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हाइब्रिड रफ्तार पकड़ने को तैयार फॉक्सवैगन, 2028 तक लॉन्च होगी देश में बनी पहली हाइब्रिड कार
Volkswagen: भारत में हाइब्रिड कारों के प्रति ग्राहकों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है ऐसे में फॉक्सवैगन ने भारत में अपनी पहली हाइब्रिड कार 2028 तक लॉन्च करने की योजना बनाई है।
Volkswagen (Image Credit-Social Media)
Volkswagen: बदलते ऑटोमोबाइल ट्रेंड्स के बीच फॉक्सवैगन ग्रुप अब भारत में हाइब्रिड वाहनों के क्षेत्र में प्रवेश करने की तैयारी कर रहा है। जहां एक ओर पश्चिमी देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में सुस्ती देखी जा रही है, वहीं भारत में हाइब्रिड कारों के प्रति ग्राहकों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए जर्मन ऑटोमेकर फॉक्सवैगन ने भारत में अपनी पहली हाइब्रिड कार 2028 तक लॉन्च करने की योजना बनाई है। आइए जानते हैं कंपनी की रणनीति, संभावित मॉडल्स, भारत के लिए तैयार किए जा रहे विशेष प्लेटफॉर्म और इसके संभावित प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी के बारे में -
फॉक्सवैगन ग्रुप की नई रणनीति- इलेक्ट्रिक से हाइब्रिड की ओर
पिछले कुछ वर्षों में दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जबरदस्त प्रचार हुआ लेकिन हाल के समय में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में अपेक्षित तेजी नहीं आई है। खासकर अमेरिका और यूरोप जैसे बाजारों में ग्राहक अभी भी पूरी तरह EV को अपनाने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में ऑटो कंपनियां अब मल्टी-एनर्जी रणनीति की ओर रुख कर रही हैं। यानी EV, हाइब्रिड और पारंपरिक ICE (इंटरनल कंबशन इंजन) वाहनों का संतुलन।
फॉक्सवैगन ग्रुप भी अब अपनी वैश्विक रणनीति में बदलाव करते हुए भारत जैसे बाजारों में हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। भारत में जहां ईंधन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है, वहां हाइब्रिड वाहन एक व्यवहारिक विकल्प बनते जा रहे हैं।
2028 तक लॉन्च होगी पहली भारत-निर्मित हाइब्रिड कार
फॉक्सवैगन ग्रुप की योजना 2028 तक भारत में अपनी पहली स्थानीय रूप से निर्मित हाइब्रिड कार लॉन्च करने की है। हाल ही में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी इस दिशा में ठोस कदम उठा चुकी है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कौन-सी कार इस सेगमेंट की शुरुआत करेगी, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि यह मौजूदा 2.0 मॉडलों में से किसी एक का अपडेटेड वर्जन हो सकता है।
इंडिया मेन प्लेटफॉर्म (IMP)- देश के लिए देश में बना प्लेटफॉर्म
हाइब्रिड रणनीति का केंद्रबिंदु है ‘इंडिया मेन प्लेटफॉर्म’ यानी IMP।
यह प्लेटफॉर्म मौजूदा CMP (कॉम्पैक्ट मेन प्लेटफॉर्म) का ही एक अपडेटेड वर्जन है। जिसे खास तौर पर भारतीय बाजार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जा रहा है।
CMP को शुरू में इसे 'चाइना मेन प्लेटफॉर्म' के रूप में विकसित किया गया था, जहां इसे मल्टी-एनर्जी वाहन जैसे EV और प्लग-इन हाइब्रिड मॉडल्स के लिए प्रयोग किया गया।
IMP का लाभ
यह प्लेटफॉर्म हाइब्रिड, EV और ICE तीनों प्रकार की कारों के लिए उपयुक्त होगा। तकनीकी रूप से इसे हाइब्रिड कारों में उपयोग करने में कोई बड़ी चुनौती नहीं है। यह प्लेटफॉर्म फॉक्सवैगन ग्रुप को न केवल हाइब्रिड सेगमेंट में उतरने देगा। बल्कि लागत को भी नियंत्रण में रखेगा क्योंकि इसे पूरी तरह भारत में तैयार किया जा रहा है।
संभावित पहला मॉडल- किसे मिलेगा हाइब्रिड अवतार?
