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Ayodhya News: अवध विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल का प्रेरक संबोधन
Ayodhya News: अवध विश्वविद्यालय का 30वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 189119 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान कीं।
Governor Anandiben Patel (photo: social media )
Ayodhya News: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में सोमवार को डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या का 30वां दीक्षांत समारोह भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति द्वारा 125 मेधावी छात्र-छात्राओं को 140 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इसके साथ ही उन्होंने स्नातक एवं परास्नातक 189119 उपाधियों एवं अंक पत्रों को डिजिलॉकर में समाविष्ट किया।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि 25 नवंबर को श्रीराम मंदिर का ध्वजारोहण होने जा रहा है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा में लाखों लोगों ने बलिदान दिया और इसे पाने के लिए सतत संघर्ष चलता रहा। हम सभी भारतवासी अब पूर्ण रूप से राम मंदिर के दर्शन, पूजन एवं अर्चन कर पाएंगे। कुलाधिपति ने सभी विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम का आदर्श जीवन में अपनाएं। ज्यादातर लोग जीवन में कर्म करने की तो बात करते हैं, परंतु उसे पूरे मनोयोग से पूर्ण करने में पीछे रह जाते हैं। जो हमारा दायित्व है, उसे हम अवश्य पूरा करें—यही भगवान राम का संदेश है। आज विश्वविद्यालय में 189119 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई, जिसमें छात्राओं का अनुपात काफी अधिक है। समारोह में कुलाधिपति ने कहा कि भारत एक प्राचीन संस्कृति वाला देश है, जहां गुरु और शिष्य की परंपरा सदियों से जीवंत रही है। ज्ञान के लिए गुरु आवश्यक हैं, परंतु यह परंपरा लुप्त हो रही है। दीक्षांत समारोह में संतों की उपस्थिति हर्ष का विषय है।
सभी छात्र अपने कर्तव्यों के पालन में जुट जाएं
समारोह में राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को सजग करते हुए कहा कि बहुत कठिन हृदय से एक निर्णय लिया है कि कक्षाओं में 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति पर छात्रों को परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया जाएगा। इसका बहुत कड़ाई से पालन विश्वविद्यालयों को करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सभी छात्र अपने कर्तव्यों के पालन में जुट जाएं। छात्र का कार्य है पढ़ाई करना, शोध करना, पुस्तकालय जाना, अभ्यास करना और जीवन में साफ-सफाई के तौर-तरीकों को अपनाना। समारोह में युवाओं को सचेत करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि वर्तमान समय में युवा ड्रग्स की दुनिया में उतर रहे हैं। शिक्षण संस्थानों में यह परंपरा पनप रही है, जो कि बहुत घातक है। विद्यार्थियों को जो नहीं करना चाहिए, वही हो रहा है। इसे रोकना होगा क्योंकि पंजाब इसका जीता-जागता उदाहरण है। अयोध्या प्रभु श्रीराम की पावन भूमि है। आप सभी प्रदेश के युवा इस तरह के अंधकार से स्वयं को दूर रखें। पढ़ना है तो बहुत अच्छा पढ़ो। खराब आदतें छोड़ दो और माता-पिता एवं समाज के लिए एक आदर्श संतान के रूप में स्वयं को स्थापित करो।
समारोह में कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को बनाने में किसानों ने अपनी जमीन दी है, ताकि उनकी पीढ़ी शिक्षित होकर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़े और राष्ट्र का उत्थान हो सके। शिक्षा की प्रगति में उत्तर प्रदेश के दो विश्वविद्यालय विश्व रैंकिंग में आ चुके हैं। अभी इस लक्ष्य को और बढ़ाना है। आज ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षण संस्थान आगे बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में स्कूली बच्चों को पुरस्कृत कर उन्हें सम्मानित किया गया है। पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि सभी शहरों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। इस पर शोध करने की आवश्यकता है। मैंने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह इसकी तह तक जाकर रोकथाम करें। समारोह में राज्यपाल ने कहा कि आकाशीय बिजली और भूकंप से बड़े पैमाने पर जनहानि हो रही है। इस पर भी शोध किया जा रहा है। भारत सरकार ने इसके लिए निसार उपग्रह को लॉन्च किया है, जिससे इस तरह की आपदाओं का अध्ययन किया जा सके और जीवन बचाया जा सके।
वैक्सीन महंगी है लेकिन बेटियों से ज्यादा नहीं
राज्यपाल ने कहा कि बेटियों के स्वास्थ्य संरक्षण हेतु एचपीवी वैक्सीन कस्तूरबा गांधी विद्यालय, मया और पूराबाजार की छात्राओं को लगाई गई। कुलाधिपति ने कहा कि वैक्सीन महंगी है लेकिन बेटियों से ज्यादा नहीं है। उन्होंने कहा कि विवाह में पिता कम पैसे खर्च करें, लेकिन बेटियों को वैक्सीन जरूर लगवाएं। इससे बेटियों को कैंसर से बचाया जा सकता है। इसके लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" का संदेश एक संकल्प है, जिसके तहत इसे पूर्ण किया जाना है। युवाओं को आगाह करते हुए कुलाधिपति ने कहा कि लिव-इन रिलेशन भारत जैसे प्राचीन देश की संस्कृति पर कुठाराघात है। इससे बचना होगा। इससे माता-पिता, समाज, परिवार के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो जाती है और बेटियों का जीवन अंधकारमय हो जाता है। भावुक अपील करते हुए कुलाधिपति ने कहा—एक राज्यपाल होने के नाते नहीं, एक महिला या दादी होने के नाते आप सभी इस अपसंस्कृति से बचें। जीवन में अपने माता-पिता, दादा-दादी के अनुभव से सीखें। तभी आपका मार्ग प्रशस्त होगा। जीवन में अपने प्रभु श्रीराम के गुणों को आत्मसात करें।
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