Etah News: 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' पर संयुक्त प्रेस क्लब पर हुआ भव्य गोष्ठी का आयोजन, जनपदभर के पत्रकार हुए शामिल

Etah News: हिंदी पत्रकार आज भी जनपक्षधरता की सबसे बड़ी आवाज हैं। आज का दिन हमें हमारी जिम्मेदारी और दायित्व की याद दिलाता है।

Sunil Mishra
Published on: 30 May 2025 9:56 PM IST
Grand seminar held at United Press Club on Hindi Journalism Day, journalists from all over the district participated
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हिंदी पत्रकारिता दिवस पर संयुक्त प्रेस क्लब पर हुआ भव्य गोष्ठी का आयोजन, जनपदभर के पत्रकार हुए शामिल (Photo- Social Media)

Etah News: एटा उत्तर प्रदेश के एटा जनपद मुख्यालय पर आज शहीद पार्क में 30 मई 'हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाई गई'। संयुक्त प्रेस क्लब के तत्वावधान में 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' का शहीद पार्क स्थित प्रेस क्लब कार्यालय में एक भव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर जनपदभर से आए वरिष्ठ, युवा एवं स्वतंत्र पत्रकारों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार नेत्रपाल सिंह चौहान ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में सुनील मिश्रा प्रदेश अध्यक्ष संयुक्त प्रेस क्लब व जिला सूचना अधिकारी कमलदीप यादव मंच पर उपस्थित रहे। गोष्ठी का संचालन राजेश दीक्षित ने किया कार्यक्रम में संगठन के पदाधिकारियों महामंत्री प्रमोद लोधी, संगठन मंत्री संदीप शर्मा, दलवीर सिंह यादव कोषाध्यक्ष नीतेश यादव, वरिष्ठ संयुक्त सचिव आर.वी. गुप्ता, वैभव वार्ष्णेय समाज शुभ मिश्रा अक्षित मिश्रा अंकित गुप्ता सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

अतिथियों का भव्य स्वागत

कार्यक्रम में पहुंचे सभी पत्रकारों एवं अतिथियों का प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया गया। संदीप शर्मा, साहिल मोहसिन एवं वैभव वार्ष्णेय सहित अन्य पत्रकारों ने अतिथियों को वैज लगाकर एवं स्मृति-पट्टिका पहनाकर उनका सम्मान किया। इस भावपूर्ण स्वागत ने वातावरण को आत्मीयता और गरिमा से भर दिया।

इस बीच सभी पत्रकार बंधुओं के लिए स्वल्पाहार की भी व्यवस्था की गई थी गोष्ठी के दौरान सभी उपस्थित पत्रकारों के लिए स्वल्पाहार (नाश्ते) की भी समुचित व्यवस्था की गई थी। जिसका सभी ने लाभ उठाया और आयोजन समिति के व्यवस्थाओं एवं प्रयासों की सराहना की गई कार्यक्रम के दौरान अध्यक्षीय भाषण में नेत्रपाल सिंह चौहान ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता केवल समाचार नहीं, जनचेतना का स्रोत है। यह समाज की वास्तविक स्थिति को उजागर करती है। हमें अपने मूल्यों और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।

हिंदी पत्रकार आज भी जनपक्षधरता की सबसे बड़ी आवाज हैं। आज का दिन हमें हमारी जिम्मेदारी और दायित्व की याद दिलाता है। साथ ही उन्होंने सभी वक्ताओं को भी धन्यवाद दिया अतिथि कमलदीप यादव (जिला सूचना अधिकारी) ने कहा कि “पंडित जुगल किशोर द्वारा निकाले गए ‘उदंड मार्तंड’ ने जो शुरुआत की, वह आज भी प्रेरणा देती है। हिंदी पत्रकारिता ने सामाजिक बदलाव को दिशा दी है और आज भी इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है।”

हिंदी पत्रकारिता की आड़ में अंग्रेजी पत्रकारता

सुनील मिश्रा (प्रदेश अध्यक्ष, संयुक्त प्रेस क्लब) ने कहा कि “हिंदी पत्रकारिता को नई तकनीकों से जोड़ना समय की मांग है। देश का पहला हिंदी अखबार कितना 'उदंड मार्तंड' सन 1826 में कोलकात्ता से प्रकाशित हुआ था और तभी से वह लगातार अपनी पहचान के साथ आगे बढ़ रहा है किंतु हिंदी पत्रकारिता की आड़ में अंग्रेजी पत्रकारिता भी फल फूल रही है क्योंकि अपने को बड़ा अधिकारी बड़ा नेता स्टेटस वाले सभी अंग्रेजी अखबार पढ़ना ज्यादा पसंद करते है न की हिंदी अखबार साथ ही पत्रकारों की एकता ही हमारे अधिकारों की रक्षा करेगी। हमें संगठित रहकर अपनी आवाज बुलंद करनी होगी।

