अलीगढ़ न्यूज़: हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी से टप्पल के आधा दर्जन गांव जलमग्न

Aligarh News: हथिनीकुंड से छोड़े पानी से टप्पल के कई गांव जलमग्न, फसलें बर्बाद

Lakshman Singh Raghav
Published on: 3 Sept 2025 1:37 PM IST
अलीगढ़ न्यूज़: हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी से टप्पल के आधा दर्जन गांव जलमग्न
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Aligarh flood News

Aligarh News: हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिसके चलते टप्पल क्षेत्र के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया गया और स्थिति का जायजा लिया गया। यमुना के उफान को देखते हुए प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है।सबसे अधिक प्रभावित गांवों में महाराजगढ़, शेरपुर, घरबार, मालव, ऊटासनी और किशनगंज शामिल हैं। इन इलाकों में हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है, जिससे किसानों की परेशानियां और बढ़ गई हैं।

ग्रामीणों का आरोप: प्रशासन कर रहा है सिर्फ औपचारिकता

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन सिर्फ औपचारिकता निभाने आता है और मौके पर वास्तविक मदद उपलब्ध नहीं करा रहा है। किसानों का कहना है कि उनकी खड़ी फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है और मवेशियों के लिए चारे की भारी कमी हो गई है। बीमार ग्रामीणों तक स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी अब तक नहीं पहुंची हैं।कई घर यमुना नदी के कटाव के कारण जर्जर स्थिति में हैं और गिरने की कगार पर पहुंच चुके हैं।

जान जोखिम में डालकर ला रहे चारा

गांव के किसान और पशुपालक नाव के सहारे जान जोखिम में डालकर दूसरी ओर से चारा लाने को मजबूर हैं। महाराजगढ़ की सोनवती ने बताया कि उनके घर तक यमुना का पानी पहुंच चुका है और पशुओं के लिए चारा मिलना मुश्किल हो गया है।भूप सिंह का कहना है कि अधिकारी केवल निरीक्षण के लिए आते हैं, लेकिन कोई राहत नहीं पहुंचाई जा रही है। धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वह नाव से यमुना पार कर जंगल से चारा काटकर ला रहे हैं। उनका कहना है कि हथिनीकुंड से छोड़े गए करीब 3.50 लाख क्यूसेक पानी के कारण जलस्तर और अधिक बढ़ने की आशंका है।

प्रशासन का दावा: स्थिति से निपटने के पूरे इंतजाम

प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की जा रही है। खैर के एसडीएम शिशिर कुमार सिंह ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। नाव की मांग की गई है और सभी विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।उन्होंने बताया कि पखोदना, ऊटासनी, रामगढ़, महाराजगढ़ और शेरपुर में बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं और प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है।

ग्रामीणों की चेतावनी: समय रहते कदम नहीं उठाए तो हालात होंगे और गंभीर

ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है। यमुना के बढ़ते जलस्तर ने किसानों के सामने आजीविका का संकट खड़ा कर दिया है और पशुपालकों के लिए मवेशियों को बचाना एक बड़ी चुनौती बन गया है।बाढ़ प्रभावित गांवों में अब भी राहत और बचाव कार्य की सख्त जरूरत बनी हुई है।

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