टि और निकटता चाहते हैं।
- फियरफुल-एवॉइडेंट : ये लोग प्यार और नजदीकी तो चाहते हैं, पर डर और असुरक्षा के कारण खुद को रोक लेते हैं।
ये अटैचमेंट स्टाइल हमारे पूरे जीवन के रिश्तों में हमारे व्यवहार को इफेक्ट करता हैं, खासकर रोमांटिक रिलेशनशिप, पैरेंट्स और बच्चों के बीच के संबंधों में।
एंग्जायटी और एवॉइडेंट अटैचमेंट में अट्रैक्शन क्यों होता है?
अगर आपका अटैचमेंट स्टाइल ‘एंग्जायटी’ वाला है, तो आपने शायद देखा होगा कि आप बार-बार ऐसे लोगों की ओर खिंचते हैं, जो एवॉइडेंट अटैचमेंट वाले पार्टनर होते हैं। ये दो अटैचमेंट स्टाइल्स बिल्कुल एक दूसरे से अलग-अलग होते हैं, लेकिन इसके बावजूद इनका मेल क्यों होता है, इसके पीछे कुछ मनोवैज्ञानिक वजहें हैं।
एंग्जायटी अटैचमेंट वाले लोग गहरा जुड़ाव चाहते हैं, उन्हें अपने पार्टनर से हमेशा भरोसा चाहिए होता है क्योंकि उन्हें डर होता है कि उनका पार्टनर उन्हें छोड़ सकता है, इसलिए वे ज्यादा क्लोजनेस और पार्टनर का समर्थन चाहते हैं। वहीं, अगर बात करें एवॉइडेंट अटैचमेंट वाले लोग की तो वह अपनी स्वतंत्रता और स्पेस को प्राथमिकता देते हैं। वे इमोशनल या शारीरिक दूरी बनाए रखना पसंद करते हैं और रिलेशनशिप में ज्यादा नजदीक आने से डरते हैं।
यह अट्रैक्शन इसलिए होता है क्योंकि दोनों पार्टनर अनजाने में उन क्ववालिटी की तलाश करते हैं, जो उनमें खुद नहीं हैं। एंग्जायटी वाला पार्टनर एडवॉइडेंट की स्वतंत्रता को अट्रैक्शन मानता है, जबकि एडवॉइडेंट पार्टनर एंग्जायटी वाले की जरूरत और गहरे जुड़ाव को पसंद करता है।
रिश्तों में आने वाले संघर्ष
शुरुआत में ये रिश्ते रोमांचक और दिलचस्प लग सकते हैं, समय के साथ इनका खींचतान वाला व्यवहार थकाने वाला और दर्दनाक हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब एक पार्टनर करीब आना चाहता है, तो दूसरा दूर भाग जाता है। यह एक निरंतर तनाव और कन्फ्लिक्ट की स्थिति पैदा कर सकता है।इस चक्र में दोनों पार्टनर्स के लिए समझना और सामंजस्य बिठाना मुश्किल हो जाता है। एवॉइडेंट पार्टनर कभी-कभी कुछ समय के लिए रिश्ते से दूर रहना चाहता है, जिससे एंग्जायटी वाला पार्टनर डर जाता है कि कहीं वह उसे छोड़ न दे।
कैसे करें इन अटैचमेंट स्टाइल्स से निपटारा?
बहुत से लोग यह मान लेते हैं कि एक बार उनकी अटैचमेंट स्टाइल बदल गई, तो वह जीवनभर वैसी ही रहेगी, लेकिन क्या असल में हमारी अटैचमेंट स्टाइल्स बदल सकती हैं, और हम इनसिक्योर से सिक्योर अटैचमेंट की तरफ बढ़ सकते हैं। तो हां...अगर आप चाहें तो आप इसे बदल सकते हैं अगर इसके लिए आप सच में प्रयास करें।
खुद को समझें और जागरूक बनें
सबसे पहले अपनी अटैचमेंट स्टाइल को समझना जरूरी है। इससे आप अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और अपने व्यवहार को नियंत्रित कर सकेंगे।
- खुलकर बात करें: अपने पार्टनर के साथ अपने डर, जरूरतें और उम्मीदें साझा करें। ईमानदारी और खुलापन रिश्तों को मजबूत बनाता है।
- थेरेपी या काउंसलिंग लें: अगर आपको लगता है कि आप खुद इस तनाव से नहीं निपट पा रहे हैं, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर की मदद लें। वे आपको अपनी अटैचमेंट समस्याओं को समझने और सुधारने में मदद करेंगे।
- धैर्य रखें: बदलाव एक दिन में नहीं आता। अपने और अपने पार्टनर के लिए समय निकालें और धीरे-धीरे रिश्ता सुधारने की कोशिश करें।
सेक्योर अटैचमेंट की तरफ बढ़ें
रिश्तों में सुरक्षित अटैचमेंट यानी ऐसा जुड़ाव होना बेहद जरूरी है, जिसमें भरोसा, समझदारी और सम्मान हो। जब दो लोग एक-दूसरे की भावनाओं को समझते हैं, उन्हें स्वीकार करते हैं और सम्मान देते हैं, तो रिश्ता गहरा और मजबूत बनता है। सुरक्षित अटैचमेंट से पार्टनर को यह भरोसा मिलता है कि वह अपने विचार और भावनाएं बिना डर के साझा कर सकता है। इससे गलतफहमियों की जगह खुला संवाद होता है और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है। ऐसा रिश्ता न सिर्फ स्थिर होता है, बल्कि समय के साथ और भी निखरता है और दोनों के लिए संतोषजनक होता है।
चुनौतीपूर्ण हो सकता है रिलेशनशिप
एंग्जायटी और एवॉइडेंट अटैचमेंट वाले पार्टनर्स के बीच का रिश्ता चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह नामुमकिन नहीं। जब दोनों पार्टनर अपनी अटैचमेंट स्टाइल को समझते हैं और रिश्ते को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं, तो वे एक गहरा और मजबूत जुड़ाव बना सकते हैं। प्यार, समझ, और धैर्य से आप इस विपरीतता को अपने रिश्ते की ताकत बना सकते हैं। इसलिए अगर आप या आपका साथी एंग्जायटी या एवॉइडेंट अटैचमेंट से प्रभावित हैं, तो परेशान न हों। सही मार्गदर्शन और प्रयास से आप दोनों एक खुशहाल, सुरक्षित और मजबूत रिश्ते की ओर बढ़ सकते हैं।
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