आजकल के अधिकारी नेता नहीं चाहते कि असली पत्रकार उनके समीप रहे वह सिर्फ दलाल चापलूसों को ही चाहते हैं क्योंकि सही पत्रकार तो उनकी चापलूसी या महिमा मंडित नहीं करेगा आजकल प्रशासन शासन के दबाव में पत्रकारों पर मुकदमे भी लिखा जा रहे हैं अभी हाल ही में एक पत्रकार द्वारा उत्पीड़न के चलते आत्महत्या किए जाने का मामला भी सामने आया है जो काफी निंदनीय और शर्मनाक है साथ ही शासन प्रशासन नाकारापन है।

अधिकारी आजकल किसी भी संबध में मांगने पर सही जानकारी नहीं देते कोई बात पूछने पर फोन नहीं उठाते हां इतना अवश्य करते हैं कि वह अपने हिसाब से एक विज्ञप्ति जरूर ग्रुप पर भेज देते हैं जो तथ्यहीन तथा बिना जानकारी की या उनके मन मुताबिक जानकारी की होती है। हिंदी पत्रकारिता पत्रकारिता की पहचान है और सबसे लोकप्रिय भाषा है जो हमारे देश की राष्ट्रभाषा भी है उन्होंने सभी आगंतुकों को कार्यक्रम में सहभागिता पर धन्यवाद दिया राकेश कश्यप ने कहा कि “पत्रकारों को एक-दूसरे के लिए हमेशा खड़े रहना चाहिए। आंतरिक मतभेद सार्वजनिक मुद्दा नहीं बनना चाहिए। आपसी सहयोग और संवाद से ही पत्रकारिता की गरिमा बची रह सकती है।

आजकल की पत्रकारिता की शाख गिरती जा रही है पत्रकार एक दूसरे की टांग खींचने में लगे रहते हैं ऐसा नहीं होना चाहिए पत्रकारों को हमेशा खबर को लेकर एकजुट एक साथ रहना चाहिए।

राहुल गुप्ता ने कहा कि “पत्रकारिता आज भी जोखिम से भरा पेशा है, लेकिन हिंदी पत्रकारिता का योगदान अंग्रेजी से कहीं अधिक है। हमें अपने कार्यों को गर्व से प्रस्तुत करना चाहिए उन्होंने कहा आज हिंदी पत्रकारिता दिवस नहीं यू कहिए की हिंदी पत्रकारिता का जन्मदिन है। राकेश भदोरिया ने कहा हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें हिन्दी पत्रकारिता के बिना पत्रकारिता सभव नहीं है।


कंप्यूटर युग की पत्रकारिता

पत्रकार देवेश पाल ने कहा पहले का दौर और था पत्रकार पूरी रात लिखते थे तब कहीं जाकर एक पैकेट तैयार कर बस द्वारा यहां अखबार प्रकाशित होता था भेजते थे और तीसरे दिन जाकर खबर प्रकाशित होती थी किंतु आज के समय में कंप्यूटर का युग है तुरंत खबर लेकर तुरंत भेजी जा सकती है वही अधिकारी पत्रकारों को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं अगर उन्हें कोई खबर नहीं छपवानी है तो वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में वाइट नहीं देते क्योंकि वह जानते हैं कि बिना वाइट के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खबर नहीं चलेगी इसका वह पूरा फायदा उठाते हैं कभी-कभी तो काफी लंबा इंतजार करने के बाद भी वह वाइट देने से मना कर देते हैं यह बेहद निंदनीय है प्रमोद लोधी ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता समाज की नब्ज को पहचानती है लेकिन आजकल अधिकारी व नेता शोसल मीडिया पर अपना मन चाहा प्रचार प्रसार स्वयं करा रहे हैं।

प्रमोद लोधी आरबी गुप्ता नितेश यादव वैभव बाष्णेय राजेश दीक्षित राहुल गुप्ता आर बी दुबे राकेश कश्यप राकेश भदोरिया मदन गोपाल शर्मा प्रेमपाल पथरिया देवेश पाल प्रवेंद्र वशिष्ठ अकरम खान संदीप दीक्षित पवन पाठक वैभव पचौरी शिवम चंचल लोधी सुनील यादव साहिल मोहसिन सुनील यादव भारत वर्मा सोनी दिनेश साहिल खान मोइन अख्तर दिनेश चंद्र शर्मा राज वर्मा मानपाल सिंह नीरज गुप्ता अनुज चौहान मोहम्मद बारिश प्रवीन कुमार पाठक शुभ मिश्रा ए पी चौहान करण प्रताप सिंह अंकित गुप्ता रजनीश सिंह अनेश कुमार आदि प्रमुख पत्रकार शामिल हुए।

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