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Gorakhpur News: शोध, नवाचार के साथ सामाजिक सरोकार से जुड़ें मेधावी, DDU के दीक्षांत के बोले पद्मश्री प्रो. आशुतोष शर्मा
Gorakhpur News: समारोह के मुख्य अतिथि पद्मश्री और आईआईटी कानपुर संस्थान अध्यक्ष प्रोफेसर प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा कि छात्रों को नवाचार, शोध के साथ ही छात्र-छात्राओं को सामाजिक सरोकार को लेकर सजग होना होगा।
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का 44वां दीक्षांत समारोह (photo: social media )
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का 44वां दीक्षांत समारोह योगी बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केंद्र में संपन्न हुआ। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल पहनाकर सम्मानित किया। समारोह के मुख्य अतिथि पद्मश्री और आईआईटी कानपुर संस्थान अध्यक्ष प्रोफेसर प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा कि छात्रों को नवाचार, शोध के साथ ही छात्र-छात्राओं को सामाजिक सरोकार को लेकर सजग होना होगा।
इस अवसर पर 76 छात्रों को 161 मेडल प्राप्त हुआ। कुलाधिपति ने सबसे अधिक पदक पाने वाले छात्र आदित्य को गोल्ड मेडल दिया। जिसके बाद आदित्य ने कहा किउनका अगला लक्ष्य सिविल सेवा में योगदान करना है। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि जो डिग्री मिली है, उसे केवल कागज नहीं समझें, बल्कि यह एक महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ा है। इसकी देन है की 18 मंडल में हर जगह विवि खुल रहे हैं।
पिछली बार से अधिक मेडल मिला
दीक्षांत में कुल 76 विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए गए। जिनमें 56 छात्राएं (73.68 प्रतिशत) और 20 छात्र (26.32 प्रतिशत) शामिल रहीं। इस वर्ष कुल 71 विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक दिए गए, जिनमें 50 छात्राएं और 21 छात्र शामिल हैं। वहीं डोनर पदकों की संख्या 90 है, जिनमें 69 छात्राएं और 21 छात्र सम्मिलित हैं। इस तरह कुल 161 मेधावी विद्यार्थियों को पदक प्रदान किए गए। बता दें कि पिछले साल हुए दीक्षांत समारोह में 55 विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक और 85 डोनर पदक प्रदान किए गए थे।
कुल 73,887 उपाधियां प्रदान की गईं
सत्र 2024-25 में कुल 73,887 उपाधियां प्रदान की गईं। इनमें विश्वविद्यालय परिसर स्तर पर 7,711 उपाधियां शामिल हैं। इनमें 4,458 छात्राएं और 3,253 छात्र शामिल हैं। महाविद्यालय स्तर पर 66,176 उपाधियां दी गईं। जिसमें 46,178 छात्राएं और 19,998 छात्र शामिल हैं। इस तरह कुल 50,636 छात्राओं (68.53 प्रतिशत) और 23,251 छात्रों (31.47 प्रतिशत) को उपाधियां मिलीं। दीक्षांत समारोह में रिकॉर्ड 301 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि प्रदान की गई। इनमें कला संकाय के 117, विज्ञान संकाय के 99, वाणिज्य संकाय के 35, शिक्षा संकाय के 31, विधि संकाय के 11 और कृषि संकाय के 8 शोधार्थी शामिल हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। पिछले वर्ष दीक्षांत समारोह में 166 तथा 42वें दीक्षांत में केवल 25 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि दी गई थी।
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