Chitrakoot News: अंधेरे घरों की दिवाली बनो" कार्यक्रम का भव्य आयोजन

Chitrakoot News: चित्रकूट के बिजहना गांव में दिवाली के अवसर पर आयुष्मान वानप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा 'अंधेरे घरों की दिवाली बनो' कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Sunil Shukla (Chitrakoot)
Published on: 22 Oct 2025 3:51 PM IST
Chitrakoot News: अंधेरे घरों की दिवाली बनो कार्यक्रम का भव्य आयोजन
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Chitrakoot News: समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी संस्था आयुष्मान वानप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा इस वर्ष भी दिवाली के पावन अवसर पर एक अद्भुत आयोजन किया गया। जनपद के अति पिछड़े पाठा क्षेत्र की ग्राम पंचायत डोडा माफी के मजरा बिजहना स्थित कोल आदिवासी बस्ती में "अंधेरे घरों की दिवाली बनो" कार्यक्रम के तहत उन घरों में दीप जलाए गए, जहां आमतौर पर दीपावली की रोशनी पहुंच ही नहीं पाती।

कार्यक्रम में जब समाजसेवियों का समूह आदिवासी परिवारों के बीच पहुंचा, तो वहां के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनके चेहरों पर सच्चे उत्साह और उल्लास की झलक देखने को मिली। कोल आदिवासी महिला, पुरुष और बच्चों ने जब अपने घरों में दीप जलाए, तो पूरा गांव एक नए उजास से जगमगा उठा।इस आयोजन का नेतृत्व अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान के निदेशक और वरिष्ठ समाजसेवी गोपाल भाई के निर्देशन में हुआ। कार्यक्रम के तहत लगभग 300 आदिवासी परिवारों को दीपावली पूजन सामग्री और मिठाई भेंट की गई।गांव में इस आयोजन को लेकर ऐसा उत्साह था मानो कोई विवाह समारोह हो।

आयोजन स्थल पर छियूल की डालियों से मंडप सजाया गया था। बैठने की व्यवस्था मंडप के नीचे थी। पूरे परिसर की लिपाई गाय के गोबर से की गई थी और रंग-बिरंगी रंगोली ने वातावरण को और भी जीवंत बना दिया।आदिवासी महिलाओं और पुरुषों ने अपने पारंपरिक लोकगीतों और नृत्यों के माध्यम से शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।कार्यक्रम के संयोजक बलवीर सिंह ने बताया कि यह आयोजन गोपाल भाई की प्रेरणा से संभव हो सका। संस्था वर्षों से गरीब बस्तियों में जाकर दीपावली के त्योहार को रोशनी और प्रेम से भरने का काम करती आ रही है।

इस अवसर पर उन्होंने यह भी बताया कि एसडीएम मानिकपुर मोहम्मद जसीम ने इस गांव को विकास की दृष्टि से गोद लेने का निर्णय लिया है, जिससे यहां की मूलभूत समस्याओं का समाधान किया जा सके।कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी बच्चियों द्वारा प्रस्तुत "गणेश देवा हो गणेश देवा" जैसे भक्ति गीतों से हुई। इसके बाद आदिवासी कुलपूज्य देवता की पूजा कर दीप जलाए गए।मुख्य अतिथियों में डॉ. मनोज द्विवेदी, रामनिधि दास, समाजसेविका जयश्री योग, सुषमा सिंह, प्रमिला, श्रीमती अनीता सिंह, लल्लूराम शुक्ला, राकेश माथुर, पंकज दुबे, सभासद शंकर यादव, अजय यादव, आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ता देव शुक्ला, देशराज यादव, राजेश दुबे, ग्राम प्रधान रामलाल सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में सामाजिक कार्यकर्ता विजय सिंह, संजय, भरत, संध्या, आरती, देशराज, जय गोपाल, सरल, देव कुमार, विश्वदीप, रामविलास, अजीत कुमार, रामराज, मोगली, धनराज तथा जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के छात्र मयंक सिंह, दीपक सिंह, सत्यनारायण, उमेश कुमार, लक्ष्मण लाल, बदरुद्दीन खान आदि ने सराहनीय योगदान दिया।कार्यक्रम का संचालन आदिवासी समुदाय की पढ़ी-लिखी बेटी भारती ने किया, जिसने अपने आत्मविश्वास से सभी का मन जीत लिया।कार्यक्रम का समापन विशाल सामूहिक भोज के साथ हुआ, जिसमें गांव के सभी परिवारों ने प्रेमपूर्वक सहभागिता की।

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