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Etah News: फुफेरे भाई की हत्या के 17 साल पुराने मामले में सगे भाइयों को उम्रकैद
Etah News: कोर्ट ने पीड़ित पक्ष को बतौर मुआवजा 50 हजार रुपये देने का आदेश भी दिया है, जिससे मृतक के परिजनों को कुछ राहत मिली है।
फुफेरे भाई की हत्या के 17 साल पुराने मामले में सगे भाइयों को उम्रकैद (photo: social media )
Etah News: एटा जिले के जलेसर में साल 2008 में हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड में 17 साल बाद अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश ने दो सगे भाइयों—रिंकू उर्फ शीलेंद्र और पिंटू उर्फ शैलेंद्र, पुत्रगण शिशुपाल सिंह—को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने पीड़ित पक्ष को बतौर मुआवजा 50 हजार रुपये देने का आदेश भी दिया है, जिससे मृतक के परिजनों को कुछ राहत मिली है।
यह मामला लोकेंद्र उर्फ सोनू (21) की हत्या से जुड़ा है, जो नवंबर 2008 में जलेसर के एक शादी समारोह में शामिल होने आया था, लेकिन उसके बाद घर नहीं लौटा। कुछ दिनों बाद उसका शव पुलिया के नीचे पड़ा मिला, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया था। मृतक के पिता रामपाल ने देवराज सिंह, सतीश पाल और कुबेर सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस जांच के दौरान, 2010 में रिंकू और पिंटू का नाम सामने आया। जांच में पता चला कि मृतक लोकेंद्र, इन दोनों का फुफेरा भाई था और उनसे कुछ पैसे उधार लिए थे, जिन्हें वह लौटा नहीं रहा था। इसी पैसे के लेन-देन को लेकर दोनों भाइयों ने लोकेंद्र की हत्या की साजिश रची। इतना ही नहीं, उन्होंने अन्य लोगों को फंसाने के इरादे से खुद तहरीर लिखी और गवाह भी बने, जिससे मामले को और भी उलझा दिया गया था।
लंबी सुनवाई और साक्ष्यों के आधार पर आखिरकार न्याय मिला
वर्ष 2019 में पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया, जिसके बाद मामला कोर्ट में चला। सरकारी वकील निशांत पाठक के अनुसार, वर्षों की लंबी सुनवाई और साक्ष्यों के आधार पर आखिरकार न्याय मिला है। इस फैसले से मृतक के परिजन न्याय मिलने पर संतुष्ट हैं, वहीं यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में धैर्य और निष्पक्षता का एक अहम उदाहरण बनकर सामने आया है, जो यह दर्शाता है कि कानून की प्रक्रिया धीमी भले हो, पर न्याय मिलता है।
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