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Baghpat News: मिनी पाकिस्तान बयान पर सियासी भूचाल, अनामिका जैन अंबर का समर्थन
Baghpat News: बड़ौत में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अनामिका अंबर ने प्रेसवार्ता में कहा कि यह भूमि देवताओं की है, जहाँ धर्म, संस्कृति, सत्कर्म और सभ्यता का हर क्षण साथ रहता है।
अनामिका जैन अंबर (photo: social media )
Baghpat News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश को "मिनी पाकिस्तान" बताने वाले स्वामी रामभद्राचार्य के बयान पर अब कवियत्री अनामिका जैन अंबर खुलकर समर्थन में सामने आई हैं। बड़ौत में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि यह भूमि देवताओं की है, जहाँ धर्म, संस्कृति, सत्कर्म और सभ्यता का हर क्षण साथ रहता है। ऐसे में यदि संस्कृति का क्षरण होगा तो साधु-संत बोलेंगे ही।
उन्होंने कहा कि आज के समय में शासन में नीति, नियम और नैतिकता की कमी देखी जा रही है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब धर्म और संस्कृति की रक्षा नहीं होगी तो साधु उठकर आवाज़ देंगे। साथ ही उन्होंने हर घर में धर्म आधारित शिक्षा यानी पाठशालाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके अनुसार, पाठशालाओं में यदि उस धर्म का ज्ञान दिया जाएगा जिसने इस देश को बनाया है तो यही संस्कृति की रक्षा का सही मार्ग होगा।
भारत की पहचान उसकी संस्कृति
अनामिका ने सवाल उठाया कि आखिर कौन लोग गंगा-जमुनी तहज़ीब में डेंट लगाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान उसकी संस्कृति है और इसे मिटाना राष्ट्र के अस्तित्व पर हमला है। उन्होंने सत्ता की लालसा में देश को तोड़ने वालों पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि “जिन्ना ने सत्ता की लालसा में भारत को विभाजित किया और सांस्कृतिक धरोहर को नुकसान पहुँचाया। कई लोग आज भी उसी रास्ते पर चलकर देश को ज़हरीला कर रहे हैं।
वही उन्होंने सपा से पूर्व सांसद एचटी हसन द्वारा स्वामी रामभद्राचार्य के बयान को “अपनी दुकान चलाने” का प्रयास बताने पर अनामिका ने पलटवार करते हुए कहा, हम अपनी संस्कृति का प्रसार कर रहे हैं। यदि इसे दुकान चलाना कहा जाएगा तो मुझे हंसी आती है। मुगलों के आतंक के बावजूद हमने अपने तीर्थों और संस्कृति को बचाया है। आज भगवान श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार हुआ है, यह हमारी संस्कृति की पुनर्स्थापना है।
काव्य पाठ की शुरुआत का जिक्र
इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने काव्य पाठ की शुरुआत का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि बड़ौत में आयोजित इस कार्यक्रम में आकर उन्हें गर्व और खुशी महसूस हो रही है। मां पद्मावती के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने यहीं से अपने काव्य जीवन की शुरुआत की थी और आज भी उसी भूमि से अपनी साधना को आगे बढ़ा रही हैं। अंत में अनामिका जैन अंबर ने कहा कि धर्म कलंकित होगा तो साधु बोलेगा। संस्कृति की हत्या को चुपचाप सहना मुश्किल है। उन्होंने पूरे देश से आह्वान किया कि धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज़ उठाई जाए और साधु-संतों के प्रयासों को समर्थन दिया जाए। इस बयान ने एक बार फिर धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की पहचान को लेकर बहस को तेज कर दिया है।
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