Chandauli News: चंदौली में 16 साल पुराने दोहरे हत्याकांड में पांच को उम्रकैद

Chandauli News: 16 साल पुराने दोहरे हत्याकांड के मामले में पांच आरोपियों को उम्रभर की सज़ा।

Sunil Kumar
Published on: 30 Aug 2025 10:57 PM IST
Chandauli News: चंदौली में 16 साल पुराने दोहरे हत्याकांड में पांच को उम्रकैद
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Chandauli News: चंदौली में 16 साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड के मामले में आखिरकार न्याय मिल गया है। एक अदालत ने इस सनसनीखेज वारदात में शामिल पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। इसके साथ ही, अदालत ने सभी दोषियों पर 20-20 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश पारितोष श्रेष्ठ की अदालत ने सुनाया, जिससे पीड़ितों के परिवार को 16 साल बाद इंसाफ मिला। यह घटना बताती है कि भले ही न्याय मिलने में समय लगे, लेकिन अपराधियों को उनके गुनाहों की सज़ा ज़रूर मिलती है।

क्या था पूरा मामला?

यह घटना 7 फरवरी 2009 की है। उस दिन, सुरेंद्र सिंह और उनके बेटे जयकिशन सिंह, जो महुअर कला गांव के रहने वाले थे, सुबह करीब 4 बजे मारकंडेय महादेव मंदिर दर्शन करने गए थे। सुबह 7 बजे उनके परिवार को ख़बर मिली कि दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। उनके शव सरफुद्दीनपुर गांव के पास एक बाग में मिले थे।

इस घटना के बाद, सुरेंद्र सिंह की बेटी मोहिनी सिंह ने बलुआ थाने में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि इस हत्याकांड की वजह कोटे की पुरानी रंजिश थी। पुलिस ने मामले की गहराई से जांच की और पांच लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।

किन लोगों को हुई सज़ा?

जिन पांच लोगों को इस मामले में दोषी पाया गया और सज़ा सुनाई गई, वे सभी महुअर कला गांव के ही रहने वाले हैं। इनके नाम हैं:

केशरी सिंह

अजीत सिंह

सुनील सिंह

धर्मराज सिंह

संतोष सिंह

इन सभी को अदालत ने आजीवन कारावास और जुर्माने की सज़ा दी है। एक अन्य आरोपी रामलखन सिंह की सुनवाई के दौरान ही मृत्यु हो गई थी। अदालत ने यह भी कहा कि इन दोषियों ने मुक़दमे के दौरान जेल में जितना समय बिताया है, उसे उनकी सज़ा में शामिल कर लिया जाएगा।

अभियोजन पक्ष की दमदार पैरवी

इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की पैरवी एडीजीसी क्रिमिनल अवधेश कुमार पांडेय, विशेष लोक अभियोजक रमाकांत उपाध्याय, और वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने की। उनकी मजबूत दलीलों और सबूतों के कारण ही अदालत ने आरोपियों को दोषी करार दिया और इतनी कड़ी सज़ा सुनाई। इस फैसले से साफ है कि कड़ी मेहनत और सही कानूनी प्रक्रिया के साथ न्याय ज़रूर मिलता है।

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