TRENDING TAGS :
संसद में अमर्यादित भाषा पर सख्त हुए बिहार के राज्यपाल आरिफ खान, बोले- लोकतंत्र लोकलाज से चलता है
UP News: लोकसभा में भाषा की मर्यादा पर बोले आरिफ खान, लोकतंत्र लोकलाज से चलता है
Arif Khan Speech
UP News: बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान शुक्रवार को बागपत पहुंचे, जहां उन्होंने चौधरी केहर सिंह एजुकेशन ट्रस्ट, बड़ौत में यज्ञशाला का शिलान्यास किया। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने शिक्षा, भारतीय संस्कृति और लोकतांत्रिक मर्यादा पर अपने विचार रखे।राज्यपाल ने कहा कि जहां शिक्षा का कार्य होता है, वह स्थान सबसे पवित्र माना जाना चाहिए। उन्होंने स्वयं को विद्वान न मानते हुए कहा कि वे आज भी विद्यार्थी हैं। उन्होंने कहा, “ज्ञान की तलाश जीवनभर चलती है, और पढ़ने की रुचि हमें निरंतर सीखने को प्रेरित करती है।”
उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति का अध्ययन न केवल गर्व देता है, बल्कि आत्ममंथन का अवसर भी प्रदान करता है। वेद और उपनिषद जैसे ग्रंथ हजारों वर्ष पूर्व लिखे गए, फिर भी आज भी वे पूरे विश्व के लिए मार्गदर्शक बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि यूनेस्को ने भी इन ग्रंथों को विश्व की सबसे प्राचीन और मूल्यवान ज्ञानधारा माना है।
इस मौके पर पूर्व सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह ने भी संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि बागपत की धरती वीरता और विद्या का अद्भुत संगम है। स्वतंत्रता संग्राम में यहां के वीरों ने अंग्रेजों से वीरतापूर्वक मुकाबला किया। उन्होंने यह भी कहा कि "आरिफ का अर्थ ही 'आर्य' होता है, और आर्य का अर्थ श्रेष्ठ पुरुष है।" उन्होंने राज्यपाल के आगमन को बागपत के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया।
मीडिया से बातचीत में राज्यपाल ने संसद में गिरती मर्यादा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि, “अदालत में अमर्यादित भाषा बोलने पर दंड मिलता है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद, जहां कानून बनाए जाते हैं, वहां अशोभनीय भाषा और नारेबाज़ी होती है।”राज्यपाल ने कहा, "लोकतंत्र सिर्फ कानून और संविधान से नहीं, बल्कि लोकलाज और आत्मसंयम से चलता है। यदि जनप्रतिनिधि मर्यादा का पालन नहीं करेंगे तो जनता स्वयं इसका संज्ञान लेगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि, "भारत की जनता कभी भी लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश को सफल नहीं होने देगी। लोकतंत्र की आत्मा मर्यादा और सम्मान है, और जब तक यह आत्मा जीवित है, भारत का लोकतंत्र सुरक्षित रहेगा।"राज्यपाल ने अंत में कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां सभी समुदायों के आयोजनों को समान आदर और महत्व दिया जाता है। यह भारतीय संस्कृति की उदारता और समावेशिता को दर्शाता है, जो विश्व में अन्यत्र दुर्लभ है।
संसद में अमर्यादित भाषा और नारेबाजी पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का बड़ा बयान, बोले- अदालत में अमर्यादित भाषा बर्दाश्त नहीं, फिर संसद में क्यों? --- लोकतंत्र कानून से नहीं, लोकलाज और मर्यादा से चलता है।पूर्व सांसद सत्यपाल सिंह बोले- आरिफ का अर्थ ही आर्य है, यानी श्रेष्ठ पुरुष।बागपत के बड़ौत में पहुंचे बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, यज्ञशाला का किया शिलान्यास ।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!