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Smart Meter के लिए उपभोक्ताओं से वसूली का आरोप, नियामक आयोग की चुप्पी पर उपभोक्ता परिषद खपा
Smart Meter Controversy: उपभोक्ता परिषद ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय ने आरडीएसएस योजना में निर्देश दिए हैं कि मीटर बदलने का खर्च उपभोक्ताओं से नहीं वसूला जाएगा।
Smart Meter Controversy: उत्तर प्रदेश में बिजली के नए कनेक्शन लेने वाले गरीब उपभोक्ताओं पर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के निर्णय से बड़ा आर्थिक बोझ पड़ा है। उसके कारण हजारों लोग दीपावली जैसे महत्वपूर्ण पर्व से पहले बिजली कनेक्शन से वंचित हैं। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया कि रेवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत मुफ्त लगाए जाने वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर को नए कनेक्शन पर उपभोक्ताओं से 6016 प्रति मीटर की अवैध वसूली की जा रही है।
उपभोक्ता परिषद की चार बडी मांग
स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर 6016 की वसूली को तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग की है।
विद्युत नियामक आयोग बिना अनुमति लागू व्यवस्था पर तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई करें।
आरडीएसएस योजना के तहत मीटरिंग का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करती है, इसलिए उपभोक्ताओं से वसूली अनुचित और अवैध है।
जिन उपभोक्ताओं ने आवेदन किया है, उनका कनेक्शन तत्काल प्रभाव से नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित मीटर मूल्य पर चालू किया जाए।
नियामक आयोग की चुप्पी से नाराजगी
उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने आरडीएसएस योजना में निर्देश दिए हैं कि मीटर बदलने का खर्च उपभोक्ताओं से नहीं वसूला जाएगा। इसके बावजूद यूपीपीसीएल ने 10 सितंबर 2025 से आदेश जारी किया कि नए बिजली कनेक्शन केवल स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर ही दिए जाएं। जिनके लिए मीटर की दर 6016 तय कर दी गई है। यह दर विद्युत नियामक आयोग द्वारा पहले से स्वीकृत सिंगल फेस मीटर की दर 872 से सात गुना अधिक है।
विद्युत नियामक आयोग पर बड़ा आरोप
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद ने भारी अंतर और अवैध वसूली की शिकायत विद्युत नियामक आयोग से की है, लेकिन आयोग 'चुपचाप तमाशा' देख रहा है। आंकड़ों के अनुसार 6016 का शुल्क जमा न कर पाने वाले 37,043 आवेदकों में से लगभग 29,000 गरीब उपभोक्ता मात्र 1 किलोवाट कनेक्शन के इच्छुक हैं। ये लोग प्रधानमंत्री के क्षेत्र (वाराणसी), ऊर्जा मंत्री के क्षेत्र (मऊ घोसी), राजधानी लखनऊ संभल और गाजियाबाद जैसे क्षेत्रों से हैं। उपभोक्ता परिषद ने मालती देवी (वाराणसी), धर्मशिला (मऊ घोसी), सलीमुद्दीन (संभल) जैसे उपभोक्ताओं का उदाहरण दिया है। जो 6016 शुल्क न भरने के कारण कनेक्शन से वंचित हैं।
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