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Uttarakhand Badrinath Yatra: अब बदरीनाथ यात्रा में नहीं लगेगी भीड़, डिजिटल टिकटिंग से मिलेगी रफ्तार
Uttarakhand Badrinath Yatra Digital Tickets: आज हम आपको बदरीनाथ धाम के दर्शन बिना लम्बी लाइन में खड़े हुए और आराम से कर पाने का रास्ता बताने जा रहे हैं, जो अब तक सिर्फ टोल प्लाजा तक ही सीमित था।
Uttarakhand Badrinath Yatra Digital Tickets
Uttarakhand Badrinath Yatra Digital Tickets: उत्तराखंड की देवभूमि में चारधाम यात्रा के दौरान हर साल लाखों श्रद्धालु बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि धार्मिक यात्रा के बीच अगर घंटों लाइन में फंसे रहना पड़े तो यात्रा का सारा आनंद किरकिरा हो जाता है? श्रद्धा के सफर में रफ्तार लाने और यात्रियों को जाम से निजात दिलाने के लिए अब बदरीनाथ धाम ने देश में पहली बार कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो अब तक सिर्फ टोल प्लाजा तक ही सीमित था।
जी हां! बदरीनाथ में अब फास्टैग से इको टूरिज्म शुल्क वसूला जाएगा। इसे देश का पहला हाई-हाइट फास्टैग इको बैरियर कहा जा रहा है। समुद्र तल से 10,279 फीट की ऊंचाई पर यह तकनीक स्थापित की गई है और इसी के साथ उत्तराखंड ने डिजिटल भारत की रफ्तार को हिमालय की ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है। अब श्रद्धालुओं को टिकट के लिए जेब से पैसे निकालने या लंबी कतारों में खड़े रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गाड़ी चलेगी, फास्टैग कटेगा और यात्रा बिना रुके आगे बढ़ेगी।
देश का पहला हाई-हाइट फास्टैग बैरियर, अब बदरीनाथ में
इस ऐतिहासिक डिजिटल पहल का वर्चुअल उद्घाटन चमोली जिले के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने किया। बदरीनाथ नगर पंचायत की ओर से लगाए गए इस बैरियर को देवदर्शनी नामक स्थान पर स्थापित किया गया है, जो बदरीनाथ धाम से कुछ ही दूरी पर स्थित है। खास बात यह है कि इतने ऊंचे क्षेत्र में यह देश का पहला ऐसा फास्टैग बैरियर है, जिससे इको टूरिज्म शुल्क वसूला जाएगा। पहले जब श्रद्धालु अपने वाहनों में बदरीनाथ धाम पहुंचते थे, तो शुल्क वसूली के लिए लंबी-लंबी कतारें लग जाती थीं। कई बार यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ता था, जिससे यात्रा का उत्साह फीका पड़ जाता था। खासकर छुट्टियों या यात्रा के पीक सीजन में ये हालात और भी बदतर हो जाते थे। लेकिन अब इस तकनीक से यात्रियों को राहत मिलने जा रही है।
डिजिटल इंडिया की रफ्तार अब हिमालय की ऊंचाइयों तक
यह पूरी व्यवस्था पार्क प्लस कंपनी की मदद से लगाई गई है। बीते 15 दिनों तक इसका सफल ट्रायल किया गया और अब इसे विधिवत शुरू कर दिया गया है। फास्टैग तकनीक से अब छोटे चौपहिया वाहनों से ₹60, टेंपो ट्रेवलर से ₹100, बस से ₹120 और हेलिकॉप्टर से आने वाले यात्रियों से ₹1000 शुल्क लिया जाएगा। इससे नगर पंचायत को सीधे राजस्व मिलेगा और यात्रियों को लंबी कतारों से छुटकारा। यह कदम न सिर्फ यात्रियों के समय को बचाएगा बल्कि बदरीनाथ जैसे संवेदनशील और ऊंचाई वाले क्षेत्र में ट्रैफिक प्रबंधन को भी आसान बना देगा। इसके साथ ही यह पहल डिजिटल इंडिया अभियान को धार्मिक पर्यटन स्थलों तक पहुंचाने का बेहतरीन उदाहरण बन गई है।
टेक्नोलॉजी से बदल रही है यात्रा का अनुभव
इस मौके पर स्थानीय प्रशासन, नगर पंचायत, पुलिस प्रशासन, होटल एसोसिएशन और धार्मिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने इसे बदरीनाथ यात्रा के इतिहास में एक बड़ा और क्रांतिकारी कदम करार दिया। खास बात ये है कि बदरीनाथ आने वाले सभी यात्री अब डिजिटल इंडिया की इस उपलब्धि का हिस्सा बनेंगे। ये पहल न सिर्फ धार्मिक यात्रा में सहूलियत लाएगी बल्कि उत्तराखंड को भविष्य में स्मार्ट टूरिज्म के नक्शे पर भी स्थापित करने में मदद करेगी। अब भविष्य में उम्मीद की जा रही है कि केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे दूसरे धार्मिक स्थलों पर भी ऐसी डिजिटल व्यवस्था लागू होगी।
अब बदरीनाथ की यात्रा में मिलेगा डिजिटल सफर का मजा
अब जब आप अगली बार बदरीनाथ धाम की यात्रा पर निकलें तो तैयार रहिए – टिकट की लंबी लाइन नहीं, जेब से पैसे निकालने का झंझट नहीं, बस आपकी गाड़ी और आपके फास्टैग की रफ्तार, सीधे भगवान बदरी विशाल के दरबार तक। उत्तराखंड ने दिखा दिया है कि भक्ति और तकनीक मिल जाए तो यात्रा सिर्फ मंज़िल तक नहीं जाती, बल्कि दिल तक पहुंचती है।
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