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स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर बवाल, मीटर के वसूले जा रहे 6 हजार रुपये, नियामक आयोग में अवमानना याचिका
Smart Prepaid Meter: यूपीपीसीएल द्वारा 6016 की राशि स्मार्ट मीटर की कीमत के रूप में नए कनेक्शन के साथ वसूल की जा रही है, जो असंवैधानिक है, नियमों का उल्लंघन है।
Smart Prepaid Meter: पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने विद्युत नियामक आयोग (UPERC) के अनुमोदन के बिना स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य कर दिया गया है। नए बिजली कनेक्शन प्रीपेड मोड में देने के आदेश से बिजली कनेक्शन की दरों में 5 से 6 गुना तक की भारी बढ़ोतरी हो गई है। इस मनमानी वृद्धि के खिलाफ विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में यूपीपीसीएल के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की है। जिससे बिजली कंपनियों में हड़कंप मच गया है।
बिजली दरों में मनमानी वृद्धि
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय सिंह से मुलाकात कर अवमानना वाद दायर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन ने कास्ट डाटा बुक और सप्लाई कोड 2005 का उल्लंघन किया है। इसके साथ ही उपभोक्ता परिषद ने आयोग को कैलकुलेशन शीट प्रस्तुत करते हुए बताया कि केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत खरीदे गए स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को आयोग ने 'फ्री ऑफ कॉस्ट' उपभोक्ताओं के परिसर पर उपयोग के लिए अनुमोदित किया था।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत
इसके बावजूद पावर कॉरपोरेशन द्वारा 6016 की राशि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत के रूप में नए कनेक्शन के साथ वसूल की जा रही है, जो असंवैधानिक है, नियमों का सीधा उल्लंघन है। इस अवैध वसूली के कारण गरीब शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए कनेक्शन लेना महंगा हो गया है। पुरानी और आयोग द्वारा स्वीकृत दरों की तुलना में वर्तमान में लागू दरों में भारी अंतर आ गया है। अवधेश कुमार वर्मा ने आगे कहा कि जहां एक ओर प्रदेश सरकार जीएसटी में छूट देकर जनता को राहत दे रही है, वहीं कॉरपोरेशन ने चोर दरवाजे से मनमाने तरीके से चार्ज लगा रहा है।
जनता को लालटेन युग में पहुंची
उस कारण प्रदेश की जनता को लालटेन युग में ले जाने की तैयारी कर दी है। विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) के तहत उपभोक्ताओं के पास पोस्टपेड और प्रीपेड मीटर के बीच चयन करने का विकल्प मौजूद है, इस आदेश से खत्म कर दिया गया है। उपभोक्ता परिषद ने आयोग से मांग करते हुए कहा कि पावर कॉरपोरेशन के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए, इस अवैध आदेश को रद्द किया जाए ताकि उपभोक्ता प्रकाश पर्व के अवसर पर बिजली कनेक्शन लेने से विवश होकर लालटेन युग में जाने को बाध्य न हो पाएं।
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