समर्थ उत्तर प्रदेश @2047 अभियान: 6 लाख प्रदेशवासियों ने साझा किए बहुमूल्य सुझाव, 3.20 लाख फीडबैक

समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के तहत बुधवार 24 सितम्बर तक लगभग 6 लाख प्रदेशवासियों ने अपने सुझाव साझा किए हैं।

Virat Sharma
Published on: 24 Sept 2025 8:41 PM IST
Lucknow News
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Lucknow News: UP, CM, Yogi Aditya Nath 

Uttar Pradesh News: समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के तहत बुधवार 24 सितम्बर तक लगभग 6 लाख प्रदेशवासियों ने अपने सुझाव साझा किए हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 4.70 लाख तो वहीं नगरीय क्षेत्रों से लगभग 1.30 लाख प्रदेशवासी जुड़ चुके हैं। सर्वाधिक 3.20 लाख सुझाव 31-60 आयु वर्ग के लोगों द्वारा दिए गए हैं, जबकि लगभग 2.40 लाख सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों ने दिए हैं। यही नहीं करीब 40 हजार सुझाव सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए है।

गौरतलब है कि अभियान के तहत सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा भ्रमण कर विभिन्न लक्षित समूहों-छात्र, शिक्षक, व्यवसायी, उद्यमी, कृषक, स्वयं सेवी संगठन, श्रमिक संघठनों, मीडिया एवं आम जनमानस के साथ विगत 8 वर्षों से प्रदेश की विकास यात्रा के संबंध में जानकारी दी जा रही है तथा विकास हेतु रोड मैप पर चर्चा कर फीडबैक प्राप्त किया जा रहा है।

महाराजगंज, कानपुर देहात और संभल से मिले सर्वाधिक फीडबैक

आम जनमानस द्वारा अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है। सर्वाधिक सुझाव शिक्षा क्षेत्र, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र, समाज कल्याण, कृषि क्षेत्र, आईटी & टेक 14,700, इंडस्ट्री 15,182 तथा सुरक्षा से सम्बंधित विषयों पर प्राप्त हुए हैं। जनपद महाराजगंज से लगभग 62 हजार फीडबैक के साथ प्रथम, लगभग 30 हजार फीडबैक के साथ कानपुर देहात द्वितीय और 22 हजार से अधिक फीडबैक के साथ संभल तृतीय स्थान पर है। इसके अतिरिक्त प्रयागराज, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, गोरखपुर, सहारनपुर, शामली, एटा, मेरठ, फर्रुखाबाद, मैनपुरी आदि जनपदों से 4 लाख से ज्यादा फीडबैक प्राप्त हुए हैं।

प्राप्त हुए ये महत्वपूर्ण सुझाव

बलिया से आशुतोष पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 2045 तक तकनीक संचालित विकसित राज्य बनाने के लिए प्रमुख रूप से डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर (हर गांव तक 5G/6G व स्मार्ट कनेक्टिविटी, स्मार्ट एजुकेशन) एआई/एआर-वीआर व ई लर्निंग, कौशल विकास (कोडिंग, रोबोटिक्स, एआई, साइबर सिक्योरिटी, हेल्थ-टेक), टेलीमेडिसिन, एआई-डायग्नोस्टिक्स, डिजिटल हेल्थ-राशि, एग्री टेक (ड्रोन, सेंसर व एआई-आधारित खेती), स्मार्ट सिटी (आईओटी, एआई व नवीनीकरणीय ऊर्जा-समाधान), स्टार्टअप इकोसिस्टम (इनोवेशन हब, इनक्यूबेटर व फंडिंग, ग्रीन-टेक (सौर, पवन व ईवी अपनाना), साइबर सुरक्षा (डेटा संरक्षण व मजबूत e-गवर्नेस) और इंडस्ट्री 4.0 (ऑटोमेशन व एआई-आधारित मैन्युफैक्चरिंग) की तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है।

मऊ से सविता का सुझाव है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में नियुक्त बीसी सखी को दूध डेयरी उद्योग से जोड़ा जाए एवं उन्हें दूध प्रसंस्करण मशीन निशुल्क दी जाए। साथ ही आधार बनाने व सुधारने जैसे काम भी दें ताकि उनकी आय बढ़े। 'ई-सखी/विद्युत सखी' को प्रीपेड मीटर रिचार्ज कराने का भी दायित्व दिया जाय जिससे महिलाएं और अधिक सक्षम बन सकें।

लखनऊ से हीरालाल भगौरे का सुझाव है कि जिन गांवों में प्रमुख रूप से मत्स्य गतिविधियां होती हैं उन्हें मॉडल फिशरी विलेज के रूप में विकसित किया जाए। इसके साथ ही राज्य में मत्स्य उद्देश्यों हेतु अलग जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित हों। झींगा प्रसंस्करण संयंत्र लगाकर निर्यात और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा मिले तथा मछुआरों और मत्स्यपालक किसानों को सर्वोत्तम प्रबंधन पद्धतियों पर प्रशिक्षित किया जाए।

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