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Uttar Pradesh Best Schools: दिल्ली या मुंबई नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश का ये स्कूल हुआ विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में शामिल येकैसे मिली पहचान, क्यों है यह गर्व का विषय

Uttar Pradesh Best Schools: वाराणसी का दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) इस वर्ष की सूची में पर्यावरणीय पहल (Environmental Action) श्रेणी के अंतर्गत शामिल हुआ है...

Jyotsna Singh
Published on: 22 Jun 2025 2:56 PM IST
Uttar Pradesh Best and Famous Schools
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Uttar Pradesh Best and Famous Schools

Uttar Pradesh Best Schools: शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होती बल्कि यह बच्चों के सोचने, समझने और समाज के प्रति जिम्मेदार बनने की एक लंबी यात्रा होती है। इसी सोच को वैश्विक मंच पर मान्यता मिली है, जब वर्ल्ड बेस्ट स्कूल प्राइज 2025 की घोषणा में भारत के चार स्कूलों को जगह दी गई। जिनमें से एक है उत्तर प्रदेश के वाराणसी का दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS)। यह खबर न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है। यह पुरस्कार ब्रिटेन की संस्था T4 एजुकेशन द्वारा प्रतिवर्ष उन स्कूलों को दिया जाता है। जो शिक्षा के पारंपरिक ढांचे से आगे जाकर समाज, पर्यावरण और बच्चों के समग्र विकास में क्रांतिकारी योगदान दे रहे हैं।

क्या है World's Best School Prize?

वर्ल्ड बेस्ट स्कूल प्राइज एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, जिसकी शुरुआत कोरोना महामारी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोग और नवाचार को पहचान देने के लिए की गई थी। T4 Education के इस इनिशिएटिव में दुनियाभर के 100 से अधिक देशों के स्कूल भाग लेते हैं और 5 विशेष श्रेणियों में अपना आवेदन भेजते हैं। जो कि इस प्रकार हैं -

  1. Community Collaboration (सामुदायिक सहयोग)
  2. Environmental Action (पर्यावरणीय पहल)
  3. Innovation (नवाचार)
  4. Overcoming Adversity (विपरीत परिस्थितियों पर विजय)
  5. Supporting Healthy Lives (स्वस्थ जीवन को बढ़ावा)

हर श्रेणी में दुनिया के शीर्ष 10 स्कूलों को फाइनलिस्ट के रूप में चुना जाता है। इसके बाद अक्टूबर 2025 में विजेताओं की घोषणा की जाती है।

क्या हैं उत्तर प्रदेश के DPS स्कूल की खासियत

वाराणसी का दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) इस वर्ष की सूची में पर्यावरणीय पहल (Environmental Action) श्रेणी के अंतर्गत शामिल हुआ है। यह उपलब्धि सामान्य नहीं है। क्योंकि इसके पीछे स्कूल की नीतियों, नवाचारों, बच्चों की भागीदारी और सामाजिक प्रभाव की गहन जांच की जाती है। प्रत्येक जांच पर खरे उतरने के बाद ही उन्हें इस सम्मान से नवाजा जाता है।

DPS वाराणसी की खास पहलें - जिस कारण हासिल किया सम्मान

ग्रीन करिकुलम-

स्कूल ने अपने शिक्षण-सत्र में पर्यावरणीय विषयों को केंद्र में रखते हुए एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया है।

स्वच्छ गंगा अभियान’ में भागीदारी-

छात्रों द्वारा गंगा नदी के किनारों की सफाई और जन-जागरूकता अभियानों में बढ़चढ़ कर भागीदारी ली।

वृक्षारोपण एवं किचन गार्डन प्रोजेक्ट-

हर छात्र को एक पौधा अपनाने और स्कूल कैंपस में जैविक बागवानी का संचालन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

