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Mystery Of Point Nemo: यह है पृथ्वी का सबसे एकाकी स्थान, समुद्र के बीचों-बीच एक ऐसा बिंदु जहाँ केवल अंतरिक्ष यात्री होते हैं सबसे करीब
Point Nemo Ka Rahasya: प्वाइंट नीमो केवल पृथ्वी का सबसे निर्जन स्थान नहीं है, बल्कि यह उस अनजान खालीपन और रहस्य का प्रतीक है, जिसे मानव अब तक पूरी तरह समझ नहीं पाया है।
Most Remote Place On The Earth: जब हम पृथ्वी पर सबसे सुनसान और निर्जन स्थान की कल्पना करते हैं, तो अक्सर हमारे मन में अंटार्कटिका की बर्फीली वीरानी या रेगिस्तान की तपती रेत का दृश्य उभरता है। लेकिन हकीकत इससे कहीं ज़्यादा चौंकाने वाली धरती पर एक ऐसा स्थान भी है, जो न तो किसी देश की सीमा में आता है और न ही किसी द्वीप या महाद्वीप से जुड़ा है। यह जगह विशाल महासागर के बिल्कुल मध्य में स्थित है, जिसे 'प्वाइंट नीमो' (Point Nemo) कहा जाता है। नाम सुनते ही एक रहस्यमय एहसास होता है, और वास्तव में भी यह स्थान वैज्ञानिक रूप से बेहद विचित्र और अनगिनत रहस्यों से भरा हुआ है।
प्वाइंट नीमो वह स्थान है, जहाँ से धरती पर कोई भी मानव बस्ती हज़ारों किलोमीटर दूर होती है। यहाँ तक कि इस जगह के सबसे नज़दीकी 'इंसान' भी पृथ्वी पर नहीं, बल्कि अंतरिक्ष स्टेशन में तैर रहे होते हैं। यह स्थान न केवल पृथ्वी का सबसे दूरस्थ बिंदु है, बल्कि वैज्ञानिकों, साजिश-थ्योरीकारों और खोजकर्ताओं के लिए भी एक रहस्यपूर्ण आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
आइये जानते है इस वीरान और सुनसान स्थान के बारे में
प्वाइंट नीमो क्या है?
प्वाइंट नीमो (Point Nemo) धरती का सबसे एकांत और रहस्यमय स्थान माना जाता है, जो दक्षिणी प्रशांत महासागर के गहरे और दूर-दराज़ हिस्से में स्थित है। यह ऐसा समुद्री बिंदु है जो पृथ्वी के किसी भी भू-भाग(चाहे वह कोई द्वीप हो या महाद्वीप) से सबसे ज़्यादा दूरी पर स्थित है। इंसानी मौजूदगी से कोसों दूर, यह स्थान एक निर्जन सन्नाटे का प्रतीक है। इसकी निर्जनता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके 2,688 किलोमीटर के दायरे में कोई ज़मीन नहीं है और जब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) इसके ऊपर से गुजरता है। तो वहीं मौजूद अंतरिक्ष यात्री इस स्थान के सबसे निकटतम इंसान होते हैं। प्वाइंट नीमो का सटीक स्थान 48°52.6′S 123°23.6′W है, और यही कारण है कि इसका उपयोग निष्क्रिय हो चुके उपग्रहों को गिराने के लिए किया जाता है, क्योंकि यह क्षेत्र पूरी तरह से मानव-मुक्त है और किसी भी खतरे से दूर। यह स्थान वैज्ञानिकों के लिए जितना उपयोगी है, उतना ही रहस्य प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
नाम का अर्थ - 'नीमो' कौन था?
