Lucknow News: CM योगी ने एमएसएमई विभाग के अफसरों के साथ की बैठक: यूपी को फुटवियर-लेदर विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाएगी नई नीति

Lucknow News: यूपी सरकार लेदर, नॉन-लेदर और फुटवियर उद्योग को वैश्विक पहचान दिलाने की तैयारी में। 22 लाख रोजगार, क्लस्टर मॉडल और नीति 2025 की दिशा में कदम।

Virat Sharma
Published on: 1 Aug 2025 1:13 PM IST
Yogi Aditynath
X

Yogi Aditynath

Lucknow News: यूपी ने फुटवियर, लेदर और नॉन-लेदर विनिर्माण के क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एमएसएमई विभाग की बैठक में कहा कि प्रदेश को इस क्षेत्र में वैश्विक पहचान दिलाने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के पारंपरिक कौशल, प्रशिक्षित श्रमबल, कच्चे माल की प्रचुरता और आगरा, कानपुर व उन्नाव जैसे सशक्त औद्योगिक केंद्रों की मौजूदगी को देखते हुए एक समग्र, व्यावहारिक और परिणामोन्मुखी नीति का निर्माण आवश्यक हो गया है।

बैठक में उत्तर प्रदेश फुटवियर, लेदर एवं नॉन-लेदर क्षेत्र विकास नीति 2025’ के प्रारूप पर विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने क्लस्टर आधारित विकास मॉडल को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि नीति में स्पष्ट रूप से यह परिभाषित किया जाए कि प्रदेश के कौन-से क्षेत्र इस उद्योग के लिए सबसे उपयुक्त हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि यदि उत्पादन, डिज़ाइन, अनुसंधान और प्रशिक्षण को एकीकृत किया जाए तो यह क्षेत्र न केवल बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित कर सकता है, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध करा सकता है। उन्होंने फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स जैसी अधोसंरचना सुविधाओं की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया ताकि औद्योगिक इकाइयों को बेहतर कार्य वातावरण मिल सके।

आगरा को देश की फुटवियर राजधानी के रूप में जाना जाता है

इस दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि प्रस्तावित नीति के तहत अगले कुछ वर्षों में लगभग 22 लाख नई नौकरियों के सृजन की संभावना है। यह नीति उत्तर प्रदेश को वैश्विक फुटवियर और लेदर विनिर्माण का केंद्र बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल मानी जा रही है। वर्तमान में भारत इस क्षेत्र में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है, जिसमें उत्तर प्रदेश की भागीदारी महत्वपूर्ण है। अकेले कानपुर और उन्नाव में 200 से अधिक सक्रिय टैनरियां कार्यरत हैं, जबकि आगरा को देश की फुटवियर राजधानी के रूप में जाना जाता है।

नॉन-लेदर फुटवियर निर्माण इकाइयों को बढ़ावा दिया जाए

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नीति के तहत न केवल लेदर और नॉन-लेदर फुटवियर निर्माण इकाइयों को बढ़ावा दिया जाए, बल्कि इससे जुड़ी सहायक इकाइयों; जैसे बकल्स, ज़िप, सोल, इनसोल, लेस, केमिकल्स, डाइज, हील्स, थ्रेड्स, टैग्स और लेबल्स के निर्माण को भी विशेष प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मशीनरी निर्माण, विशेष रूप से चमड़ा सिलाई, कटिंग, मोल्डिंग और नॉन-लेदर सेफ्टी शूज़ बनाने वाली तकनीकों से संबंधित इकाइयों को भी समर्थन मिलना चाहिए।

योगी ने कहा कि यह समग्र दृष्टिकोण प्रदेश में एक पूर्ण एकीकृत फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करेगा, जिससे ‘डिज़ाइन टू डिलीवरी’ मॉडल को स्थानीय स्तर पर साकार किया जा सकेगा। उन्होंने बेहतर उत्पादों के लिए स्किलिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग की मजबूत रणनीति तथा प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

भूखंडों का आवंटन ई-नीलामी और अन्य पारदर्शी माध्यमों से किया जाए

बैठक में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश औद्योगिक आस्थान नीति' पर भी विचार-विमर्श हुआ। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि के कुशल उपयोग की कमी, लीज निष्पादन में जटिलता, अनधिकृत बंधक और सब-लेटिंग तथा अनुपयोगी भूखंडों जैसी समस्याएं सामने आती रही हैं। प्रस्तावित नीति इन सभी बाधाओं को दूर करते हुए एक पारदर्शी, सुस्पष्ट और समयबद्ध प्रणाली प्रदान करेगी। भूखंडों का आवंटन ई-नीलामी अथवा अन्य पारदर्शी माध्यमों से किया जाएगा और क्षेत्रानुसार भूमि की दर निर्धारित होगी। हालांकि एंकर इकाइयों के लिए भूमि की दर शासन द्वारा तय की जाएगी।

निवेशकों का अनावश्यक पूंजीगत व्यय होगा कम

सीएम ने औद्योगिक आस्थान नीति को अत्यंत व्यावहारिक बताते हुए कहा कि यदि भूखंडों के आवंटन से लेकर लीज डीड निष्पादन, निर्माण और उत्पादन तक की प्रक्रिया स्पष्ट, सरल और उत्तरदायी हो, तो निवेशकों को प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए आवश्यक आश्वस्ति प्राप्त होगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में सीमित औद्योगिक भूमि को ध्यान में रखते हुए 'लीज रेंट मॉडल' पर विचार किया जाए, जिससे निवेशकों का अनावश्यक पूंजीगत व्यय कम होगा और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।

सिंगल विंडो अनुमोदन जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए

मुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा कि निजी औद्योगिक पार्कों को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत प्रोत्साहनों के साथ-साथ स्टाम्प ड्यूटी में छूट, बिजली और लॉजिस्टिक्स सब्सिडी तथा सिंगल विंडो अनुमोदन जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने निर्देशित किया कि नीति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु एकीकृत ऑनलाइन आवेदन और प्रोत्साहन वितरण प्रणाली विकसित की जाए, जिससे सभी प्रक्रियाएं डिजिटल, सुगम और ट्रैक योग्य बन सकें।

1 / 9
Your Score0/ 9
Newstrack          -         Network

Newstrack - Network

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!