Bahraich News: उर्वरक विक्रेताओं पर बड़ी कार्रवाई: 2 दुकानों का लाइसेंस निलंबित, 5 को नोटिस

Bahraich News: जिला कृषि अधिकारी ने निरीक्षण के दौरान पाया कि गुप्ता ट्रेडर्स (रामपुर छगड़हवा) एवं महेंद्र पाल यादव (नवाबगंज) द्वारा स्टॉक रजिस्टर और वितरण रिकॉर्ड अद्यतन नहीं किए गए थे।

Mahesh Chandra Gupta
Published on: 4 Aug 2025 8:50 PM IST
Massive action on fertilizer vendors: Licenses of 2 shops suspended, 5 noticed
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उर्वरक विक्रेताओं पर बड़ी कार्रवाई: 2 दुकानों का लाइसेंस निलंबित, 5 को नोटिस (Photo- Newstrack)

Bahraich News: जनपद बहराइच में उर्वरक विक्रेताओं की मनमानी पर जिला कृषि अधिकारी डॉ. सूबेदार यादव ने कड़ी कार्रवाई करते हुए दो दुकानों का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है जबकि पांच दुकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई रताहिया, नवाबगंज और रुपईडीहा क्षेत्रों में औचक निरीक्षण के बाद की गई, जिसका उद्देश्य किसानों को समय से खाद उपलब्ध कराना और कालाबाजारी पर रोक लगाना है।

जिला कृषि अधिकारी ने निरीक्षण के दौरान पाया कि गुप्ता ट्रेडर्स (रामपुर छगड़हवा) एवं महेंद्र पाल यादव (नवाबगंज) द्वारा स्टॉक रजिस्टर और वितरण रिकॉर्ड अद्यतन नहीं किए गए थे। इस अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए दोनों का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा चित्रांश खाद बीज भंडार, खान ट्रेडर्स, चिश्ती खाद भंडार, दशमेश ट्रेडर्स और अभिनव कृषि सेवा केंद्र के संचालक दुकानें बंद करके भाग गए, जिनको कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

डॉ. यादव ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी विक्रेता पोस मशीन से आधार कार्ड व खेतौनी चेक करते हुए ही उर्वरक बेचें, और सभी लेन-देन का लेखाजोखा स्टॉक व वितरण रजिस्टर में प्रतिदिन दर्ज करें।

उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। वर्तमान में 11,614 मीट्रिक टन यूरिया, 3,368 मीट्रिक टन डीएपी, 2,755 मीट्रिक टन एनपीके और 12,788 मीट्रिक टन सिंगल सुपर फॉस्फेट का स्टॉक मौजूद है। सभी सहकारी समितियों को पर्याप्त खाद आपूर्ति कर दी गई है।

किसानों से अपील की गई है कि वे जरूरत से अधिक उर्वरक का भंडारण न करें, क्योंकि समय-समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध होती रहेगी।

सख्त चेतावनी: यदि कोई भी विक्रेता खाद की कालाबाजारी, सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध बिक्री या नकली उर्वरक बेचता पाया गया, तो उसके विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985, परिसंचरण नियंत्रण आदेश 1973 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

किसानों से अनुरोध है कि यदि किसी दुकान पर संदिग्ध उर्वरक बिक रहा हो या कोई अनियमितता दिखे तो जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में तत्काल शिकायत दर्ज कराएं, जिससे समय पर कार्रवाई की जा सके और खाद वितरण की पारदर्शिता बनी रहे।

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Shashi kant gautam

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