'प्वाइंट नीमो' नाम अपने आप में ही एक प्रतीकात्मक और साहित्यिक महत्व रखता है। लैटिन भाषा में ‘नीमो’ (Nemo) का अर्थ होता है 'कोई नहीं' जो इस स्थान की पूर्ण निर्जनता और एकांत को दर्शाता है। यह नाम प्रसिद्ध फ्रांसीसी लेखक जूल्स वर्ने के उपन्यास 20,000 लीग्स अंडर द सी के किरदार ‘कैप्टन नीमो’ से प्रेरित है। उपन्यास में कैप्टन नीमो एक रहस्यमयी वैज्ञानिक होते हैं, जो मानव सभ्यता से दूर अपनी पनडुब्बी 'नॉटिलस' में समुद्र की गहराइयों में रहते हैं। जिस तरह कैप्टन नीमो ने जीवन का रास्ता इंसानों से अलग चुना, उसी तरह प्वाइंट नीमो भी पृथ्वी का वह स्थान है जो इंसानी मौजूदगी से सबसे दूर, एकांत और रहस्य से घिरा हुआ है।
प्वाइंट नीमो की भौगोलिक विशेषता
प्वाइंट नीमो की सबसे खास बात यह है कि यह धरती के किसी भी भू-भाग से अत्यंत दूरस्थ स्थिति में स्थित है। इसके सबसे नज़दीकी तीन ज़मीन के टुकड़े हैं ।उत्तर दिशा में पिटकेर्न द्वीप समूह का दुक्सी आइलैंड (Ducie Island), उत्तर-पश्चिम में ईस्टर द्वीप समूह के पास मोटु नुई (Motu Nui) और दक्षिण में अंटार्कटिका के पास स्थित महेर आइलैंड (Maher Island)। इन तीनों स्थानों की दूरी प्वाइंट नीमो से लगभग 2,688 किलोमीटर (1,670 मील) है और वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि इस स्थान से 2,600 किलोमीटर के दायरे में कोई भी भू-भाग मौजूद नहीं है। यही कारण है कि प्वाइंट नीमो को पृथ्वी का सबसे 'एकाकी' स्थान कहा जाता है, जहाँ से चारों ओर केवल अथाह जलराशि ही नजर आती है।
क्यों है यह स्थान इतना खास?
मानव रहित क्षेत्र - प्वाइंट नीमो एक ऐसा इलाका है जो बिल्कुल सुनसान और निर्जन है। यहाँ न कोई ज़मीन का टुकड़ा है, न कोई टापू, और न ही कोई नियमित जहाज़ी रास्ता गुजरता है। यह जगह इतनी एकाकी है कि चारों तरफ सिर्फ नीला, गहराई से भरा सागर फैला होता है। यहाँ न कहीं रोशनी की झलक, न इमारतों की परछाई, और न ही जीवन का कोई स्पष्ट संकेत देखने को मिलता है । यहाँ तक कि समुद्री जीव-जंतु भी इस क्षेत्र में बेहद कम संख्या में पाए जाते हैं, जिससे इसकी वीरानी और बढ़ जाती है।
निकटतम लोग अंतरिक्ष में - आश्चर्य की बात यह है कि जब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) प्वाइंट नीमो के ऊपर से गुजरता है, तो उस समय अंतरिक्ष में मौजूद अंतरिक्ष यात्री इस स्थान के सबसे नज़दीकी इंसान होते हैं, क्योंकि धरती पर कोई भी व्यक्ति इस स्थान से 2,600 किलोमीटर से कम दूरी पर नहीं होता।
उपग्रहों का कब्रिस्तान - प्वाइंट नीमो का यह एकांत वैज्ञानिकों के लिए भी उपयोगी साबित हुआ है। इसे 'स्पेसक्राफ्ट सेपुल्चर ज़ोन' या 'स्पेसक्राफ्ट सिमेट्री' कहा जाता है, क्योंकि पुराने और निष्क्रिय अंतरिक्ष यानों को गिराने के लिए इसे चुना जाता है। अब तक यहाँ लगभग 260 से 300 के बीच उपग्रह और अंतरिक्ष यान जैसे रूस का प्रसिद्ध मीर स्पेस स्टेशन सुरक्षित रूप से गिराए जा चुके हैं। इस क्षेत्र की मानव रहित स्थिति इसे एक प्रकार का 'अंतरिक्ष कब्रिस्तान' बना देती है, जहाँ कोई भी नुकसान या खतरा उत्पन्न नहीं होता।
समुद्री जीवन और जैव विविधता
