Chandauli News: नौगढ़ में तबादलों की अटकी सुई: अदृश्य ताकतों के शिकंजे में प्रशासन!

Chandauli News: कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जिनका स्थानांतरण हो चुका है और वे अपने नये कार्यस्थल पर औपचारिक उपस्थिति भी दर्ज करा चुके हैं। लेकिन हैरत की बात यह है कि वे अब भी पुराने कार्यालय में ही प्रतिदिन उपस्थित होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

Sunil Kumar
Published on: 3 Jun 2025 10:18 PM IST (Updated on: 3 Jun 2025 10:19 PM IST)
Chandauli News: नौगढ़ में तबादलों की अटकी सुई: अदृश्य ताकतों के शिकंजे में प्रशासन!
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नौगढ़ में तबादलों की अटकी सुई   (photo: social  media )

Chandauli News: चंदौली जिले के नौगढ़ ब्लॉक मुख्यालय में इन दिनों एक रहस्यमय स्थिति उत्पन्न हो गई है, जो आमजन ही नहीं, खुद प्रशासनिक व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न लगा रही है। यहां कुछ कर्मचारी ऐसे हैं, जिनका स्थानांतरण हो चुका है और वे अपने नये कार्यस्थल पर औपचारिक उपस्थिति भी दर्ज करा चुके हैं। लेकिन हैरत की बात यह है कि वे अब भी पुराने कार्यालय में ही प्रतिदिन उपस्थित होकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस रहस्य की गूंज पूरे ब्लॉक में चर्चा का विषय बन चुकी है। आमजन से लेकर अधिकारी तक यह जानने को बेचैन हैं कि वह कौन-सी अदृश्य शक्ति है, जिसके आगे खंड विकास अधिकारी तक मौन हैं?

खंड विकास अधिकारी की चुप्पी: अनभिज्ञता या जानबूझकर की गई अनदेखी?

जब इस संबंध में खंड विकास अधिकारी अमित कुमार से सवाल किया गया, तो उनका जवाब और भी चौंकाने वाला था। उन्होंने ऐसे किसी भी प्रकरण की जानकारी से साफ इनकार कर दिया। लेकिन जब लेखा सहायक, मनरेगा का उदाहरण प्रस्तुत किया गया—जिनका तबादला जनवरी 2025 में शहाबगंज हो चुका है और उन्होंने वहां कार्यभार ग्रहण भी कर लिया है—तो अधिकारी थोड़े असहज दिखे, फिर भी अपने पूर्व कथन पर अडिग रहे कि “वे कर्मचारी यहां कार्यरत नहीं हैं।”

यह विरोधाभासी रवैया साफ संकेत देता है कि या तो सच्चाई को छिपाया जा रहा है, या फिर अधिकारियों पर कोई ऐसा दबाव है, जो उन्हें नियमों के विरुद्ध जाकर भी आंख मूंदे रहने पर विवश कर रहा है।

सवालों के घेरे में व्यवस्था: नियम ताक पर या मिलीभगत का खेल?

क्या यह सब कुछ यूं ही हो रहा है, या फिर पर्दे के पीछे कोई गहरी साजिश चल रही है? तबादलों को केवल कागजों तक सीमित कर देना, ईमानदार कर्मचारियों के मनोबल को आघात पहुँचाना और नियमों की खुलेआम अवहेलना करना—इन सभी संकेतों का तात्पर्य क्या हो सकता है?

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या उच्चाधिकारी इस गूढ़ स्थिति का संज्ञान लेकर सुधारात्मक कदम उठाते हैं, या फिर नौगढ़ में प्रशासनिक तबादलों की सुई यूं ही जमी रहेगी—अनकही, अनदेखी और अनसुलझी।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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