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Hyderabad Chowmahalla Palace: हैदराबाद का शाही गहना, आइए जाने चौमहल्ला पैलेस का इतिहास

Hyderabad Chowmahalla Palace History: यह महल न केवल एक इमारत है, बल्कि हैदराबाद के इतिहास, संस्कृति और वैभव की जीवंत कहानी है।

Akshita Pidiha
Published on: 26 July 2025 4:09 PM IST
Hyderabad Chowmahalla Palace History
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Hyderabad Chowmahalla Palace History (Image Credit-Social Media)

Hyderabad Chowmahalla Palace History: हैदराबाद, एक ऐसा शहर जो अपनी संस्कृति, इतिहास और स्वादिष्ट बिरयानी के लिए मशहूर है, अपने गौरवशाली अतीत को संजोए हुए कई ऐतिहासिक स्मारकों का घर है। इनमें से एक है चौमहल्ला पैलेस, जो निज़ामों की शाही विरासत का प्रती क है। यह महल न केवल एक इमारत है, बल्कि हैदराबाद के इतिहास, संस्कृति और वैभव की जीवंत कहानी है। इसलेख में हम चौमहल्ला पैलेस की खूबसूरती, इसके इतिहास, वास्तुकला और आकर्षण को रोचक अंदाज में जानेंगे।

चौमहल्ला का अर्थ और इसका महत्व

चौमहल्ला शब्द सुनते ही मन में एक शाही तस्वीर उभरती है। यह नाम उर्दू और हिंदी शब्द चार और महल से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है चार महल। यह नाम अपने आप में इस इमारत की भव्यता को दर्शाता है। यह पैलेस निज़ामों का आधिकारिक निवास स्थान था, जहां वे अपने शासनकाल में रहते थे और महत्वपूर्ण समारोह आयोजित करते थे। आज यह एक संग्रहालय के रूप में जनता के लिए खुला है, जो निज़ामों की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करता है।


चौमहल्ला पैलेस हैदराबाद के पुराने शहर में, चारमीनार के पास खीलवट इलाके में स्थित है। इसकी भव्यता और इतिहास इसे शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक बनाते हैं। यह महल निज़ामों के शासनकाल की शान और उनके कला, वास्तुकला और विज्ञान के प्रति प्रेम को दर्शाता है।

चौमहल्ला पैलेस का इतिहास

चौमहल्ला पैलेस का निर्माण 18वीं शताब्दी में शुरू हुआ था। इसकी नींव 1750 में निज़ाम सलाबत जंग ने रखी थी, लेकिन इसे पूरा करने का काम पांचवें निज़ाम, अफज़ल-उद-दौला, आसफ जाह पंचम के शासनकाल में 1857 से 1869 के बीच हुआ। यह महल निज़ामों का मुख्य निवास स्थान था, जहां वे अपने दरबार आयोजित करते थे और महत्वपूर्ण मेहमानों का स्वागत करते थे।

निज़ामों का शासन 1720 से 1948 तक चला, और इस दौरान चौमहल्ला पैलेस उनके शक्ति और वैभव का केंद्र रहा। यहाँ न केवल शाही समारोह और उत्सव आयोजित होते थे, बल्कि यह प्रशासनिक कार्यों का भी मुख्य केंद्र था। निज़ामों के शासन के बाद, यह महल कुछ समय के लिए उपेक्षित रहा, लेकिन 2005 से 2010 के बीच, प्रिंसेस एज़रा के नेतृत्व में इसे पुनर्जनन मिला। इस रेस्टोरेशन ने महल को उसकी पुरानी शान में वापस लाया, और 2010 में इसे यूनेस्को एशिया पैसिफिक मेरिट अवार्ड से सम्मानित किया गया।

आज यह महल निज़ामों के वंशज, बरकत अली खान मुकरम जाह की संपत्ति है, लेकिन इसे जनता के लिए खोल दिया गया है। यहाँ आने वाले पर्यटक निज़ामों की शाही जीवनशैली, उनके संग्रह और उस दौर की संस्कृति को करीब से देख सकते हैं।

वास्तुकला की अनूठी झलक


चौमहल्ला पैलेस की वास्तुकला इसकी सबसे बड़ी खासियत है। यह महल कई वास्तुशैलियों का संगम है, जिसमें फारसी, मुगल, राजस्थानी और यूरोपीय शैलियों का मिश्रण देखने को मिलता है। इसे ईरान के शाह के महल से प्रेरित माना जाता है। महल का निर्माण लगभग 100 वर्षों तक चला, जिसके कारण इसमें विभिन्न शैलियों का प्रभाव स्पष्ट दिखता है।

