Lucknow Ganesh Chaturthi 2025: जगमग रौशनी संग नजर आने लगा झूलेलाल घाट पर मनौतियों के राजा का दरबार

Lucknow Ganesh Chaturthi 2025: झूलेलाल घाट का यह गणेशोत्सव लखनऊ के लिए केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है।

Jyotsna Singh
Published on: 27 Aug 2025 5:22 PM IST
Jhulelal Ghat
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Jhulelal Ghat (Image Credit-Social Media)

Lucknow Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी के करीब आते ही पूरे देश में गणेशोत्सव पंडाल अपनी पूरी भव्यता के साथ नजर आने लगे हैं और लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इसी कड़ी में लखनऊ में इस बार गणेशोत्सव का नज़ारा कुछ अलग ही होने वाला है। इस पर्व की तिथि नज़दीक आने के साथ ही शहर में हर बार आयोजित होने वाले गणेश पंडालों में माहौल उत्साह और श्रद्धा से भरता जा रहा है। जिसमें झूलेलाल वाटिका स्थित गणेश पंडाल हमेशा से ही भक्तों की भीड़ और श्रद्धा का केंद्र रहा है। जहां 27 अगस्त से 6 सितम्बर तक 'मनौतियों के राजा' का दरबार लोगों के बीच अपार आस्था और मनौतियों का प्रतीक बनकर स्थापित होगा। झूलेलाल घाट का यह गणेशोत्सव राजधानी लखनऊ के लिए केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह सामूहिक आस्था, संस्कृति और समाज की एकजुटता का उत्सव भी है। जहां की थीम बेस्ड भव्यता, राष्ट्रभक्ति की झलक, भक्तों की सुविधा और सुरक्षा का पूरा ध्यान तथा सांस्कृतिक विविधता से भरे कार्यक्रम ये सब मिलकर इस आयोजन को हमेशा ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में पूरी तरह से सफल रहे हैं।

दिल्ली के इस मंदिर की थीम पर नजर आएगी भव्यता

हर बार कई मशहूर स्थलों की थीम से यह पंडाल हमेशा लोगों को चौंकाता रहा है। वहीं इस बार भी लोगों को आकर्षित करने की पूरी तैयारी है। इस बार लगभग 15,000 वर्ग फुट में फैला और 85 फीट ऊंचा यह पंडाल दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की थीम पर तैयार किया गया है। दिल्ली का अक्षर धाम मंदिर अपनी आकर्षक बनावट के दूर-दूर तक मशहूर है। इस बार लखनऊ वासियों को इस मंदिर की भव्यता को देखने का मौका मिलेगा।

सुविधाओ का रखा जा रहा खास खयाल

अक्षर धाम मंदिर की तर्ज पर तैयार हो रहा झूलेलाल घाट पंडाल पूरी तरह वातानुकूलित और वाटरप्रूफ बनाया गया है। यानी बारिश और उमस के इस मौसम में लोग यहां आराम से पंडाल में चलने वाली धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आनंद उठा सकेंगे। कारीगरों की मेहनत का आलम यह है कि पिछले एक महीने से दिन-रात काम चल रहा है और हर कोना मंदिर की आभा बिखेरता दिखाई देगा।

पंडाल के बाहर भी विशेष व्यवस्था है। यहां 14,000 वर्ग फुट में बैठने के लिए कुर्सियां लगाई जा रही हैं ताकि भक्त आराम से भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठा सकें।

आपरेशन सिंदूर की भी झलक

इस बार झूलेलाल गणेशोत्सव सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक भी बनने जा रहा है। पंडाल में इस बार लोगों को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्तेमाल हुई ब्रह्मोस मिसाइल की झलक भी देखने को मिलेगी। इस बार यह पंडाल लोगों को देश की रक्षा और आस्था, दोनों की अनुभूति से जोड़ने का काम करेगा।

