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सपा के घर में छिड़ा संग्राम, रामपुर सांसद नदवी ने आजम खां पर साधा निशाना, BJP ने ली चुटकी
Barabanki News: सपा में आजम खां और सांसद मोहिब्बुल्लाह नदवी के विवाद पर BJP ने साधा निशाना, आपसी फूट को बताया हताशा का संकेत।
Barabanki News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा पूर्व मंत्री आजम खां से मुलाकात के बाद पार्टी के भीतर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। रामपुर के सांसद मोहिब्बुल्लाह नदवी ने आजम खां की कथित अनदेखी और उन पर तंज कसे जाने के बाद खुलकर विरोध जताया है। इस पूरे घटनाक्रम पर बाराबंकी में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रामबाबू द्विवेदी ने चुटकी ली है और इसे सपा की आपसी फूट और हताशा बताया है।
बता दें कि 8 अक्टूबर को अखिलेश यादव और आजम खां की मुलाकात के दौरान आजम खां ने अकेले मिलने की शर्त रखी थी जिसके चलते लखनऊ से उनके साथ पहुंचे रामपुर सांसद मोहिब्बुल्लाह नदवी को बरेली में ही रोक दिया गया था। इसके बाद आजम खां ने कई बयानों में सांसद नदवी को न पहचानने की बात कही जिससे विवाद और गहरा गया।
इस पर सांसद नदवी मुखर हो गए और उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि आजम खां का बड़ा नेता बनना रामपुर की जनता के कारण है। सांसद नदवी ने आजम खां पर अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि वह रामपुर की जनता के मान-सम्मान की लड़ाई लड़ते रहेंगे। अखिलेश यादव ने हालांकि इसे 'परिवार का मामला' कहकर निपटाने की बात कही है, लेकिन विवाद थम नहीं रहा है।
रामपुर के इस अंदरूनी झगड़े को लेकर जब बाराबंकी में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रामबाबू द्विवेदी से बात की गई तो उन्होंने इसे विपक्षी दल की निराशा करार दिया। द्विवेदी ने कहा कि यह विवाद केवल आपसी द्वंद ही नहीं बल्कि सपा के गिरते ग्राफ का संकेत है। रामबाबू द्विवेदी ने साफ कहा कि देखिए समाजवादी पार्टी में द्वंद है उनके नेताओं में आपसी द्वंद है। भारतीय जनता पार्टी का ग्राफ उत्तर प्रदेश और देश में जिस तरीके से बढ़ रहा है इससे जो ये छोटे-छोटे दल के लोग हैं इसमें आपसी द्वंद है, आपसी नेताओं में द्वंद है। उन्होंने आगे कहा कि आपसी मतभेद के कारण ही ये नेता एक-दूसरे पर छींटाकशी कर रहे हैं।
सांसद नदवी और आजम खां के बीच के झगड़े पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि यही सांसद हैं हम लोगों को मालूम है चुनाव के दौरान आजम खान के कदमों में पड़े थे। आज उनको उनसे पीड़ा हो रही है, कल उनको उनसे पीड़ा होगी। यह आपसी द्वंद है, ये हताश हैं, इनका ग्राफ नीचे गिर चुका है। रामबाबू द्विवेदी ने दावे के साथ कहा कि सपा और अन्य छोटे दलों की यह हताशा इसलिए है क्योंकि 2027 में भाजपा की प्रचंड बहुमत से सरकार बनने जा रही है।
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