Chandauli News: मजदूरों का हल्ला बोल! 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल, कॉरपोरेट नीतियों के खिलाफ बिगुल

Chandauli News: उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के फैसले पर भी कड़ी आपत्ति जताई गई। प्रस्ताव में इसे राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध और आम जनता के संवैधानिक अधिकारों पर हमला करार दिया गया।

Sunil Kumar
Published on: 3 July 2025 6:10 PM IST (Updated on: 3 July 2025 7:14 PM IST)
Chandauli News: मजदूरों का हल्ला बोल! 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल, कॉरपोरेट नीतियों के खिलाफ बिगुल
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Chandauli News: कॉरपोरेट परस्त नीतियों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन का बिगुल बज चुका है। आगामी 9 जुलाई को देश के श्रमिक संगठन राष्ट्रीय हड़ताल पर जाने वाले हैं, जिसे उत्तर प्रदेश वर्कर्स फ्रंट और मजदूर किसान मंच ने भी अपना पुरजोर समर्थन दिया है।लखनऊ में वर्चुअल माध्यम से हुई वर्कर्स फ्रंट की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जहां वक्ताओं ने मौजूदा सरकार की नीतियों को मजदूर वर्ग के सम्मानजनक जीवन के लिए खतरा बताया।

सम्मानजनक जीवन छीना, बढ़ी आर्थिक असमानता

बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि पिछले एक दशक में देश में अरबपतियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, जबकि आम मेहनतकश की आर्थिक स्थिति बदतर होती गई है। आलम यह है कि देश की आधी से ज्यादा संपत्ति और आय पर महज एक प्रतिशत लोगों का कब्जा है। ऐसे में, बड़े पूंजी घरानों की संपत्ति पर टैक्स लगाकर आम नागरिकों के गरिमापूर्ण जीवन को सुनिश्चित करने की मांग उठना लाजिमी है। यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल इसी लोकतांत्रिक आवाज का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें हर नागरिक को अपनी सहभागिता दिखानी चाहिए।

बिजली का निजीकरण राष्ट्रीय हितों पर कुठाराघात

उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के फैसले पर भी कड़ी आपत्ति जताई गई। प्रस्ताव में इसे राष्ट्रीय हितों के विरुद्ध और आम जनता के संवैधानिक अधिकारों पर हमला करार दिया गया। यह आरोप लगाया गया कि जब-जब देश में भाजपा- आरएसएस की सरकार रही है, उन्होंने हमेशा बिजली जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने का काम किया है। विद्युत परिषद का विघटन और 2003 का विद्युत विधेयक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में लाया गया था, तो वहीं 2023 में विद्युत संशोधन विधेयक को मोदी सरकार ने पारित किया। इस निजीकरण के खिलाफ जारी आंदोलन को और तेज करने तथा एक व्यापक मंच बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया, जिसमें समाज के सभी वर्ग शामिल हों।

उत्तर प्रदेश में मजदूरों की बदतर स्थिति

बैठक में उत्तर प्रदेश के मजदूरों की दयनीय स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की गई। कारखाना अधिनियम में संशोधन कर काम के घंटे 12 किए जाने के आदेश को मजदूरों के शोषण की पराकाष्ठा बताया गया। साथ ही, पिछले छह सालों से लंबित न्यूनतम वेतन के वेज रिवीजन के मुद्दे को भी उठाया गया। इस हड़ताल में असंगठित मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के सवालों को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा।

हाईकोर्ट के आदेश भी बेअसर

181 वूमेन हेल्पलाइन की नेता पूजा पांडेय ने बताया कि प्रदेश में हाईकोर्ट के आदेशों का भी कोई असर नहीं है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद हेल्पलाइन में कार्यरत महिलाओं को वापस नौकरी पर नहीं रखा गया है और उन्हें पिछले पांच सालों से उनका बकाया वेतन भी नहीं मिला है।

कुली भी मनाएंगे काला दिवस

राष्ट्रीय कुली मोर्चा के कोऑर्डिनेटर राम सुरेश यादव ने जानकारी दी कि 9 जुलाई को पूरे देश के कुली काला दिवस मनाएंगे और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को अपनी रोजगार और सामाजिक सुरक्षा संबंधी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे।

बैठक की अध्यक्षता वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर दुर्गा प्रसाद ने की, जबकि संचालन महामंत्री राम शंकर ने किया। बैठक में विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों और नेताओं ने अपने विचार रखे और हड़ताल को सफल बनाने का संकल्प लिया।

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