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Chandauli News: तेंदू पत्ता सूखा नहीं,उम्मीदें सूख गई- मजदूरी का इंतजार करती आंखें
Chandauli News: सबसे बड़ी विडंबना यह है कि मौसम की मार झेल रहे इन मेहनतकश मजदूरों को उनकी पिछले मजदूरी भी नसीब नहीं हुई है।
Chandauli News: काशी वन्य जीव प्रभाग के अंतर्गत नौगढ़, मझगाई, जयमोहनी, चंद्रप्रभा और चकिया वन क्षेत्रों में इस वर्ष तेंदू पत्ता तोड़ने का कार्य अचानक थम गया है। खराब मौसम के कारण पत्तों की तुड़ाई समय से पहले बंद करनी पड़ी है, जिससे इस पर आश्रित मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि मौसम की मार झेल रहे इन मेहनतकश मजदूरों को उनकी पिछले मजदूरी भी नसीब नहीं हुई है। नियमानुसार, तेंदू पत्ता तोड़ने के शुरुआती पांच दिनों का भुगतान मजदूरों को पांच दिन बीतने के बाद नकद मिलना चाहिए था, लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही के चलते उन्हें यह राशि भी अभी तक प्राप्त नहीं हुई। वन निगम के सेक्शन ऑफिसर द्वारा ठेकेदारों को फड़ों पर पहुंचकर मजदूरों को भुगतान करने के सख्त निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद ठेकेदार गायब रहे और मजदूर तपती धूप में इंतजार करते हुए खाली हाथ अपने घरों को लौट गए।
ठेकेदारों की लूट-खसोट नीति का शिकार मजदूर
गौरतलब है कि पिछले कई वर्षों से तेंदू पत्ता की खरीददारी ठेकेदारों के माध्यम से ही हो रही है। पत्तों को पानी से बचाने और उनका सही रखरखाव करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं ठेकेदारों की होती है। हालांकि, इनकी कथित लूट-खसोट नीति के कारण तेंदू पत्ता तोड़ने वाले श्रमिक हमेशा परेशान रहते हैं। मई-जून तक चलने वाला यह कार्य इस बार खराब मौसम के कारण पहले ही समाप्त हो गया, जिससे बाहरी मजदूर भी निराश होकर लौट गए।
परिदान में देरी, भुगतान पर लटकी तलवार
मजदूरों को न केवल शुरुआती पांच दिन की मजदूरी नहीं मिली है, बल्कि शेष राशि का भुगतान भी अधर में लटका हुआ है। वन निगम के नियमानुसार, शाम को खरीदी गई तेंदू पत्ती को सुबह ठेकेदार द्वारा निगम को 'परिदान' (जमा) करना अनिवार्य है। लेकिन हैरत की बात है कि ठेकेदारों ने अभी तक यह परिदान कार्य पूरा नहीं किया है। ऐसे में मजदूरों की गाढ़ी कमाई भगवान भरोसे है। सबसे बड़ा डर यह है कि यदि इस बीच बारिश के कारण पत्तियां भीग जाती हैं, तो ठेकेदार उन्हें लेने से इनकार कर सकते हैं, जिससे मजदूरों का भुगतान पूरी तरह से रुक जाएगा।
वन निगम ने लिखा पत्र, कार्रवाई का इंतजार
इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए वन निगम के सेक्शन अधिकारी अतुल कुमार सिंह ने प्रभागीय लौगिंग प्रबंधक, उत्तर प्रदेश वन निगम, मिर्जापुर को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है। पत्र में मझगाई और नौगढ़ सेक्शन के कई फड़ों पर प्रथम पांच दिन का भुगतान न होने और फड़ों को बंद करने का उल्लेख किया गया है। यह पत्र अन्य वन क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की समस्या की ओर इशारा करता है, जो मजदूरों के हितों के खिलाफ है। सेक्शन अधिकारी ने प्रबंधक से अनुरोध किया है कि वह जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित कराएं ताकि तेंदू पत्ता संग्रहण कार्य में लगे मजदूरों को और अधिक परेशानी न हो।
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