महल दो मुख्य प्रांगणों में बंटा है: उत्तरी प्रांगण और दक्षिणी प्रांगण। दक्षिणी प्रांगण इसका सबसे पुराना हिस्सा है, जिसमें चार मुख्य महल हैं: अफजल महल, महताब महल, तहनीयत महल और अफताब महल। इनमें से अफजल महल सबसे भव्य है, जिसका नाम पांचवें निज़ाम अफज़ल-उद-दौला के नाम पर रखा गया है। इन महलों की वास्तुकला नियो-क्लासिकल शैली में है, जिसमें आयोनिक और कोरिंथियन स्तंभों का उपयोग हुआ है।

उत्तरी प्रांगण में खीलवट मुबारक, जो दरबार हॉल है, इस महल का दिल माना जाता है। यहाँ की सजावट में मुगल शैली के गुंबद, मेहराबें और जटिल स्टुको कार्य देखने को मिलते हैं। खीलवट मुबारक में एक संगमरमर का मंच है, जिस पर तख्त-ए-निशान यानी शाही सिंहासन रखा जाता था। यहाँ 19 बेल्जियन क्रिस्टल झाड़-फानूस (chandeliers) हैं, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाते हैं।

महल में एक घड़ी टावर भी है, जिसे खीलवट क्लॉक के नाम से जाना जाता है। यह घड़ी 1750 से लगातार चल रही है और हर हफ्ते इसे विशेषज्ञ घड़ीसाज़ द्वारा winding की जाती है। इसके अलावा, बारा इमाम, एक लंबा गलियारा है जो पहले प्रशासनिक कार्यों के लिए इस्तेमाल होता था, और शीशे-अलत, जो इसका दर्पण प्रतिबिंब है, मेहमानों के लिए अतिथि कक्ष के रूप में उपयोग होता था।

चौमहल्ला पैलेस के मुख्य आकर्षण


चौमहल्ला पैलेस केवल एक इमारत नहीं, बल्कि एक जीवंत संग्रहालय है जो निज़ामों की शाही जीवनशैली को दर्शाता है। यहाँ कुछ मुख्य आकर्षण हैं जो पर्यटकों को लुभाते हैं:

खीलवट मुबारक: यह महल का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां निज़ाम अपना दरबार आयोजित करते थे। यहाँ की सजावट, संगमरमर का मंच और बेल्जियन क्रिस्टल के झाड़-फानूस इसे अविस्मरणीय बनाते हैं।

विंटेज कार संग्रह: महल के प्रांगण में निज़ामों के उपयोग में आईं विंटेज कारें प्रदर्शित हैं, जिनमें 1912 की रॉल्स रॉयस सिल्वर घोस्ट और 1937 की ब्यूक कन्वर्टिबल शामिल हैं। ये कारें उस दौर की शाही जीवनशैली की झलक देती हैं।

काउंसिल हॉल: यहाँ निज़ामों के निजी संग्रह जैसे दुर्लभ पांडुलिपियाँ, किताबें, तस्वीरें और शाही वस्तुएँ प्रदर्शित हैं। यह हॉल अब अस्थायी प्रदर्शनियों के लिए उपयोग होता है।

रोशन बंगला: छठे निज़ाम, मीर महबूब अली खान की माँ रोशन बेगम के नाम पर बना यह हिस्सा, शाही परिवार की निजी जिंदगी की कहानियाँ बयां करता है।

बाग-बगीचे और फव्वारे: महल के चारों ओर फैले हरे-भरे बगीचे और फव्वारे इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं। यहाँ की शांति और हरियाली पर्यटकों को सुकून देती है।

स्मारिका दुकान: महल में एक स्मारिका दुकान भी है, जहां पर्यटक किताबें, पोस्टकार्ड, आभूषण और अन्य सजावटी सामान खरीद सकते हैं।

चौमहल्ला पैलेस में होने वाले आयोजन

चौमहल्ला पैलेस केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक केंद्र भी है। यहाँ साल भर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियाँ और उत्सव आयोजित होते हैं। चौमहल्ला संगीत और नृत्य उत्सव इसका सबसे लोकप्रिय आयोजन है, जिसमें देश भर के प्रसिद्ध कलाकार कर्नाटक, हिंदुस्तानी, कथक और भरतनाट्यम जैसे शास्त्रीय प्रदर्शन प्रस्तुत करते हैं। इसके अलावा, कला और शिल्प प्रदर्शनियाँ भी यहाँ आयोजित होती हैं, जो समकालीन और पारंपरिक कला को बढ़ावा देती हैं।

