Chandauli News: नौगढ़ में फाइलेरिया के खिलाफ जागरूकता की मिसाल, देर रात चला स्वास्थ्य जांच अभियान

Chandauli News: फाइलेरिया के परजीवी सामान्यतः रात में रक्त में अधिक सक्रिय होते हैं, इसी वैज्ञानिक कारण को ध्यान में रखते हुए नाइट सर्वे का आयोजन किया गया। पहले ही दिन 15 ग्रामीणों की ब्लड जांच की गई, जिसमें सहभागिता उत्साहजनक रही।

Sunil Kumar
Published on: 27 Jun 2025 11:05 PM IST
Example of Awareness Against Filaria in Naugarh, Late Night Health Check Campaign
X

नौगढ़ में फाइलेरिया के खिलाफ जागरूकता की मिसाल, देर रात चला स्वास्थ्य जांच अभियान (Photo- Newstrack)

Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील के डुमरिया ग्राम पंचायत में फाइलेरिया (हाथीपांव) की रोकथाम को लेकर एक अनोखा और प्रभावशाली अभियान चलाया गया। 24 जून से 29 जून तक संचालित हो रहे इस स्वास्थ्य शिविर की खासियत इसकी रात्रिकालीन जांच प्रक्रिया रही, जो रात 10 बजे से 12 बजे तक चली।

फाइलेरिया की पहचान के लिए अनूठा नाइट ब्लड सर्वे

फाइलेरिया के परजीवी सामान्यतः रात में रक्त में अधिक सक्रिय होते हैं, इसी वैज्ञानिक कारण को ध्यान में रखते हुए नाइट सर्वे का आयोजन किया गया। पहले ही दिन 15 ग्रामीणों की ब्लड जांच की गई, जिसमें सहभागिता उत्साहजनक रही। यह पहल बीमारी की समय रहते पहचान और रोकथाम में मददगार सिद्ध हो रही है।

आशा बहुओं की मेहनत लाई रंग

गांव की आशा कार्यकर्ताओं ने शिविर से पहले घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया, जिससे ग्रामीणों में उत्सुकता और जागरूकता देखने को मिली। आशा बहु शिवराती देवी और टीम की मेहनत के चलते इस विशेष शिविर में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की।

पॉजिटिव मरीजों को 12 दिन की मुफ्त दवा

स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह भी आश्वासन दिया गया कि जांच में पॉजिटिव पाए गए मरीजों को 12 दिनों तक नि:शुल्क दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे फाइलेरिया के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिलेगी और मरीज समय रहते इलाज प्राप्त कर सकेंगे।

शासन-प्रशासन की मौजूदगी से बढ़ा भरोसा

शिविर की निगरानी में WHO मॉनीटर केशरी नंदन पाण्डेय, बीसीपीएम जयप्रकाश, लैब टेक्नीशियन सुशील कौशल, ऋषि, स्टाफ नर्स नीरज कुमार एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे। उनके सहयोग से शिविर में पारदर्शिता बनी रही।

स्वस्थ समाज की ओर एक निर्णायक कदम

यह शिविर न केवल फाइलेरिया नियंत्रण की दिशा में बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ाने की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। लोगों की सहभागिता और प्रशासन की सक्रियता, आने वाले समय में फाइलेरिया मुक्त समाज की नींव रख सकती है।

1 / 7
Your Score0/ 7
Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!