श्री पद्मनाभ से तिरुपति तक- जानें किन मंदिरों में छुपा है अरबों का खजाना

भारत के सबसे धनी मंदिरों की सूची जानिए — श्री पद्मनाभस्वामी से लेकर तिरुपति बालाजी, स्वर्ण मंदिर और वैष्णो देवी तक। इन मंदिरों में छुपा है अरबों-खरबों रुपए का खजाना, जो आस्था, इतिहास और समृद्धि का प्रतीक है।

Jyotsana Singh
Published on: 21 Oct 2025 9:56 PM IST
Richest Temples in India
X

Richest Temples in India (Image Credit-Social Media)

Richest Temples in India: इस बात में कोई दोराय नहीं कि भारत के लिए गढ़ी गई कहावत 'सोने की चिड़िया' वास्तव में इस पर पूरी तरह से खरी उतरती है। जहां की मिट्टी में लहलहाती फसलों के रूप में सोने की भरपूर पैदावार बरसती है वहीं यहां की आस्था और संस्कृति जो इसे संपूर्ण विश्वपटल पर एक खास पहचान देती है। असल में भारत वह देश है जहां आस्था और भक्ति का गहरा इतिहास है, वहां कई मंदिर केवल धार्मिक केंद्र ही नहीं बल्कि भव्य खजानों के भंडार भी हैं। सदियों से भक्तों ने इन मंदिरों में सोना, चांदी, आभूषण और कीमती रत्न चढ़ाए हैं। इन मंदिरों की संपत्ति का अनुमान करोड़ों से लेकर अरबों रुपए तक लगाया जाता है। इन मंदिरों में रखे खजाने का आकार और प्रकार इतना विशाल है कि दुनिया भर के इतिहासकार और अर्थशास्त्री भी हैरान रह जाते हैं। आइए जानते हैं भारत के इन धन-वैभव से भरपूर मजदूरों के बारे में -

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम, आंध्र प्रदेश


दक्षिण भारत का दूसरा सबसे धनी मंदिर है तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, जो तिरुमला पहाड़ों पर स्थित है। यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है और भारत के सबसे बड़े धार्मिक दान स्थलों में से एक माना जाता है। यहां लगभग 10.25 टन सोना है और 2023 में भक्तों ने 1031 किलोग्राम सोना तथा 15,938 करोड़ रुपए से अधिक नकद दान किया। यह मंदिर न केवल भौतिक संपत्ति के लिए बल्कि आस्था और भक्ति के प्रतीक के रूप में भी प्रसिद्ध है।

लक्ष्मी नारायण मंदिर, वेल्लोर


वेल्लोर का लक्ष्मी नारायण मंदिर, जिसे वेल्लोर का स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है। अपनी भव्यता और वास्तुकला के लिए जाना जाता है। मंदिर की संरचना में 1.5 टन से अधिक सोने की चादरें लगी हुई हैं, जो इसे देखने लायक बनाती हैं। यह मंदिर केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि कला और वास्तुकला के दृष्टिकोण से भी अद्वितीय है।

शिर्डी साईं बाबा मंदिर, महाराष्ट्र


महाराष्ट्र का शिर्डी साईं बाबा मंदिर सभी धर्मों के भक्तों को आकर्षित करता है और इसके खजाने में करोड़ों रुपए का सोना, चांदी और कीमती पत्थर शामिल हैं। यहां हर साल करोड़ों रुपए का दान आता है, जो इसे आर्थिक दृष्टि से भी मजबूत बनाता है। साईं बाबा की शिक्षाओं और भक्ति ने इस मंदिर को भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में स्थान दिलाया है।

माता वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू-कश्मीर


त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर भी अत्यधिक खजाने वाला धार्मिक स्थल है। यहां हर साल बड़ी मात्रा में सोना, चांदी और नकद चढ़ता है। यह मंदिर न केवल भौतिक संपत्ति के लिए बल्कि आध्यात्मिक शक्ति और भक्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसकी भव्यता और भक्तों की आस्था इसे पूरे देश में प्रसिद्ध बनाती है।

हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर), अमृतसर, पंजाब


स्वर्ण मंदिर, जिसे हरमंदिर साहिब कहा जाता है, सिख धर्म का सबसे पवित्र स्थल है। इसका नाम इसके ऊपरी मंदिरों पर लगे सोने के आवरण के कारण पड़ा। इस मंदिर में हर साल करोड़ों रुपए का दान आता है और यह भक्ति, सेवा और समर्पण का प्रतीक है। इसकी भव्यता और सोने की सजावट इसे दुनिया भर में अद्वितीय बनाती है।

कामाख्या मंदिर, असम


असम का कामाख्या मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां भी हर साल भक्त बड़ी मात्रा में सोना और चांदी चढ़ाते हैं। यह मंदिर न केवल धन की दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। कामाख्या मंदिर अपनी ऐतिहासिकता, कला और धार्मिक महत्व के कारण पूरे देश में जाना जाता है।

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरुवनंतपुरम, केरल


जब भारत के सबसे धनी मंदिरों की बात आती है, तो सबसे पहला नाम आता है श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इसका अनुमानित खजाना 1.2 लाख करोड़ रुपए से अधिक बताया जाता है और यहां लगभग 1500 टन सोना मौजूद है, जिसमें सिक्के, मूर्तियां और आभूषण शामिल हैं। 2011 में इस मंदिर के तहखानों की खोज ने इसकी भव्य संपत्ति का पता चला और तब दुनिया भर का ध्यान इस तरफ आकर्षित हुआ। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां रखे गए सोने और रत्न सदियों पुरानी आस्था और विरासत का प्रतीक हैं।

भारत के ये मंदिर केवल धार्मिक स्थलों के रूप में ही नहीं बल्कि भव्य खजानों के भंडार के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। श्री पद्मनाभस्वामी से लेकर तिरुपति वेंकटेश्वर, वेल्लोर स्वर्ण मंदिर और हरमंदिर साहिब तक, इन मंदिरों में रखे गए सोने, चांदी और बहुमूल्य रत्न सदियों से आस्था और भक्ति के प्रतीक बने हुए हैं। ये मंदिर दर्शाते हैं कि भारत की धार्मिक धरोहर केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और आर्थिक दृष्टि से भी अत्यंत समृद्ध है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में प्रस्तुत सभी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। मंदिरों में बताई गई संपत्ति, सोना, चांदी और दान राशि अनुमानित हैं और समय-समय पर बदल सकती हैं। इस लेख का उद्देश्य केवल तथ्यात्मक जानकारी और सामान्य ज्ञान साझा करना भर है।

1 / 5
Your Score0/ 5
Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!