पर्यटकों के लिए जानकारी


चौमहल्ला पैलेस की सैर के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ दी जा रही है:

समय: महल सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। टिकट काउंटर शाम 4:30 बजे बंद हो जाता है, और पर्यटकों को 5:30 बजे तक परिसर खाली करना होता है। यह शुक्रवार और राष्ट्रीय अवकाशों पर बंद रहता है।

प्रवेश शुल्क: भारतीय नागरिकों के लिए 100 रुपये, विदेशी पर्यटकों के लिए 400 रुपये, और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए 40 रुपये। फोटोग्राफी के लिए 50 रुपये का अतिरिक्त शुल्क है, लेकिन वीडियोग्राफी निषिद्ध है।

पहुँचने का तरीका: महल हैदराबाद के पुराने शहर में, चारमीनार से लगभग 1 किमी की दूरी पर है। यहाँ बस, ऑटो, टैक्सी या मेट्रो (निकटतम स्टेशन: एमजी बस स्टेशन) से आसानी से पहुँचा जा सकता है। पता: 20-4-236, मोती गली रोड, खीलवट, हैदराबाद, तेलंगाना 500002।

सुझाव: महल का क्षेत्र बड़ा है, इसलिए आरामदायक जूते पहनें। अपने साथ पानी की बोतल और सनस्क्रीन रखें। यहाँ दो घंटे का समय देना उचित है ताकि आप शांति से हर हिस्से को देख सकें।

आसपास के दर्शनीय स्थल

चौमहल्ला पैलेस के आसपास कई अन्य आकर्षण हैं जो आपकी यात्रा को और रोमांचक बना सकते हैं:

चारमीनार: यह हैदराबाद का प्रतीक है, जो महल से केवल 1 किमी दूर है।

मक्का मस्जिद: यह ऐतिहासिक मस्जिद महल से 500 मीटर की दूरी पर है।

लाड बाज़ार: पारंपरिक चूड़ियों और आभूषणों के लिए प्रसिद्ध, यह बाज़ार महल के पास ही है।

सालार जंग संग्रहालय: यहाँ विश्व भर की कला और पुरावस्तुएँ देखी जा सकती हैं, जो महल से 2 किमी दूर है।

निज़ाम संग्रहालय: निज़ामों की विरासत को और गहराई से जानने के लिए यह जगह भी पास में है।

क्यों है चौमहल्ला पैलेस खास?

चौमहल्ला पैलेस सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि हैदराबाद के इतिहास और संस्कृति का जीवंत दस्तावेज है। यहाँ की हर दीवार, हर मेहराब और हर चीज़ निज़ामों की शाही जिंदगी की कहानी कहती है। यहाँ आकर आप उस दौर में खो जाते हैं जब हैदराबाद दुनिया के सबसे समृद्ध और प्रगतिशील शहरों में से एक था।


यह महल उन लोगों के लिए भी खास है जो इतिहास और वास्तुकला में रुचि रखते हैं। यहाँ की हर छोटी-बड़ी चीज़, चाहे वह बेल्जियन क्रिस्टल के झाड़-फानूस हों या विंटेज कारें, आपको उस दौर की भव्यता का अहसास कराती हैं। साथ ही, यहाँ की शांति और सुंदरता इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाती है, जहाँ आप परिवार या दोस्तों के साथ समय बिता सकते हैं।

चौमहल्ला पैलेस हैदराबाद की शान है, जो निज़ामों के गौरवशाली अतीत को आज भी जीवंत रखता है। इसकी भव्य वास्तुकला, समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक महत्व इसे हर यात्री की सूची में शामिल होने लायक बनाते हैं। अगर आप हैदराबाद की सैर पर हैं, तो इस महल को देखे बिना आपकी यात्रा अधूरी है। यहाँ की हर चीज़ आपको निज़ामों की शाही दुनिया में ले जाएगी, जहाँ आप उनके वैभव और संस्कृति को करीब से महसूस कर सकते हैं।

तो, अगली बार जब आप हैदराबाद जाएँ, चौमहल्ला पैलेस को अपनी सूची में ज़रूर शामिल करें। यह न केवल एक जगह है, बल्कि एक अनुभव है जो आपके दिल और दिमाग में हमेशा के लिए बसा रहेगा।

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