कंपनी का इशारा है कि पहली हाइब्रिड कार वर्तमान में मौजूद चार प्रमुख मॉडलों में से किसी एक का फेसलिफ्ट वर्जन हो सकता है। ये चार मॉडल हैं स्कोडा कुशाक (2021),फॉक्सवैगन टाइगुन (2021), स्कोडा स्लाविया (2022), फॉक्सवैगन वर्टस (2022)।
इन मॉडलों ने भारत में शुरुआती दौर में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन हाल के समय में प्रतिस्पर्धा के चलते इनकी मांग में थोड़ी गिरावट आई है। ऐसे में फेसलिफ्ट वर्जन को हाइब्रिड पावरट्रेन के साथ पेश कर कंपनी उन्हें दोबारा चर्चा में ला सकती है।
इसके बाद आएगी 7-सीटर SUV
हाइब्रिड यात्रा यहीं नहीं रुकने वाली है। इसके बाद फॉक्सवैगन और स्कोडा भारत में एक नई 7-सीटर SUV लॉन्च करेंगे। जो ICE और हाइब्रिड दोनों वेरिएंट्स में उपलब्ध होगी। इस SUV की खासियत होगी इसकी लोकल मैन्युफैक्चरिंग। यानी भारत में ही डिज़ाइन, डेवलपमेंट और प्रोडक्शन।
यह SUV न केवल भारतीय ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाएगी। बल्कि इसकी कीमत भी प्रतिस्पर्धी रखने की कोशिश की जाएगी।
भारत में हाइब्रिड कारों का बढ़ता बाजार
भारत में हाइब्रिड कारों की मांग धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से बढ़ रही है।
टोयोटा हाइब्रिड टेक्नोलॉजी इस समय सबसे आगे है, खासकर Toyota Innova Hycross और Urban Cruiser Hyryder जैसे मॉडलों ने बाजार में अच्छा प्रदर्शन किया है।
कुछ अन्य हाइब्रिड मॉडल जो भारतीय ग्राहकों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं जैसे - Honda City e:HEV, Maruti Suzuki Grand Vitara Hybrid, Toyota Camry Hybrid
ग्राहकों की पसंद में यह बदलाव मुख्यतः दो कारणों से आया है। एक है बेहतर माइलेज और EV की तुलना में कम मेंटेनेंस और लंबी दूरी के लिए इसका उपयुक्त साबित होना।
क्या भारत हाइब्रिड टेक्नोलॉजी को अपनाने को तैयार है
भारत में EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी शुरुआती अवस्था में है और लंबी दूरी की यात्राओं में EV पर निर्भरता जोखिम भरी हो सकती है। ऐसे में हाइब्रिड कारें एक बेहतरीन मध्यवर्ती समाधान पेश करती हैं।
सरकार की नीतियों की बात करें तो वर्तमान में हाइब्रिड पर EV जैसी सब्सिडी नहीं है, लेकिन उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि नीति आयोग और भारी उद्योग मंत्रालय भविष्य में इस पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
वहीं औसत भारतीय ग्राहक अभी भी EV की तुलना में हाइब्रिड को ज्यादा भरोसेमंद मानता है।
फॉक्सवैगन के लिए चुनौती और संभावनाएं
जहां एक ओर यह रणनीति भारत में कंपनी की मौजूदगी को मजबूत कर सकती है, वहीं कुछ चुनौतियां भी आड़े आएंगी। वो हैं इसकी कीमत। हाइब्रिड टेक्नोलॉजी की लागत EV और ICE दोनों से ज्यादा होती है, ऐसे में किफायती मूल्य निर्धारण एक चुनौती है। दूसरा कारण है मजबूत नेटवर्क। टोयोटा और मारुति की मजबूत नेटवर्क और शुरुआती बढ़त को टक्कर देना आसान नहीं होगा।
अगला कारण है ग्राहक का विश्वास। फॉक्सवैगन को अपने ब्रांड पर भरोसा फिर से कायम करना होगा, खासकर जब पिछली लॉन्चेस उम्मीद के अनुसार परफॉर्म नहीं कर सकीं।
फॉक्सवैगन ग्रुप की यह रणनीति भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। 2028 तक भारत में पहली लोकल हाइब्रिड कार लॉन्च करना केवल एक शुरुआत होगी।
यदि यह योजना सफल होती है, तो फॉक्सवैगन न केवल हाइब्रिड सेगमेंट में मजबूत जगह बनाने में, बल्कि भारत को अपने वैश्विक हाइब्रिड निर्माण का केंद्र भी बना सकता है।
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