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Chandauli News: मनोरम दृश्य, बदहाल व्यवस्थाः नौगढ़ के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों से वसूली, सुविधा नदारद
Chandauli News: कर्मनाशा नदी पर निर्मित नौगढ़ बांध एक शांत और सुंदर जलाशय है, जो अपनी मनोरम दृश्यावली से पर्यटकों को बरबस ही खींच लेता है।
Chandauli News
Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में, काशी वन्य जीव प्रभाग के हृदय में स्थित कैमूर पहाड़ी श्रृंखला अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए जानी जाती है। इसी रमणीय वनांचल नौगढ़ क्षेत्र में नौगढ़ बांध और बड़ी दरी जलप्रपात आजकल पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। प्रकृति की गोद में बसे ये स्थल अपनी अद्भुत छटा से आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं, लेकिन यहां आने वाले पर्यटकों को एक विरोधाभासी अनुभव होता है दृ मनोरम दृश्य तो मिलते हैं, पर सुविधाओं के नाम पर अक्सर निराशा हाथ लगती है।
प्रकृति का अनुपम सौंदर्य
कर्मनाशा नदी पर निर्मित नौगढ़ बांध एक शांत और सुंदर जलाशय है, जो अपनी मनोरम दृश्यावली से पर्यटकों को बरबस ही खींच लेता है। वहीं, स्थानीय लोगों के बीच “बड़ी दरी“ के नाम से प्रसिद्ध जलप्रपात एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है। यह झरना न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए भी यह एक पसंदीदा गंतव्य बन चुका है। यहां ज़िपलाइनिंग और रॉक क्लाइम्बिंग जैसी साहसिक गतिविधियों के साथ-साथ बच्चों के लिए एक छोटा सा मनोरंजन पार्क भी विकसित किया गया है।
वन विभाग की पहल
वन विभाग ने इस क्षेत्र को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के प्रयास किए हैं। पर्यटकों के प्रवेश का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित है। संयुक्त वन समिति और स्थानीय ग्राम सभा मिलकर यहां आने वाले पर्यटकों से मामूली शुल्क वसूलती हैं, जिसका उद्देश्य आम लोगों को सुरक्षित और सुलभ पर्यटन का अवसर प्रदान करना है। पेयजल, शौचालय और एडवेंचर पाथवे जैसी कुछ बुनियादी सुविधाएं भी यहां उपलब्ध कराई गई हैं।
बरसात में दुश्वारियां
हालांकि, सबसे बड़ी समस्या तब सामने आती है जब बारिश का मौसम शुरू होता है। पर्यटकों के लिए यहां छाया की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। तपती गर्मी में तो पर्यटक पेड़ों की छांव में कुछ समय बिता लेते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में भीगने के सिवा उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचता। पर्यटकों की मांग है कि यहां टीन शेड जैसी स्थायी छायादार संरचनाएं बनाई जाएं, ताकि वे हर मौसम में इस खूबसूरत जगह का आनंद ले सकें।
शुल्क वसूली पर सवाल
यह विडंबना ही है कि पर्यटकों से प्रवेश शुल्क और विभिन्न गतिविधियों के लिए शुल्क तो वसूला जाता है, लेकिन सुविधा के नाम पर उन्हें अपेक्षित चीजें नहीं मिल पाती हैं। औरवाटाड़ जलप्रपात पर्यटन स्थल के अंतर्गत संयुक्त वन समिति और औरवाटाड़ द्वारा निर्धारित शुल्क इस प्रकार हैंः वयस्क ₹20, बच्चे ₹10, पार्किंग शुल्क मोटरसाइकिल/स्कूटर/साइकिल ₹20, चार पहिया हल्के वाहन ₹50, भारी वाहन ₹100, और एडवेंचर गेम जैसे जिप लाइनिंग और क्लाइम्बिंग के लिए प्रति व्यक्ति ₹50। मनोरंजन पार्क (चिल्ड्रेन एरिया) का शुल्क भी ₹50 है।
सुविधाओं की दरकार
स्थानीय लोगों और पर्यटकों का कहना है कि जब शुल्क लिया जा रहा है, तो पर्यटकों की मूलभूत सुविधाओं का भी ध्यान रखना जरूरी है। खासकर बरसात के मौसम में उनके लिए सुरक्षित और आरामदायक आश्रय की व्यवस्था होनी चाहिए। उम्मीद है कि वन विभाग इस ओर ध्यान देगा और नौगढ़ के इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
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