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यूपी एसटीएफ ने विजय सिंह की हत्या करने आए बदमाशों में से एक को किया घायल, तीन हुए गिरफ़्तार
BJP leader Vijay Singh attacked, STF saved life
UP news: सुपारी लेकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह की हत्या करने के लिए बाराबंकी से बहराइच आए चार बदमाशों की एसटीएफ व पुलिस की संयुक्त टीम से मुठभेड़ हो गई। इसमें एक बदमाश गोली लगने से घायल हो गया। मौके से चार बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ पुलिस उपाधीक्षक लखनऊ धर्मेश कुमार शाही को सूचना मिली थी कि कुछ बदमाश सुपारी लेकर बहराइच के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह की हत्या करने के लिए कैसरगंज इलाके में मौजूद है। एसटीएफ की टीम बदमाशों की खोजबीन कर बहराइच पहुंची और स्थानीय कोतवाली पुलिस को अवगत कराया। इलाके के कड़सर मोड़ के पास बदमाशों के मौजूदगी की सूचना मिलते ही टीम ने मौके पर पहुंचकर घेराबंदी शुरू कर दी। इस दौरान बदमाशों ने टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से घायल हुए बदमाश को उपचार के लिए सीएचसी कैसरगंज में भर्ती कराया गया। जानकारी मिलते ही एसपी व एएसपी सिटी भी घटनास्थल पर पहुंचे।
जवाबी कार्रवाई में बाराबंकी जिले के बदोसराय इलाके का निवासी परशुराम मौर्य गोली लगने से घायल हो गया, जबकि उपरोक्त पते के रहने वाले प्रदीप यादव, थाना टिकैटनगर के अकोहरा निवासी साकेत रावत,घुंघटेर थाना इलाके के हाजीपुर निवासी आलोक कुमार सिंह को एसटीएफ की टीम ने घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों के पास से दो पिस्टल, एक रिवाल्वर व भारी मात्रा में कारतूस भी बरामद हुए है। घटना की सूचना मिलते ही एसपी राम नयन सिंह, एएसपी रामानंद कुशवाहा भी पुलिस बल के साथ घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे।
घटना से अनजान थे बीजेपी नेता
एसपी सिटी ने इस लिसिया मुठभेड़ को कैसरगंज निवासी बीजेपी नेता विजय सिंह की हत्या की साजिश से जोड़कर बताया है। तो वहीं बीजेपी नेता व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह नें बताया कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं थी। न ही उन्होंने न कभी पुलिस को अपनी जान के खतरे की आशंका के मद्देनजर कभी कोई सूचना दी थी। वो खुद हैरत में हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है? उन्होनें बताया कि विजय सिंह के तीन भाइयों में बड़े भाई तरुण कुमार सिंह की कोरोना महामारी के दौरान मृत्यु हो चुकी है. उनमें और उनके भाई शैलेन्द्र कुमार सिंह के बीच किसी भी प्रॉपर्टी को लेकर कोई विवाद नहीं है। फिर उनके बड़े भाई के एकलौते दामाद आलोक सिंह को उनसे क्या परेशानी है ये उनके समझ के बाहर है। हालांकि विजय सिंह से फिलहाल पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की है।
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