मानवता के लिए कलंक..., लखनऊ में दलित बुजुर्ग से पेशाब चटवाने के मामले पर बरसे चंद्र शेखर आजाद

Chandrashekhar Azad News: सांसद चंद्र शेखर आजाद ने दलित बुजुर्ग के साथ हुई इस घटना को लेकर कहा कि आरएसएस के कार्यकर्ता द्वारा दलित बुजुर्ग रामपाल पासी को पेशाब चाटने के लिए मजबूर करना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि जातिवाद व सामंतवाद की सालों पुरानी दलित विरोधी मानसिकता का नंगा प्रदर्शन है।

Shishumanjali kharwar
Published on: 22 Oct 2025 3:10 PM IST
Kakori Dalit Rampal
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Kakori Dalit Rampal

Chandrashekhar Azad News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके में बीते दिनों मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना घटित हुई। यहां शीतला माता मंदिर में एक दलित बुजुर्ग को पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया। इस घटना के सामने आने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़ित बुजुर्ग रामपाल ने यह स्वीकार भी किया कि बीमारी के चलते पेशाब निकल गयी थी। जिसे उसे चाटने के लिए बोला गया। यही नहीं उन्हें धमकी भी दी गयी। इस घटना के बाद लोगों में आक्रोश है।

वहीं इस मामले पर सियासत भी गरमा गयी है। घसमाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आरके चौधरी के नेतृत्व में पीड़ित से मिलने के लिए पहुंचा। इस दौरान सपा नेताओं और पुलिस के बीच बहस भी हो गयी। पूर्व सांसद कौशल किशोर और मलिहाबाद विधायक जय देवी कौशल भी पीड़ित से मिलने के लिए पहुंचे। घटना दीपावली की रात की बतायी जा रही है। पीड़ित रामपाल के मुताबिक वह मंदिर में पानी पी रहे थे। तभी स्वामी कांत उर्फ पम्मू वहां आया और पेशाब करने का आरोप लगाने लगा।

इस पर पीड़ित ने कहा कि पेशाब नहीं किया है। वहां पानी गिर गया है। लेकिन वह नहीं माना और जातिसूचक गालियां भी दी। इसके साथ ही धमकाते हुए जमीन को चाटने के लिए मजबूर किया। वहीं पीड़ित के पौत्र मुकेश कुमार ने बताया कि दादाजी को सांस लेने में तकलीफ होती है। जिसके दवा चल रही है। मंदिर में अचानक उन्हें खांसी आने लगी थी। तभी थोड़ा पेशाब निकल गया। इसके बाद पम्मू वहां आया और दादाजी को पेशाब चाटने के लिए कहा। इसके बाद जगह को तालाब के पानी से धोने के लिए भी कहा। पुलिस ने पम्मू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

दलित विरोधी मानसिकता का नंगा प्रदर्शन: आजाद

भीम आर्मी प्रमुख और नगीना सीट से सांसद चंद्र शेखर आजाद ने दलित बुजुर्ग के साथ हुई इस घटना को लेकर कहा कि आरएसएस के कार्यकर्ता द्वारा दलित बुजुर्ग रामपाल पासी को पेशाब चाटने के लिए मजबूर करना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि जातिवाद व सामंतवाद की सालों पुरानी दलित विरोधी मानसिकता का नंगा प्रदर्शन है।

यह न केवल मानवता के लिए कलंक है, बल्कि संविधान की आत्मा पर भी करारा प्रहार है। शरीर पर सत्ता का जोर, आत्मा पर जातिवाद का विष। सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कठोर से कठारे सजा दी जाए। इसके साथ ही पीड़ित बुजुर्ग रामपाल पासी को सुरक्षा, सम्मानजनक मुआवजा और इलाज की सुविधा भी दी जाए।

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मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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