रिसाइक्लिंग और वेस्ट मैनेजमेंट कार्यक्रम-

बच्चों को घर और स्कूल में अपशिष्ट प्रबंधन की शिक्षा प्रदान की गई।

इन पहलों का उद्देश्य केवल पर्यावरण बचाना नहीं, बल्कि छात्रों को ‘प्राकृतिक संरक्षण के सैनिक’ बनाना है।

अन्य भारतीय स्कूल जिन्हें मिली मान्यता

इस वर्ष भारत के चार स्कूलों ने वर्ल्ड बेस्ट स्कूल प्राइज की फाइनल सूची में जगह बनाई। जिनके नाम हैं -

1. राजकीय बालिका सीनियर सेकेंडरी स्कूल, फरीदाबाद (हरियाणा)

श्रेणी: Supporting Healthy Lives

उपलब्धि- स्वास्थ्य, पोषण, मासिक धर्म जागरूकता, और मानसिक स्वास्थ्य पर छात्राओं के लिए विशेष अभियान।

2. ZP स्कूल, पुणे (महाराष्ट्र)

श्रेणी: Community Collaboration

उपलब्धि- ग्रामीण समुदायों को जोड़ने वाला शिक्षण मॉडल, जिससे गांव के लोग शिक्षा के साथ गहराई से जुड़े।

3. Ekya School, बेंगलुरु (कर्नाटक)

श्रेणी: Innovation

उपलब्धि- प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग, क्रिएटिव टेक्नोलॉजी, और डिजिटल शिक्षा मॉडल।

इन चारों स्कूलों की अलग-अलग उपलब्धियां यह दर्शाती हैं कि भारत का शैक्षिक परिदृश्य केवल परीक्षा परिणामों तक सीमित नहीं रह गया है। अब हम वैश्विक समस्याओं के समाधान की दिशा में स्कूल स्तर पर पहल कर रहे हैं।

सम्मान की प्रक्रिया और भविष्य की योजनाएं

इन स्कूलों के नामों की घोषणा के बाद, अक्टूबर में विजेताओं की घोषणा की जाएगी। फिर, 15–16 नवंबर 2025 को अबू धाबी में आयोजित होने वाले World School Summit में इन स्कूलों को आमंत्रित किया गया है। यह मंच शिक्षा-नीतियों, विचारों और साझेदारी के लिए दुनियाभर के स्कूलों के प्रतिनिधियों को एकत्र करेगा।

क्या है इस उपलब्धि का महत्व?

वैश्विक मान्यता-

DPS वाराणसी को इस स्तर पर मान्यता मिलना केवल एक स्कूल की उपलब्धि नहीं बल्कि भारतीय शिक्षा प्रणाली के नवाचार और परिवर्तनशील दृष्टिकोण की अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति है।

वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है ये स्कूल

एक छोटे शहर का स्कूल अब वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, यह भारत के हर स्कूल और शिक्षक के लिए प्रेरणा है। इस मान्यता से DPS के छात्रों को भविष्य में शोध, छात्रवृत्ति और उच्च शिक्षा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाभ मिल सकता है।

अन्य स्कूलों के लिए बन गया है रोल मॉडल

DPS वाराणसी की पहलें अन्य स्कूलों के लिए भी एक रोडमैप बन सकती हैं, जिससे शिक्षा में पर्यावरण और सामाजिक पहलुओं को गंभीरता से लिया जाए। DPS वाराणसी की यह सफलता बताती है कि अगर सोच रचनात्मक हो और शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहकर जीवन से जुड़ी हो तो स्कूल बच्चों को केवल विद्यार्थी नहीं, जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं। आज जब जलवायु परिवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक असमानताएं दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। ऐसे में स्कूलों द्वारा इन क्षेत्रों में किया गया कार्य सबसे महत्वपूर्ण और सराहनीय है। स्कूल अगर चाहे तो समाज में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। जरूरत है समाज, संस्कृति और संस्कारों के प्रति इन शिक्षण संस्थाओं की जागरूकता की।

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