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Gonda News: कर्नलगंज तहसील में एसडीएम नेहा मिश्रा और वकीलों में विवाद चरम पर
Gonda News: कर्नलगंज तहसील में एसडीएम नेहा मिश्रा और वकीलों के बीच तनातनी गहराई, प्रदर्शन जारी, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप, प्रशासन सतर्क।
कर्नलगंज तहसील में एसडीएम नेहा मिश्रा और वकीलों में विवाद चरम पर (Photo- Newstrack)
Gonda News: यूपी के गोंडा जिले के कर्नलगंज तहसील में उपजिलाधिकारी नेहा मिश्रा और वकीलों के बीच विवाद चरम पर पहुंच गया है। वकीलों का तहसील परिसर में प्रदर्शन जारी है और आज भी एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की हैं। वकीलों का आरोप है कि एसडीएम नेहा मिश्रा न्यायिक कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रही हैं और उनका व्यवहार अमर्यादित है।
वहीं, एसडीएम नेहा मिश्रा ने वकीलों के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि वकील तहसील में अनावश्यक धरना प्रदर्शन कर रहे थे, जो कि सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करता है। एसडीएम ने कहा कि अगर किसी को उनकी कार्यप्रणाली से समस्या है, तो वह लिखित में शिकायत कर सकता है।
बता दें कि कर्नलगंज तहसील प्रशासन और वकीलों के बीच विरोध प्रदर्शन बुधवार से लगातार जारी है। बताया जा रहा है कि यहां वकीलों की तनातनी अधिकांश उपजिलाधिकारियों से रही है।तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्यामधर शुक्ला ने अपने कुछ साथियों के साथ शुक्रवार को तीसरे दिन भी न्यायिक कार्य से विरत रहकर तहसील परिसर में विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। सूत्रों के मुताबिक एसोसिएशन अध्यक्ष की ओर से शनिवार को वकील सम्पूर्ण समाधान दिवस में सक्षम अधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे और आगे क्रमिक अनशन शुरू करेंगे।
वहीं एसडीएम का कहना है कि यहां आए दिन नारेबाजी और हंगामा से तहसील में आने वाले फरियादी परेशान हो रहे हैं, उन्हें समस्याओं का समाधान कराए बिना ही वापस लौटना पड़ता है। हालांकि, नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन के बाद तहसील प्रशासन भी विरोध का जवाब देने के लिए अब कमर कसना शुरू कर दिया है। एसडीएम नेहा मिश्रा ने भी कहा है कि वह वकीलो के एक एक प्रकरण बताऊंगी..... इन लोगों ने तहसील को अपना खुद का अड्डा बना दिया है।
एसडीएम नेहा मिश्रा का कहना है कि सिर्फ अधिकारियों को दबाव में लेने के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है। उनका कहना है कि तहसील परिसर में वह अवैध गतिविधियों को नहीं चलने देंगी । इन अवैध गतिविधियों के खुलासे के डर से कुछ दबंग वकील प्रशासनिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाने के लिए संगठन बनाकर घेराबंदी कर रहे हैं जिससे, उनके काले कारनामों पर पर्दा पड़ा रहे।
बताया जा रहा है कि तहसील प्रशासन में इस स्थिति पर पहले भी जिला प्रशासन ने नाराजगी जताई थी। यहां तक कि डीएम ने भी हालात सुधारने के निर्देश दिए थे, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। नतीजा यह है कि दबंगों और दलालों का वर्चस्व और मजबूत होता जा रहा है।
विश्वसनीय सूत्रों का दावा है कि तहसील में चल रहे इन अवैध कार्यों में कुछ वकीलों की मिलीभगत और बराबर की हिस्सेदारी है। उनके संरक्षण में ही अवैध कार्य का सिलसिला जारी है। वही कुछ फरियादियों का कहना है कि यदि समय-समय पर तहसील का सघन औचक निरीक्षण हो, तो कई बड़े अवैध कारोबारों का खुलासा हो सकता है।इस विवाद के बाद तहसील परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए हैं। वकीलों की मांग है कि एसडीएम का तत्काल स्थानांतरण किया जाए।
लेकिन फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं ।
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