प्वाइंट नीमो केवल मानव उपस्थिति से ही नहीं बल्कि जैविक दृष्टि से भी लगभग खाली क्षेत्र है। यह स्थान दक्षिण प्रशांत जाइर (South Pacific Gyre) में स्थित है। जो समुद्र का वह क्षेत्र है जहाँ जल अत्यंत साफ लेकिन पोषक तत्वों से लगभग शून्य होता है। इस क्षेत्र में समुद्री धाराएँ इतनी धीमी और सीमित होती हैं कि वे बाहरी पोषक तत्वों को यहाँ तक नहीं पहुँचा पातीं, जिससे यह स्थान जीवन के लिए अत्यंत कठिन बन जाता है। नतीजतन, यहाँ प्रवाल भित्तियाँ, बड़े मछली झुंड या समुद्री वनस्पतियाँ नहीं मिलतीं। हालाँकि, समुद्र की अथाह गहराइयों में कुछ सूक्ष्म जीव और ऐसे समुद्री प्राणी ज़रूर मौजूद हैं जो बेहद कठोर परिस्थितियों में जीने में सक्षम होते हैं, लेकिन उनकी संख्या बेहद कम है और विविधता भी सीमित। यही कारण है कि प्वाइंट नीमो को पृथ्वी का सबसे सुनसान और निर्जन इलाका माना जाता है - जहाँ जीवन का नामोनिशान लगभग न के बराबर है।
रहस्यों से भरा यह स्थान
द ब्लूप (The Bloop) - 1997 में अमेरिकी NOAA (नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन) ने प्वाइंट नीमो के निकट एक रहस्यमयी अल्ट्रा-लो फ्रीक्वेंसी ध्वनि रिकॉर्ड की जिसे 'ब्लूप' (The Bloop) नाम दिया गया। यह ध्वनि इतनी शक्तिशाली थी कि इसे 5,000 किलोमीटर दूर तक भी सुना जा सकता था। शुरुआत में वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि यह किसी अज्ञात विशाल समुद्री जीव जैसे विशालकाय स्क्विड या किसी और रहस्यमय प्राणी से उत्पन्न हुई होगी। हालांकि बाद में 2005 से 2012 के बीच हुए अनुसंधानों में NOAA ने यह निष्कर्ष निकाला कि यह आवाज़ अंटार्कटिका में बर्फ के टूटने (Icequake या Ice Calving) के कारण उत्पन्न हुई थी। इसके बावजूद, कुछ वैज्ञानिक और शोधकर्ता अब भी मानते हैं कि इस ध्वनि के पीछे कोई अज्ञात समुद्री जीवन या प्राकृतिक रहस्य हो सकता है।
वैज्ञानिक और साहित्यिक कल्पनाएँ - दिलचस्प बात यह है कि प्वाइंट नीमो की यह रहस्यमयी प्रकृति साहित्यिक कल्पनाओं को भी प्रेरित करती रही है। प्रसिद्ध हॉरर लेखक एच. पी. लवक्राफ्ट ने अपनी 1928 की कहानी The Call of Cthulhu में एक डूबे हुए शहर R'lyeh का वर्णन किया था, जिसका स्थान प्वाइंट नीमो से मात्र 330 किलोमीटर की दूरी पर बताया गया है। इस शहर को टेंटकल वाले अलौकिक दैत्य कथुल्हू(Cthulhu) का निवास बताया गया, जो सदियों से समुद्र की गहराइयों में सो रहा है। प्वाइंट नीमो की गूढ़ता और ‘ब्लूप’ जैसी रहस्यमयी घटनाओं ने इस काल्पनिक कथा को और भी प्रामाणिक और प्रभावशाली बना दिया। जिससे यह आधुनिक फिल्मों, वीडियो गेम्स और साहित्य में गहराई से जगह बना चुका है।
प्वाइंट नीमो तक पहुँचना संभव है ?
प्वाइंट नीमो तक पहुँचना तकनीकी रूप से संभव तो है, लेकिन यह यात्रा अत्यंत कठिन, महंगी और जोखिमों से भरी होती है। यह स्थान पृथ्वी के सबसे निर्जन समुद्री क्षेत्र में स्थित है। जहाँ पहुँचने के लिए विशेष रूप से तैयार की गई मजबूत नाव, सटीक GPS नेविगेशन, भरपूर ईंधन, भोजन, पीने का पानी और आपातकालीन सुरक्षा उपकरणों की आवश्यकता होती है। इस क्षेत्र का मौसम अत्यंत अनिश्चित होता है। तेज़ हवाएँ, ऊँची समुद्री लहरें और बदलता तापमान यात्रा को और भी चुनौतीपूर्ण बना देते हैं।
जहाँ तक क्षेत्रीय अधिकारों की बात है, प्वाइंट नीमो किसी भी देश के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। यह पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र (International Waters) में स्थित है। जिस पर कोई राष्ट्रीय सीमा या दावे लागू नहीं होते। इस कारण यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों के अधीन आता है और यहाँ किसी भी देश का कोई सीधा नियंत्रण नहीं होता।
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