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अब कंधों पर सितारे नहीं लेकिन… रिटायरमेंट पर पूर्व DGP प्रशांत कुमार का भावुक संदेश, बोले- वर्दी अस्थायी, सेवा भाव नहीं
IPS Prashant Kumar Retirement: उत्तर प्रदेश के पूर्व DGP प्रशांत कुमार 31 मई को पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हुए। 34 वर्षों की सेवा के बाद उन्होंने X पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, अब कंधों पर सितारे नहीं होंगे, पर दिल में खाकी की भावना हमेशा रहेगी। कर्तव्य कभी समाप्त नहीं होता।
IPS Prashant Kumar Retirement: उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार कल 31 मई को पुलिस सेवा से आधिकारिक रूप से रिटायर हो गये। 34 साल लंबे और समर्पित करियर के विराम पर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा किया। अपने सहकर्मियों और मित्रों के संबोधित करते हुये उन्होंने लिखा, कल मैने जब अपने पुलिस बूट्स आखिरी बार उतारे तो मेरा , तो मेरा दिल कृतज्ञता, गर्व और अपनेपन की भावना से भर गया। ये केवल एक विदाई नहीं बल्कि यह रुकने, सोचने और सेवा की इस असाधारण यात्रा में मेरे साथ चलने के लिए आप सभी को धन्यवाद का अवसर है।
उन्होंने आगे लिखा, वर्दी में पहले दिन से लेकर फेयरवेल के इस मौके तक, मैंने हर दिन एक ही उद्देश्य के साथ जिया। लोगों की सेवा करना, न्याय को बनाए रखने और अपने फोर्स के साथ खड़ा होना। हमारी नौकरी केवल नौकरी नहीं बल्कि एक जीवनमंत्र है। वो पुलिस कांस्टेबल जो मूसलाधार बारिश में खड़े होकर संभालता है, वह अधिकारी जिसने रातों की नींद हराम करके एक केस को सुलझाया और न्याय की डोरों का बांधे रखता है। वही पुलिस की सच्ची आत्मा और दिल है।
पुलिस महकमे की भव्य तस्वीर का मैं केवल धागा मात्र
पूर्व डीजीपी ने आगे लिखा कि, मैं उत्तर प्रदेश पुलिस की भव्य टेपेस्ट्री में सिर्फ़ एक धागा मात्र रहा लेकिन फिर भी आपने मुझे इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा महसूस कराया।
उन्होंने आगे कहा, इन वर्षों में, हमने त्रासदी, विजय और परिवर्तन का सामना साथ में किया। हमने पुलिसिंग को मॉर्डन बनाया, साइबर अपराध से निपटने की कोशिश, संकटों का जवाब दिया और सबसे महत्वपूर्ण बात हमने पुलिस का जनता के बीच विश्वास बहाल किया। और मेरे यही लिए मेरे लिये सबसे बड़ा सम्मान है जिसे मैं सेवानिवृत्ति में ले जाऊँगा। मैं इस पद को बिना किसी पछतावे, पूरे संतोष गर्व और गर्व के साथ छोड़ रहा हूँ।
वर्दी अस्थायी लेकिन...
अपने लेख के अंत में उन्होंने कहा अब मेरे कंधों पर सितारे तो नहीं होंगे लेकिन पुलिस की भावना अपने में हमेशा लेकर चलूंगा। अब मैं जब जीवन के एक शांत अध्याय में कदम रख रहा, तब मेरी मेरी प्रार्थनाएँ, सम्मान और अटूट समर्थन आप सभी को रहेगा। हमें यह नहीं भूलना होगा कि वर्दी अस्थायी है लेकिन कर्तव्य सदा के लिये हैं। आप सभी साहस, करुणा और धैर्य के साथ अपनी सेवा जारी रखें।
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