इस तर्ज पर तैयार की गई है बप्पा की प्रतिमा

इस बार पंडाल के आकर्षक थीम के साथ बप्पा की प्रतिमा भी उतनी ही खास है। इस बार छह फुट ऊंची बप्पा की मूर्ति मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर की तर्ज पर तैयार की गई है। लखनऊ के ही मूर्तिकार श्रवण प्रजापति ने इसे तैयार किया। जब मूर्ति पंडाल में विराजेंगी, तो भक्तों का उन्माद देखते ही बनेगा।

'लेटर टू बप्पा' की परंपरा में लाखों पत्र आने की उम्मीद

अपनी मुरादों को श्री गणेश के चरणों तक पहुंचाने के लिए 'लेटर टू बप्पा' एक बेहद प्रचलित मान्यता है। जो कि लखनऊ में गणेशोत्सव की सबसे लोकप्रिय परंपराओं में से एक है। इस पंडाल ने पिछले साल करीब 82 हज़ार चिट्ठियां लिखी गई थीं, और इस बार उम्मीद है कि यह संख्या लाखों तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। इस बार पंडाल में लोग सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक गणेश जी को अपनी मनोकामनाएं पत्र के रूप में समर्पित कर सकेंगे।

बीमा और सुरक्षा व्यवस्था का शानदार प्रबंध

झूलेलाल घाट पर इतने बड़े आयोजन के लिए सुरक्षा भी उतनी ही सख्त रखी गई है। पंडाल के अंदर-बाहर 60 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। जहां 25 महिला और 25 पुरुष सुरक्षाकर्मी लगातार मुस्तैदी के साथ निगरानी करेंगे। इतना ही नहीं, इस बार 10 करोड़ रुपये तक का आम श्रद्धालुओं का बीमा और 25 लाख रुपये का गणेश प्रतिमा का बीमा कराया गया है। यह पहल आयोजकों की सजगता और दूरदर्शिता को दर्शाती है।

दिग्गज कलाकारों से भजनों से भक्तिमय होगा आयोजन

दिग्गज कलाकारों की सुमधुर प्रस्तुतियों से हर शाम पंडाल में भक्तिमय वातावरण गूंजेगा। कोलकाता के प्रसिद्ध कलाकार संजय शर्मा के नेतृत्व में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। यहां मंच पर देशभर से नामी भजन गायक भी आ रहे हैं। 29 अगस्त को बीकानेर के प्रवेश शर्मा, 31 अगस्त को खलीलाबाद के रोमी सरदार, 2 सितम्बर को ग्वालियर के मनोज शर्मा और देवघर से मनोज अजीत बप्पा के चरणों में अपनी कला अर्पित करेंगे।

फूड जोन और झूलों का रहेगा खास प्रबंध

इस पंडाल में बच्चों और परिवारों के लिए झूले, गेम ज़ोन, किड्स ज़ोन और फूड ज़ोन भी बनाए गए हैं। पंडाल के बाहर चाट, फास्ट-फूड, आइसक्रीम और शॉपिंग की भी भरपूर व्यवस्था है। महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग बैठने की व्यवस्था है। यह महोत्सव केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव भी है। जहां हर उम्र के लोगों के लिए कुछ न कुछ खास है।

हजारों लोगों को जोड़ती है विसर्जन शोभायात्रा

बप्पा अगले बरस तू जल्दी आ के उद्घोष के साथ 6 सितम्बर को गणेशोत्सव का समापन शोभायात्रा के साथ होगा। दोपहर 1 बजे झूलेलाल वाटिका से यात्रा प्रारंभ होगी और शहर के प्रमुख मार्गों में विश्वविद्यालय रोड, आईटी चौराहा, रामकृष्ण मठ, शंकरनगर, नजीरगंज, डालीगंज से होती हुई वापस झूलेलाल वाटिका पहुंचेगी। इसके बाद गणेश प्रतिमा का भू-विसर्जन किया जाएगा।

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