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Barabanki News: बाराबंकी में सय्यद शकील शाह बाबा का उर्स रद्द, पिछले साल की मारपीट के चलते प्रशासन ने नहीं दी अनुमति
Barabanki News: 75 वर्षों से मजार पर 10 जून को सालाना उर्स का आयोजन होता आया है। कोविड के बाद यह पहला मौका है जब चार दिवसीय उर्स का आयोजन नहीं हो पाएगा।
बाराबंकी में सय्यद शकील शाह बाबा का उर्स रद्द (photo: social media )
Barabanki News: बाराबंकी में सय्यद शकील शाह बाबा की मजार पर हर साल लगने वाला उर्स इस बार नहीं मनाया जाएगा। प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है। 75 वर्षों से मजार पर 10 जून को सालाना उर्स का आयोजन होता आया है। कोविड के बाद यह पहला मौका है जब चार दिवसीय उर्स का आयोजन नहीं हो पाएगा। यहां उर्स के दौरान मेला भी लगता था। आपको बता दें कि इससे पूर्व प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए सतरिख में सैयद सालार साहू गाजी की दरगाह पर लगने वाले सालाना उर्स पर भी रोक लगा दी थी।
बाराबंकी में सूरतगंज के फूलपुर गांव स्थित सैयद शकील बाबा की मजार पर लगने वाला सालाना उर्स इस बार नहीं लगेगा। हंगामे की आशंका जताते हुए पुलिस प्रशासन ने इसकी अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। वहीं, पुलिस की निगरानी में जायरीनों ने मजार पर सादगी के साथ गागर व चादरपोशी की रस्म अदा की। 75 वर्ष से मजार पर 10 जून से चार दिवसीय उर्स का आयोजन होता था। पिछले साल यहां दो पक्षों में विवाद के बाद मारपीट हो गई थी। ऐसे में इस बार भी उर्स के दौरान मारपीट की आशंका जताते हुए पुलिस ने मेला कमेटी को उर्स व मेला आयोजित करने की अनुमति न देते हुए आपत्ति जताई थी। पुलिस रिपोर्ट के आधार पर ही एसडीएम विवेकशील ने भी उर्स की अनुमति नहीं दी।
मारपीट की आशंका के चलते प्रशासन ने मेले की नहीं दी अनुमति
जानकारी के मुताबिक पिछले साल एक दरोगा की गलती से हुए विवाद में कुछ लोग चोटिल हुए थे। इसी घटना को देखते हुए इस बार मारपीट की आशंका के चलते प्रशासन ने मेले की अनुमति नहीं दी। आमतौर पर भीड़ को देखते हुए कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात की जाती है। मेले की अनुमति न मिलने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। दुकानदार और झूला-सर्कस कर्मचारी भी नाराज हैं। उन्हें बिना किसी लाभ के वापस जाना पड़ेगा। हालांकि मंगलवार की रात को सादगी से गागर और चादरपोशी का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
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