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Chandauli: अद्भुत प्रेमगाथा का हृदय विदारक अंत: एक ही चिता पर लेटे जीवनसाथी, गाँव में शोक की लहर!
Chandauli News: चंदौली में वृद्ध दंपति की एक ही चिता पर अंतिम विदाई, गाँव में शोक की लहर, प्रेम और समर्पण की अमर कहानी
एक ही चिता पर लेटे जीवनसाथी (photo: social media)
Chandauli News: चंदौली जिले के शहाबगंज थाना क्षेत्र के बराव गाँव में शुक्रवार की सुबह, काल की क्रूर नियति ने एक ऐसी हृदय विदारक घटना को अंजाम दिया, जिसने पूरे गाँव को स्तब्ध कर दिया। उस क्षण हर आँख नम थी, जब जीवन भर साथ निभाने वाले एक वृद्ध दंपति की अर्थी एक साथ उठी। यह केवल दो शरीरों की अंतिम यात्रा नहीं थी, बल्कि एक अटूट प्रेम और विश्वास की अमर कहानी का मार्मिक समापन था।
अंतिम क्षणों में भी नहीं टूटा साथ का बंधन
गाँव के राम प्यारे विश्वकर्मा (उम्र 68 वर्ष) और उनकी जीवनसंगिनी राधिका देवी (उम्र 65 वर्ष) का वैवाहिक जीवन, वर्षों के स्नेह और समर्पण का प्रतीक था। गुरुवार की रात अचानक दोनों की तबियत बिगड़ी। परिवार के लोग जब तक उपचार के लिए कोई व्यवस्था कर पाते, नियति ने अपना क्रूर फैसला सुना दिया। पहले राधिका देवी ने संसार को अलविदा कहा, और कुछ ही क्षणों के अंतराल पर, उनके पति राम प्यारे विश्वकर्मा ने भी प्राण त्याग दिए।
गाँव वालों के लिए अविस्मरणीय आघात
जिस तरह कुछ ही पल के भीतर इस वृद्ध दंपति का निधन हुआ, उसने गाँव वालों को भीतर तक झकझोर कर रख दिया। जीवन भर एक-दूसरे का संबल बने इस दंपति ने, मानो अंतिम साँस तक साथ न छोड़ने का प्रण निभाया हो। उनके इस आकस्मिक और एक साथ हुए महाप्रयाण ने यह सिद्ध कर दिया कि उनका प्रेम सांसारिक बंधनों से परे, आत्माओं का मिलन था।
अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब
दंपति के दो पुत्रों और तीन पुत्रियों के लिए यह वियोग असहनीय था। उनके मुख से निकलती चीत्कारें और विलाप पूरे वातावरण को शोकाकुल बना रहे थे। उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था, हर कोई नियति के इस निर्मम निर्णय पर अश्रु बहा रहा था। इस प्रेम की अंतिम विदाई में सैकड़ों की संख्या में गाँव के लोग शामिल हुए। जब एक ही चिता पर दोनों के पार्थिव शरीर रखे गए, तो यह दृश्य वहाँ उपस्थित हर व्यक्ति के हृदय को चीर गया। इस दंपति ने यह दर्शाया कि सच्चा प्रेम मृत्यु से भी नहीं डरता, और जीवन के हर पड़ाव पर, यहाँ तक कि अंतिम यात्रा में भी, साथ निभाता है।
अमर हो गई राम प्यारे और राधिका देवी की प्रेम कहानी
चंदौली का बराव गाँव अब केवल एक स्थान नहीं रहा, यह राम प्यारे और राधिका देवी के अमर प्रेम का तीर्थ बन गया है। उनकी एक साथ उठी अर्थी, प्रेम के उस शाश्वत सत्य को बयां करती है, जहाँ दो दिलों का बंधन जीवन और मृत्यु की सीमाओं से परे होता है। यह घटना हर किसी के मन में यह सवाल छोड़ गई है कि क्या यह महज संयोग था, या फिर सदियों पुराना, जन्मों-जन्मों का अटूट बंधन।
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