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मुलायम सिंह की सरकार नहीं है जो गोली चलवा दोगे... एसपी को भाजपा नेता की खुली धमकी, अखिलेश ने भी दे दिया जवाब
BJP leader threat to SP: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल का एसपी को दी गई गोली चलाने की धमकी वाला वीडियो वायरल होने के बाद सियासी तूफान मच गया। मुलायम सिंह सरकार पर टिप्पणी से मामला और गरमा गया, जिस पर अखिलेश यादव ने भी तीखा पलटवार किया।
BJP leader threat to SP: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक पुराना मकबरा है लेकिन हालिया विवादों के बाद वो अब स्मारक कम और सियासी अखाड़ा ज़्यादा बन चुका है। मकबरे को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदायों में तनातनी बढ़ी और इस बार मोर्चे पर भाजपा के फतेहपुर जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल खुद उतर आए।
भीड़ के बीच वे नेता जी यूं गरज रहे थे जैसे चुनावी मंच नहीं कोई बॉर्डर हो। लेकिन सारा मामला तब गरमा गया जब उनका एसपी से बातचीत का एक वीडियो वायरल हो गया। जिसमें वे न केवल अधिकारियों को ललकार रहे हैं बल्कि पुरानी सरकार को भी अपनी भाषा से याद कर रहे हैं। ये मुलायम सिंह की सरकार नहीं... वीडियो में जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल पुलिस अधीक्षक से तीखे लहजे में कहते हैं। ये मुलायम सिंह की सरकार नहीं है जो गोली चलवा दोगे। अगर हिम्मत है तो गोली चलवाकर देखिएगा।
अब यह वाक्य सिर्फ एक बयान नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक जले पर नमक जैसा काम कर गया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ और भाजपा की 'शालीन राजनीति' के दावे फिर कटघरे में आ खड़े हुए। पीछे से किसी युवक की आवाज भी आती है अरे ये बोलते रहते हैं। जाहिर है, पार्टी कार्यकर्ताओं को भी आदत हो चुकी है इस 'फूलवर्षा' की।
अखिलेश यादव ने दागे सवाल
अखिलेश यादव का तंज इन फूलों की माला कौन गूंथेगा? सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे अवसर नहीं, व्यंग्य का उत्सव बना दिया। एक्स पर उन्होंने लिखा कि भाजपा के फतेहपुर के ज़िलाध्यक्ष जी के मुंह से जो फूल झड़ रहे हैं, उप्र भाजपा उसकी माला बनवाएगी या उन्हीं को पुष्पगुच्छ बनवाकर भेंट करेगी? अखिलेश यहीं नहीं रुके उन्होंने तंज कसते हुए पूछा कि सवाल ये है कि भाजपा की छवि बिगाड़ने का इशारा उन्हें कहां से मिला है? देखना है कि लखनऊ से बिगाड़कर, ये जिलाध्यक्ष पद पर कितने दिन टिकते हैं।
मकबरा मुद्दा या माइक पर मुखलाल?
फतेहपुर में शुरू हुआ यह विवाद अब मकबरे की दीवारों से निकलकर सत्ता के गलियारों तक पहुंच चुका है। जहां आम जनता शांति की अपील कर रही है, वहीं राजनीति के मुखलाल बयानबाज़ी में नया इतिहास रचने में लगे हैं। पहले गोली की धमकी फिर सरकार को ललकार और अब पार्टी की छवि पर वार क्या भाजपा इस फूलवर्षा को भी विकास बताएगी? या फिर जल्द ही कोई प्रेस रिलीज आकर कहेगा नेता जी के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उनका आशय सिर्फ पुष्पगुच्छ तक सीमित था...
एक ओर धार्मिक तनाव, दूसरी ओर सत्ता का अभिमान और तीसरी ओर व्यंग्य के तीर यूपी की राजनीति इस समय एक शब्दों की जंग में उलझी हुई है। फूल तो वाकई झड़ रहे हैं, लेकिन अब देखना है ये लोकतंत्र की सजावट बनेंगे या किसी की राजनीतिक विदाई की अंतिम मालाएं?
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