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Bihar Famous Janaki Temple: क्या है बिहार में स्थित जानकी मंदिर की खासियत, क्यों हो रही उसकी इतनी चर्चा
Bihar Famous Janaki Temple: सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण ज़ोरों शोरों से चल रहा है। इससे बिहार के पर्यटन में चार चांद लग जायेगा।
Bihar Famous Janaki Temple (Image Credit-Social Media)
Bihar Famous Janaki Temple: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 8 अगस्त को बिहार के सीतामढ़ी के पुनौराधाम में जानकी मंदिर के भव्य पुनर्विकास की आधारशिला रखी। जिसे देवी सीता का जन्मस्थान माना जाता है। इसे जानकी मंदिर के रूप में पहचान मिली है जो 882.87 करोड़ रुपये से अधिक की लागत में तैयार हुआ है। आज हम आपको इस मंदिर की खासियत के बारे में बताने जा रहे हैं।
बिहार में स्थित जानकी मंदिर की खासियत
पुनर्विकसित जानकी मंदिर परिसर 67 एकड़ में फैला होगा, 17 एकड़ मौजूदा भूमि और 50 एकड़ नई अधिग्रहित भूमि, जिसकी लागत ₹165.57 करोड़ होगी। बिहार सरकार ने एकीकृत मंदिर परिसर के लिए ₹882.87 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। आपको बता दें कि पुराने मंदिर और उसके परिसर के जीर्णोद्धार और विकास के लिए ₹137 करोड़ आवंटित किये गए हैं। साथ ही पर्यटन संबंधी बुनियादी ढाँचे के लिए ₹728 करोड़ रूपए और 10 वर्षों के रखरखाव के लिए ₹16 करोड़ रूपए निर्धारित किये गए हैं।
कितना भव्य होगा बिहार का जानकी मंदिर
सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण ज़ोरों शोरों से चल रहा है। इससे बिहार के पर्यटन में चार चांद लग जायेगा। जहाँ एक ओर पुनौराधाम पर हर साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं वहीँ इसकी डिजाइन सलाहकार के रूप में नोएडा स्थित एक कंपनी की नियुक्ति की गयी है जो इसका डिज़ाइन तैयार करेंगें। गौरतलब है कि ये वही कंपनी है जो राम जन्मभूमि न्यास के लिए मास्टर प्लानिंग और वास्तुकला सेवाओं में लगी हुई थी।
इसके साथ ही साथ जानकी मंदिर के परिसर में आपको एक परिक्रमा मार्ग, यज्ञ मंडप, संग्रहालय, सभागार, कैफेटेरिया और बच्चों के खेल का मैदान, तीर्थयात्रियों के लिए धर्मशाला, सीता वाटिका और लव-कुश वाटिका, पार्किंग क्षेत्र और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। इसके अलावा जब मंदिर परिसर का मुख्य गर्भगृह मंदिर के मध्य में स्थित होगा। भक्त सबसे पहले उत्तर दिशा में स्थित मुख्य प्रवेश द्वार से परिसर में प्रवेश करेंगे। जिसके बाद उनकी सुरक्षा जांच की जाएगी। इसके बाद आपको स्वागत केंद्र, जानकारी काउंटर और नक्शा मार्गदर्शिका मिलेगी। जिसके बाद भक्त सीधे मंदिर मार्ग, वाटिका, कुंड, और यज्ञ मंडप की ओर जा पायेंगें। वहीँ इसके साथ ही बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों के लिए ई-कार्ट सेवा विशेष रूप से तैयार की गयी है।
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