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Lucknow News: विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ 9 जुलाई की हड़ताल से रहेगा अलग...
Lucknow News: महासंघ के मीडिया प्रभारी विमल चंद्र पांडे ने बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि देशभर में बिजली कर्मचारियों की ओर से घोषित 9 जुलाई की हड़ताल से महासंघ के संविदा कर्मचारी अलग रहेंगे।
विद्युत संविदा कर्मचारी संघ की बैठक (फोटो: सोशल मीडिया)
Lucknow News: बिजली कर्मचारियों की 9 जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल से उत्तर प्रदेश के विद्युत संविदा कर्मचारी अलग रहेंगे। यह निर्णय विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ उत्तर प्रदेश की बैठक में लिया गया। बैठक में महासंघ से जुड़े विभिन्न घटक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सर्वसम्मति से यह अहम फैसला लिया गया। इस बैठक का आयोजन लखनऊ के नरही स्थित हमबरा अपार्टमेंट में किया गया था।
बैठक में शामिल रहेंगे प्रमुख संगठन
इस बैठक में शामिल प्रमुख संगठनों में विद्युत संविदा मज़दूर संगठन उत्तर प्रदेश, विद्युत संविदा कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश, केस्को संविदा कर्मचारी संगठन, संविदा सेवा समिति, विद्युत संविदा कर्मचारी सेवा संघ और दैनिक वेतन विद्युत कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि शामिल थे। सभी संगठनों ने एक साथ निर्णय लिया कि वे 9 जुलाई को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल का हिस्सा नहीं बनेंगे।
घोषित हड़ताल से संविदा कर्मचारी अलग
महासंघ के मीडिया प्रभारी विमल चंद्र पांडे ने बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि देशभर में बिजली कर्मचारियों की ओर से घोषित हड़ताल से महासंघ के संविदा कर्मचारी अलग रहेंगे, लेकिन यदि पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ होती है, तो महासंघ के घटक संगठन अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की राह पर उतर जाएंगे।
संविदा कर्मचारियों के हित में होगा काम
प्रांतीय प्रभारी पुनीत राय ने जानकारी देकर बताया कि बैठक में वरिष्ठ श्रमिक नेता एवं महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष आरएस राय को आंदोलन से संबंधित फैसले लेने और आंदोलन का संचालन करने का पूर्णाधिकार सर्वसम्मति से सौंपा गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संगठन संविदा कर्मचारियों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा, निजीकरण के विरुद्ध पूरी ताकत से आवाज उठाई जाएगी।
कर्मचारियों के अधिकारों के लिए गंभीरता
विद्युत संविदा कर्मचारियों के अधिकारों और रोजगार की सुरक्षा के लिए संगठन पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ संघर्ष करेगा। यदि सरकार निजीकरण की दिशा में कोई ठोस कदम उठाती है, तो संविदा कर्मचारी आंदोलन करने को बाध्य होंगे, यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक सरकार अपनी नीति पर पुनर्विचार नहीं करती। इस बैठक में कई प्रमुख पदाधिकारी और प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
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