TRENDING TAGS :
Etah News: एटा ग्राम विकास अधिकारी पर गंभीर आरोप: RTI आवेदक से ठगे ₹7682, सूचना आयोग ने लगाया ₹25,000 का जुर्माना
Etah News: जवाब देने की प्रक्रिया में ग्राम विकास अधिकारी ने दस्तावेजों की फोटोकॉपी उपलब्ध कराने के नाम पर आवेदक से ₹7682 रुपये की मांग की, जिसे आवेदक ने दिनांक 15 फरवरी 2021 को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, एटा शाखा से बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से "ग्राम निधि प्रथम, ग्राम पंचायत पवांस" के नाम भेज दिया।
एटा ग्राम विकास अधिकारी पर गंभीर आरोप: RTI आवेदक से ठगे ₹7682, सूचना आयोग ने लगाया ₹25,000 का जुर्माना (Photo- Social Media)
Etah News: एटा उत्तर, प्रदेश के एटा जनपद के विकास खण्ड सकीट में तैनात ग्राम विकास अधिकारी विश्वजीत यादव पर आरटीआई आवेदक से ₹7682 (सात हजार छह सौ बयासी) रुपये की धनराशि ठगने और सूचना उपलब्ध न कराने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित आवेदक ने इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी (C.D.O), जिलाधिकारी एटा तथा आयुक्त अलीगढ़ मंडल से शिकायत कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
आवेदक अखिलेश कुमार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ग्राम विकास अधिकारी विश्वजीत यादव वर्ष 2021 में विकास खण्ड शीतलपुर की ग्राम पंचायत पवांस पर तैनात थे। दिनांक 5 जनवरी 2021 को एक आरटीआई आवेदन के तहत आवेदक ने पंचायत से संबंधित वांछित सूचनाएं मांगी थीं।
जवाब देने की प्रक्रिया में ग्राम विकास अधिकारी ने दस्तावेजों की फोटोकॉपी उपलब्ध कराने के नाम पर आवेदक से ₹7682 रुपये की मांग की, जिसे आवेदक ने दिनांक 15 फरवरी 2021 को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, एटा शाखा से बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से "ग्राम निधि प्रथम, ग्राम पंचायत पवांस" के नाम भेज दिया।
ना सूचना, ना पैसा – आखिर गया कहाँ?
आश्चर्यजनक रूप से, ग्राम विकास अधिकारी ने यह ड्राफ्ट न तो पंचायत खाते में जमा किया, न ही आवेदक को कोई सूचना उपलब्ध कराई। बाद में जब आवेदक ने प्रथम अपील दायर की और उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में अपील की, तो कई सुनवाइयों और आदेशों के बाद भी कोई सूचना नहीं दी गई।
इस पर तत्कालीन सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने ग्राम विकास अधिकारी पर ₹25,000 का जुर्माना भी लगाया। इसके बावजूद आज तक न तो सूचना दी गई, न ही ₹7682 रुपये का कोई लेखा-जोखा सामने आया।
गंभीर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप
अब आरटीआई आवेदक ने इस मामले को गंभीर वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी मानते हुए शिकायत की है कि ड्राफ्ट की राशि का गबन किया गया है।
उन्होंने C.D.O एटा, जिलाधिकारी, और आयुक्त अलीगढ़ मंडल से मांग की है कि ग्राम विकास अधिकारी विश्वजीत यादव के विरुद्ध कठोर विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई की जाए।
क्या कहते हैं कानून और प्रशासनिक प्रावधान?
RTI अधिनियम के तहत किसी भी प्रकार की सूचना के लिए मांगी गई राशि को पंचायत निधि में विधिवत जमा कर उसकी रसीद दी जानी चाहिए। यदि राशि का उपयोग नहीं किया गया और सूचना भी नहीं दी गई, तो यह न केवल RTI अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि धारा 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) जैसी धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध भी बनता है।
अब निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर
यह मामला ना सिर्फ एक सरकारी कर्मचारी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि RTI जैसे पारदर्शिता के अधिकार को भी ठेस पहुंचाता है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले में कितना प्रभावी और निष्पक्ष कदम उठाता है
सवाल यह भी है:
₹7682 की वह राशि कहाँ गई?
RTI के आदेश और जुर्माने के बावजूद अधिकारी कैसे बचा रहा?
क्या अन्य मामलों में भी ऐसा होता रहा है?
एक छोटी सी राशि के माध्यम से सामने आया यह मामला व्यवस्था की बड़ी चूक और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है। यदि समय रहते प्रभावी कार्रवाई न हुई, तो यह भ्रष्टाचार और सूचना के अधिकार को कमजोर करने वाला एक खतरनाक उदाहरण बन सकता है। समाचार लिखे जाने तक पीड़ित आवेदक को न तो सूचना दी गई थी, न ही ₹7682 की राशि का हिसाब ही बताया गया था अब प्रशासनिक कदम की प्रतीक्षा है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge