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Jhansi News: झांसी में भूमाफिया हुए सक्रिय, शहर के बीचों-बीच खाली पड़ी बेशकीमती जमीनों पर है नजर

Jhansi News: भूमाफियाओं की नज़र झाँसी शहर के बीचो-बीच खाली पड़ी बेश-कीमती जमीनों पर रहती है। फिर वह जमीन चाहे किसी क्रिश्चियन समिति की हो, सेना की हो या फिर नगर निगम की।

Gaurav kushwaha
Published on: 20 Jun 2025 8:47 PM IST
Land mafia active in Jhansi, eyes on vacant lands in the middle of the city
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झांसी में भूमाफिया हुए सक्रिय, शहर के बीचों-बीच खाली पड़ी बेशकीमती जमीनों पर है नजर (Photo- Social Media)

Jhansi News: झाँसी। ऐसा लगता है कि पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा भूमाफिया अब झांसी में सक्रिय हो गए हैं। यह लोग रातों-रात अरबपति बनने के सपने देखने लगे है। इन भूमाफियाओं की नज़र झाँसी शहर के बीचो-बीच खाली पड़ी बेश-कीमती जमीनों पर रहती है। फिर वह जमीन चाहे किसी क्रिश्चियन समिति की हो, सेना की हो या फिर नगर निगम की। यह भूमाफिया उसे जमीन पर अपना कब्जा करने के लिए सरकारी तंत्र और अधिकारियों से मिलकर पूरी ताकत लगा देते है।

1000 करोड़ की जमीन का बड़ा घोटाला

हरेंद्र मसीह का नाम तो सुना ही होगा, यह वही शख्स है जिसने क्रिश्चियन अस्पताल, झाँसी की अधिकांश जमीनों को झांसी के बड़े भूमाफियाओं और व्यापारियों को फर्जी दस्तावेज बना कर बेच दिया।। हरेंद्र मसीह ने सिर्फ झाँसी में ही नही, झांसी के अलावा कई अन्य शहरों में भी फर्जी कागजात तैयार करके कई बेश-कीमती जमीनों को ठिकाने लगा दिया। ताजा मामला कानपुर का है जहां हरेंद्र मसीह ने 1000 करोड़ की जमीन का बड़ा घोटाला किया। फिलहाल हरेंद्र मसीह जेल में है।

वहीं सूत्रों की मांने तो हरेंद्र मसीह को जेल से बाहर निकालने के लिए झांसी की एक बड़े व्यापारी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। इसी बीच सत्यवीर चक्रपाणि नाम के एक व्यक्ति ने झांसी के वरिष्ठ अधिकारियों को एक पत्र लिखकर हरेंद्र मसीह, एक कंपनी के डायरेक्टर व उसके सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी कर क्रिश्चियन हॉस्पिटल की जमीन का सौदा करने के मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है। सत्यवीर का आरोप है कि उपरोक्त लोगों ने झांसी सिविल लाइंस के आराजी नंबर 457 मि. फर्जीवाड़ा करके 30 जनवरी 2021 को फर्जी रजिस्ट्री करवा कर हड़पने की कोशिश की जा रही है।

रजिस्ट्री करने वाले अधिकारियों की क्या है जिम्मेदारी

ऐसे मामलों में सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि जिस समय ऐसी रजिस्ट्रियाँ होने के लिए तहसील कार्यालय जाती है, तो वहां बैठे रजिस्ट्री करने वाले अधिकारी आखिर क्या देखकर रजिस्ट्री कर देते हैं। तहसील सूत्रों की मांने तो इन अधिकारियों के पास में मोटा कमीशन पहले ही पहुंच जाता है। जिस वजह से फर्जी रजिस्ट्रियों पर इनकी आँखे और जमीर मरना लाजमी है। वही ऐसे मामलों में जब कार्रवाई होती है तो सवाल यह भी उठना लाजिमी है की रजिस्ट्री करने वाले ऐसे अधिकारियों को उस कार्रवाई में आरोपी क्यों नहीं बनाया जाता है।

सत्यवीर चक्रपाणि द्वारा झांसी के अधिकारियों उपरोक्त मामले में लगाई गई गुहार आने वाले दिनों में एक कंपनी के और उनके गुर्गों की परेशानी बढ़ा सकते हैं। कंपनी डायरेक्टर का भाई सत्तादल से जुड़ा हुआ है। वह पहले सपा में था। अब भाजपा में शामिल है। भाजपा नेताओं के इशारे पर कंपनी का डायरेक्टर जमीनों पर कब्जा करता जा रहा है। इसकी जानकारी यहां के प्रशासनिक अफसरों को अच्छी तरह से हैं मगर उनके सामने अफसर मूकदर्शक बने हुए हैं। इस मामले को प्रदेश के मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी लाया गया है।

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