CM योगी का संकल्प होगा साकार: भारत की डीप टेक कैपिटल बनेगा प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को डीप टेक में अग्रणी राज्य बनाने का जो संकल्प लिया

Virat Sharma
Published on: 4 Sept 2025 9:05 PM IST
Lucknow News
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Lucknow News: CM Yogi Aditya Nath 

Uttar Pradesh News: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को डीप टेक में अग्रणी राज्य बनाने का जो संकल्प लिया है, आईआईटी कानपुर उसे पूरा करने में जुट गया है। उत्तर प्रदेश को भारत की डीप टेक कैपिटल बनाने के लिए टैलेंट, टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप को आधार बनाए जाने का प्रयास है। मुख्यमंत्री का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत को तकनीकी महाशक्ति बनाने में उत्तर प्रदेश की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी। ऐसे में योगी सरकार का फोकस है कि उत्तर प्रदेश न केवल स्टार्टअप इकोसिस्टम में अग्रणी बने, बल्कि पूरे देश के लिए इनोवेशन का इंजन साबित हो।

मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप आईआईटी कानपुर ने यूपी को डीप टेक की कैपिटल बनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। यह कहा जा सकता है कि योगी सरकार की प्रतिबद्धता, आईआईटी कानपुर की विशेषज्ञता और एल्युमनी नेटवर्क की ताकत मिलकर उत्तर प्रदेश को एक नए युग की ओर ले जाएगी। डीप टेक पर आधारित यह विज़न न केवल राज्य बल्कि पूरे देश की तकनीकी प्रगति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।

सीएम योगी ने की पहल

मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को ही आईआईटी कानपुर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत का पहला डीप टेक भारत 2025 उत्तर प्रदेश में आकार लेगा। इसके लिए एक प्रभावशाली शिखर सम्मेलन (समिट) का आयोजन होना चाहिए, जहां पूरे देश के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और स्टार्टअप मिलकर ठोस रोडमैप तैयार करें। इस पहल का केंद्र आईआईटी कानपुर को बनना चाहिए, जो पहले से ही डीप टेक इनोवेशन में राष्ट्रीय नेतृत्व की क्षमता रखता है। मुख्यमंत्री ने यह भी कही कि गौतमबुद्ध नगर जिले में डीप टेक हब के लिए भूमि आवंटित कर दी गई है और डीआरडीओ, इसरो व अन्य शीर्ष संस्थाओं के साथ मिलकर इसे साकार किया जा सकता है।

गहन वैज्ञानिक अनुसंधान से जुड़ी नई खोजों पर हो रहा काम

आईआईटी कानपुर मुख्यमंत्री के इस महत्वाकांक्षी मिशन का नेतृत्व कर रहा है। यहां पहले से ही सैकड़ों स्टार्टअप इनक्यूबेट हो रहे हैं और गहन वैज्ञानिक अनुसंधान से जुड़ी नई खोजों पर काम हो रहा है। एक सर्वे के अनुसार, 410 पूर्व छात्रों (अलुमनी) में से 75% यानी 307 पूर्व छात्र स्टार्टअप्स या छात्रों को मेंटरिंग देने के लिए तैयार हैं। लगभग 63% (257) उद्योग जगत की समझ और कंसल्टेशन देने में सहयोग करेंगे, जबकि 46% (189) पार्टनरशिप और कोलैबोरेशन को बढ़ावा देंगे। इतना ही नहीं, 21% (87) अलुमनाई इंडस्ट्री को राज्य में लाने के लिए तत्पर हैं और 15% (63) फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट देने को तैयार हैं। यह स्पष्ट करता है कि आईआईटी कानपुर अलुमनाई डीप टेक विज़न को गति देने में अभूतपूर्व योगदान देंगे।

यूपी बनेगा भारत का इनोवेशन इंजन

स्टार्टअप इकोसिस्टम की बात करें तो उत्तर प्रदेश आज तेजी से डीप टेक स्टार्टअप कैपिटल की ओर बढ़ रहा है। 250 से अधिक डीप टेक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनका कुल वैल्यूएशन 2.5 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक होगा। अनुमान है कि इन स्टार्टअप्स से आने वाले समय में 10,000 से ज्यादा डायरेक्ट रोजगार पैदा होंगे। इससे न केवल युवाओं को प्रदेश में ही रोजगार मिलेगा बल्कि स्थानीय टैलेंट को बाहर जाने से रोककर राज्य को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।

योगी सरकार का यह विजन उत्तर प्रदेश को केवल एक उपभोक्ता राज्य से उत्पादक और इनोवेशन-ड्रिवन राज्य बनाने की दिशा में है। रिसर्च एंड डेवलपमेंट से जुड़े प्रोजेक्ट्स यहां न केवल प्रयोगशाला तक सीमित रहेंगे, बल्कि उन्हें प्रोडक्ट में बदलकर बाजार तक पहुंचाया जाएगा। यही प्रक्रिया उत्तर प्रदेश को आने वाले समय में भारत का इनोवेशन इंजन बना देगी।

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