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ग्रामीण-पर्यटन के नए युग की शुरुआत: यूपी पर्यटन ने पहली बार शुरू की फार्म स्टे निवेश पॉलिसी
उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय ने राज्य में पहली बार फार्म स्टे आवास विकसित व संचालित करने के लिए निवेशकों
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UP News: उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय ने राज्य में पहली बार फार्म स्टे आवास विकसित व संचालित करने के लिए निवेशकों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। इस पहल को राज्य को कृषि-पर्यटन का अग्रणी केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस प्रयास से पर्यटकों को खेती-बाड़ी, ग्रामीण संस्कृति और गांवों में आतिथ्य सत्कार का विशेष अनुभव मिलेगा। उन्होंने कहा कि फार्म स्टे से न केवल पर्यटन को नई पहचान मिलेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत परिभाषित फार्म स्टे ऐसा पर्यटक आवास है, जो खेत या उसके निकट बनाया जाएगा। यह आवास मालिक के घर से अलग होगा। इसमें कम से कम दो किराए पर देने योग्य कमरे तथा एक रिसेप्शन क्षेत्र अनिवार्य रूप से होगा। हर फार्म स्टे में पर्यटकों को ग्रामीण जीवन का प्रत्यक्ष अनुभव देने के लिए कृषि कार्य, बागवानी, मत्स्य पालन, डेयरी फार्मिंग, पशुपालन, फार्म टूर या अन्य स्वीकृत ग्रामीण गतिविधियां उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। इस प्रकार आगंतुक के लिए पूरा गांव ही आकर्षण का केंद्र बनेगा।'
योजना के तहत प्रोत्साहन पैकेज
योजना के तहत प्रोत्साहन पैकेज का प्रावधान है। पूंजी निवेश पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जो इस प्रकार है- 10 लाख रुपए से 10 करोड़ रुपए के बीच 25 प्रतिशत (अधिकतम 02 करोड़ रुपए), 50 करोड़ तक 20 फीसदी (अधिकतम 07.5 करोड़ रुपए), 200 करोड़ रुपए तक 15 फीसद (अधिकतम 20 करोड़ रुपए), 500 करोड़ रुपए तक 10 प्रतिशत (अधिकतम 25 करोड़ रुपए) और 500 करोड़ रुपए से अधिक पर 10 फीसदी (अधिकतम 40 करोड़ रुपए) होगी।
अधिकतम 30 प्रतिशत तक सब्सिडी
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि निवेशकों को सामान्य प्रोत्साहनों के अलावा अतिरिक्त सब्सिडी भी दी जाएगी। महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ा वर्ग के निवेशकों को विशेष रियायतें मिलेंगी। इसी तरह फोकस टूरिज्म डेस्टिनेशन में स्थापित किए जाने वाले प्रोजेक्ट्स को भी 05 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान की जाएगी। हालांकि, यह सब्सिडी अधिकतम 30 प्रतिशत की सीमा तक ही सीमित रहेगी।
स्टाम्प ड्यूटी एवं विकास शुल्क पर सौ फीसदी छूट
पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ब्याज सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 05 करोड़ रुपए तक के बैंक ऋण पर 5 फीसदी ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। एक निवेशक को प्रति वर्ष अधिकतम 25 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिल सकेगी, जो अधिकतम 5 वर्षों तक लागू रहेगी। निवेशकों और उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए भी बड़े कदम भी उठाए गए हैं। नई घोषणा के तहत स्टाम्प ड्यूटी, भूमि रूपांतरण शुल्क और विकास शुल्क पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। इस निर्णय से निवेश प्रक्रिया को आसान बनाने के साथ-साथ राज्य में औद्योगिक और पर्यटन परियोजनाओं को गति मिलेगी।'
मिलेंगी अन्य प्रोत्साहन सुविधाएं
औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहित करने और युवाओं को अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। नई व्यवस्था के तहत ऐसी इकाइयों जो 50 या उससे अधिक स्थानीय कर्मचारियों की नियुक्ति करेंगी, उन्हें नियोक्ता द्वारा जमा किए जाने वाले ईपीएफ योगदान की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी। यह सुविधा अधिकतम 5 वर्षों तक उपलब्ध रहेगी। दिव्यांग जनोन्मुखी इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए नई सुविधा लागू की है। इसके तहत यदि कोई इकाई दिव्यांग कर्मचारियों को रोजगार देती है, तो उसे प्रति कर्मचारी 1,500 रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह सुविधा अधिकतम 5 कर्मचारियों तक मान्य होगी।
होमस्टे और बेड-एंड-ब्रेकफास्ट नीति और होगी सशक्त
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा 'राज्य सरकार ग्रामीण पर्यटन को एक नए स्तर पर ले जाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ फार्म स्टे बनाने की योजना नहीं है, बल्कि गांवों को संस्कृति, आजीविका और सीखने के जीवंत केंद्र बनाने का अभियान है। वर्तमान समय में पर्यटक शहरों की भीड़-भाड़ से दूर ग्रामीण जीवन का अनुभव करना चाहता है।
राज्य सरकार ने पहले ही ऐसे गांवों की पहचान कर ली है, जिनमें पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यह कार्यक्रम होमस्टे और बेड-एंड-ब्रेकफास्ट नीति को और सशक्त करेगा। किसानों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए यह योजना आय के नए स्रोत खोलेगी। साथ ही, उनकी पारंपरिक जीवनशैली को भी संरक्षित रखेगी। इससे स्थानीय रोजगार, हस्तशिल्प, खाद्य उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाना
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि फार्म स्टे पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रोजेक्ट को प्रोत्साहन और पारदर्शी प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि ग्रामीण पर्यटन केवल संदेश न रह जाए, बल्कि जमीनी स्तर पर एक सफल और सशक्त स्वरूप में सामने आए।
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