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कौन हैं IAS रिंकू सिंह? जिन्होंने वकीलों के आगे लगायी उठक-बैठक, संघर्षो से भरी है उनकी कहानी
IAS Rinku Singh: आईएएस रिंकू सिंह राही मूल रूप से अलीगढ़ जनपद के रहने वाले हैं। 20 मई 1982 को जन्में रिंकू सिंह की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा अलीगढ़ में ही हुई।
IAS Rinku Singh
IAS Rinku Singh: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद के पुवायां तहसील में धरने पर बैठे वकीलों को शांत कराने पहुंचे एसडीएम को उठक-बैठक लगाते हुए देखा गया। एसडीएम ने वकीलों के आगे कान पकड़कर उठक-बैठक लगायी। इस अधिकारी का नाम रिंकू सिंह राही है और वह शाहजहांपुर में एसडीएम के पद पर तैनात हैं।
वह बीती शाम वकीलों के आंदोलन को खत्म कराने के लिए पहुंचे थे। लेकिन अचानक उनकी एक वकील से बहस हो गयी। मामला बढ़ता देख एसडीएम ने विनम्र अपील करते हुए मामला शांत करने की कोशिश की और कान पकड़ उठक-बैठक भी लगायी। आइए जानते हैं शाहजहांपुर के एसडीएम रिंकू सिंह राही के बारे में
कौन हैं आईएएस रिंकू सिंह राही
आईएएस रिंकू सिंह राही मूल रूप से अलीगढ़ जनपद के रहने वाले हैं। 20 मई 1982 को जन्में रिंकू सिंह की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा अलीगढ़ में ही हुई। साल 2002 में एनआईटी, जमशेदपुर से धातुकर्म में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। इसी साल उन्होंने गेट परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 17वीं रैंक हासिल की। लेकिन उनका लक्ष्य सिविल सर्विस था। साल 2004 में वह उत्तर प्रदेश प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा पास कर जिला समाज कल्याण अधिकारी बने।
2008 में उनकी तैनाती मुज़फ़्फ़रनगर में हुई। पूर्ववर्ती बसपा सरकार के दौरान रिंकू सिंह ने विभाग के कई घोटालों को उजागर किया था। विभाग की जमीन से कब्जा हटाने को लेकर रिंकू सिंह के साथ भी मारपीट की गई। जब रिंकू सिंह ने एकाउंटेंट की गोपनीय रिपोर्ट शीर्ष अधिकारी को भेजी तो उन्होंने वह रिपोर्ट एकाउंटेंट को लीक कर दी। एक प्रमुख सचिव ने भी रिंकू सिंह को धमकाया था और कहा था कि ज्यादा ईमानदारी दिखाई तो उसका हश्र ठीक नहीं होगा।
मारी गयी थी सात गोलियां
26 मार्च 2009 को बैंडमिंटन खेलते समय अधिकारी रिंकू सिंह पर फायरिंग करते हुए उन्हें सात गोलियां मारी गईं थीं। इस जानलेवा हमले में उनकी एक आंख की रोशनी भी चली गयी थी। साल 2012 में रिंकू सिंह राही राजधानी लखनऊ में भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना भी दे चुके हैं। इस पर पुलिस ने उनको मानसिक अस्पताल भेज दिया था।
साल 2018 में उन्हें सस्पेंड भी किया जा चुका है। लेकिन फिर से भी रिंकू सिंह ने हार नहीं मानी और साल 2022 में उन्होंने दिव्यांग कोटे से यूपीएससी की परीक्षा दी और सफलता भी हासिल की। रिंकू सिंह राही की गिनती भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले अधिकारियों में होती है।
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