Auraiya News: समाजवादी पार्टी ने मनाई बीपी मंडल की जयंती, सामाजिक न्याय के प्रति विचारों को किया याद

Auraiya News: जिले में समाजवादी पार्टी कार्यालय ककोर पर सोमवार को सामाजिक न्याय के पुरोधा बीपी मंडल की जयंती धूमधाम से मनाई गई।

Ashraf Ansari
Published on: 25 Aug 2025 5:23 PM IST
Auraiya News: समाजवादी पार्टी ने मनाई बीपी मंडल की जयंती, सामाजिक न्याय के प्रति विचारों को किया याद
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BP Mandal Jayanti

Auraiya News: औरैया जिले में समाजवादी पार्टी कार्यालय ककोर पर सोमवार को सामाजिक न्याय के पुरोधा बीपी मंडल की जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सर्वेश बाबू गौतम ने की। इस मौके पर मौजूद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बीपी मंडल जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने उनके योगदान और विचारों को समाजवादी आंदोलन की प्रेरणा बताते हुए उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में महासचिव ओमप्रकाश ओझा, उपाध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी, राजनारायण बघेल, राजन प्रधान, गौरव यादव, प्रवक्ता अनवर सिंह यादव, गुड्डू सेंगर, रविंद्र राठौर और अमित यादव समेत लगभग 50 समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सभी ने एक स्वर में कहा कि मंडल जी का योगदान भारतीय राजनीति और सामाजिक न्याय की दिशा तय करने में ऐतिहासिक रहा है। बाबू बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल (बीपी मंडल) मुहलो एस्टेट के वंशज थे। वे बिहार के मधेपुरा के एक प्रभावशाली यादव जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने 1968 में बिहार के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, हालांकि महज 30 दिनों बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बावजूद उन्हें भारतीय राजनीति में एक अलग पहचान ‘मंडल आयोग’ के अध्यक्ष के रूप में मिली।

मंडल जी को सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के अधिकारों का सशक्त पैरोकार माना जाता है। दूसरे पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के रूप मेंउनके नेतृत्व में तैयार की गई रिपोर्ट को बाद में ‘मंडल आयोग रिपोर्ट’ के नाम से जाना गया। इस रिपोर्ट ने भारतीय समाज और राजनीति में नई दिशा दी। आयोग ने भारतीय जनसंख्या के बड़े हिस्से को ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत किया और उनकी सामाजिक, शैक्षिक व आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए आरक्षण का प्रावधान सुझाया। मंडल आयोग की सिफारिशों ने भारतीय राजनीति में वंचित और उपेक्षित तबकों को मुख्यधारा से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त किया। इस रिपोर्ट के लागू होने से न केवल सामाजिक न्याय की अवधारणा को बल मिला, बल्कि देशभर में राजनीतिक विमर्श की धारा भी बदल गई। इसी कारण आज भी बीपी मंडल को सामाजिक न्याय का पुरोधा माना जाता है।समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस अवसर पर कहा कि पार्टी हमेशा मंडल जी के दिखाए रास्ते पर चलकर पिछड़े, शोषित और वंचित वर्गों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी।

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